
अमृतसर,18 दिसंबर (राजन):सिख युवाओं के बीच पगड़ी की महानता को उजागर करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब में साहिबजादा बाबा फतेह सिंह जी की जयंती को समर्पित एक राष्ट्रीय दस्तारबंदी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम के अवसर पर 1300 बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और पगड़ी पहनकर सिख गौरव का इजहार किया। कार्यक्रम की शुरुआत के मौके पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कुछ बच्चों को पगड़ी पहनाकर शुरुआत की। इससे पहले प्रधान ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह ने पूजा अर्चना की।
दस्तार (पगड़ी) सिख धर्म की गौरवशाली विरासत का प्रतीक
इस मौके पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा खालसा को दी गई पगड़ी सिख धर्म की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। यह सिक्खों के सिर का मुकुट और राजत्व का प्रतीक है। अपनी नई पीढ़ी को इस महान विरासत से जोड़ना राष्ट्र की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इसी मकसद से आज की पगड़ी बांधी रस्म का आयोजन किया गया है।
पंजाब में दस्तार (पगड़ी) के गायब होने पर चिंता जताई
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने पंजाब में दस्तार (पगड़ी) के गायब होने पर चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब गुरुओं की धरती है और यहां की परंपराएं और मूल्य गौरवान्वित हैं. उन्होंने कहा कि सिख बच्चे के लिए सिद्ध चरित्र होना, नशे से मुक्त होना और खांडे बाटे का आशीर्वाद पाकर गुरु सिख बनना बहुत जरूरी है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिख विरासत को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ी को इससे अवगत कराने के लिए बड़े प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने शिरोमणि कमेटी सहित सभी संस्थाओं का दस्तर बंदी कार्यक्रम में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय दस्तारबंदी समारोह के दौरान शिरोमणि कमेटी, धर्म प्रचार कमेटी, एलायंस ऑफ सिख ऑर्गेनाइजेशन, मान्यता प्राप्त एवं संबद्ध स्कूल एसोसिएशन (रासा ), सरदारिया ट्रस्ट, विरसा सावन सरदारी लेहर, रंग करतार दिल्ली और सिख फॉर इक्वैलिटी फाउंडेशन ने शिरकत कीऔर सहयोग किया है।
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