अमृतसर,19 अक्टूबर(राजन): डीसीपी परमिंदर सिंह भंडाल ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित थानों के भीतर पतंगें उड़ानेपर सिंथेटिक/प्लास्टिक की डोर की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध जारी किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि उनके संज्ञान में आया है कि पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली डोरियां सूती धागे की बजाय सिंथेटिक/प्लास्टिक से बनी होती हैं जो बहुत मजबूत, अघुलनशील और अटूट होती हैं। उन्होंने कहा कि यह सिंथेटिक डोर से उड़ते समय पतंग उड़ाने वालों के हाथ और उंगलियां काट देता है। यहां तक कि साइकिल और स्कूटर चालकों के गले-कान काटने, उड़ते पंछी फंसने और उनकी मौत की भी कई घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा इस डोर में फंसे पक्षियों की पेड़ों पर लटकने से मौत होने से पर्यावरण भी दुर्गंध से प्रदूषित हो रहा है। इस प्रकार यह सिंथेटिक/प्लास्टिक की डोर से जब पतंगबाजी के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो यह मानव जीवन और पक्षियों के लिए घातक साबित होता है। इस डोर के उपयोग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाकर दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। इसलिए यह प्रतिबंध लगाना जरूरी है। यह आदेश 16 अप्रैल 2023 तक लागू रहेगा।
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