अमृतसर, 1 अप्रैल(राजन): नगर निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने प्रेस के माध्यम से 15 वर्ष पुराने डीजल ऑटो को बंद करने के संबंध में अवगत कराया है कि यह सरकार की योजना है जिसके तहत 15 वर्ष पुरानी यह योजना डीजल वाहनों को सड़कों से हटाकर पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद करने के लिए लोगों को इलेक्ट्रिक और अन्य वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है, इस नीति के बारे में दौरान भ्रम पैदा किया जा रहा है 15 वर्षीय पुराने डीजल ऑटो चालकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है जबकि सरकार का उद्देश्य लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देना और शहरवासियों को प्रदूषण मुक्त वातावरण देना है जिसके तहत सरकार के सहयोग से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अमृतसर में “राही प्रोजेक्ट” शुरू किया गया है।
सरकार की ओर से नकद भुगतान या आसान बैंक किश्तों में 1.40 लाख रुपये की नकद सब्सिडी
कमिश्नर संदीप ऋषि ने बताया अमृतसर में पंजीकृत पुराने डीजल ऑटो को सरकार की ओर से नकद भुगतान या आसान बैंक किश्तों में 1.40 लाख रुपये की नकद सब्सिडी के साथ नई और उन्नत तकनीक वाले ई-ऑटो से बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। नवीन ई-ऑटो को नगर निगम द्वारा शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत ” प्राथमिकता कार्ड” जारी किया जायेगा जिसमें नीला कार्ड, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा, इस योजना के तहत लाभार्थी के परिवार में एक महिला को कौशल विकास योजना के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण पूरी तरह से निःशुल्क प्रदान किया जाएगा, जबकि बाजार में इस कोर्स को करने में हजारों रुपये खर्च होते हैं।
ई-ऑटो, ई-रिक्शा से कई गुना बेहतर
कमिश्नर ऋषि ने बताया कि ई-ऑटो, ई-रिक्शा से कई गुना बेहतर है क्योंकि ई-ऑटो में ज्यादा पावर और माइलेज होता है। इसकी बैठने की क्षमता अधिक होती है और इसकी अवधि भी अधिक होती है, जबकि ई-रिक्शा 2-3 वर्षों में अप्रचलित हो जाता है। यह देखा गया है कि ई-रिक्शा कभी-कभी सड़कों पर पलट जाते हैं और दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं जिससे आम जनता का जीवन सुरक्षित नहीं होता है जबकि ई-ऑटो पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए सहभागी रूप से डिजाइन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि “राही प्रोजेक्ट” के तहत सरकारी सब्सिडी के साथ इन ई-ऑटो की लागत लगभग ई-रिक्शा जितनी होती है, इसलिए अमृतसर में पंजीकृत 15 वर्षीय डीजल ऑटो को बिना किसी देरी के “राही प्रोजेक्ट” योजना का लाभ उठाएं और प्रशासन भी इसमें पूरा सहयोग कर रहा है और एक दिन में सारे दस्तावेज पूरे कर चालक को पुराने डीजल ऑटो की जगह नया ई-ऑटो मुहैया कराया जा रहा है और ऑटो चालक एक दिन भी बेरोजगार नहीं रहेगा।इस योजना को और गति देने के लिए नगर निगम की विभिन्न टीमों का गठन किया गया है।जिसमें सभी विभागों के शासकीय अधिकारी अपनी-अपनी टीमों के साथ शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर कैंप लगाकर ऑटो चालकों को ई-ऑटो अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे और ऑटो चालकों को ई-ऑटो अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे तथा मौके पर ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जाएगी और ई-ऑटो को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. ऑटो बॉरोअर्स को डॉक्यूमेंटेशन पूरा करने में पूरा सहयोग दिया जाएगा।
15 साल पुराने डीजल ऑटो,अनाधिकृत ई-रिक्शा को एक अप्रैल से शहर में चलने पर रोक
कमिश्नर ऋषि ने कहा कि वर्तमान में बाहरी शहरों के लोग अमृतसर शहर में डीजल ऑटो चला रहे हैं और इसके अलावा हजारों ई-रिक्शा अनाधिकृत और अवैध तरीके से चल रहे हैं जो पूरी तरह से कानून के खिलाफ हैं।इस से सम्बन्धित आरटीए सचिव से भी चर्चा हो चुकी है। बताया गया है कि 15 साल पुराने डीजल ऑटो, बाहरी शहरों में पंजीकृत ऑटो और अनाधिकृत ई-रिक्शा को एक अप्रैल से 2023 तक शहर में चलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन कानूनी कार्रवाई शुरू करने जा रहा है।आयुक्त ऋषि ने नगर निगम की स्मार्ट सिटी के तहत चलाई जा रही “राही परियोजना योजना” के तहत गुरु नगरी के पर्यावरण के रखरखाव के लिए काम कर रहे संगठनों से भी लोगों को ई-ऑटो का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने और इस कार्य के लिए नगर निगम सहयोग करने की अपील की।
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