
अमृतसर,14 जुलाई (राजन):भारत ने आज 18 पाकिस्तानी नागरिकों को उनके वतन रवाना किया। इनमें से कई नागरिक ऐसे थे जो तकरीबन 7 सालों के बाद अपने वतन लौट रहे हैं। इन पाकिस्तानी नागरिकों को कागजी कार्रवाई के बाद अटारी बॉर्डर के रास्ते रवाना कर दिया गया। इनमें 12 सिविलियन और 6 मछुआरे हैं।भारत में इल्लीगल पहुंचे कराची के अनीफ खान ने बताया कि उसकी शादी को 10 साल हो गए थे, कोई औलाद नहीं हुई। इसलिए उसने भारत आने का फैसला किया। नेपाल में पाकिस्तानी नागरिकों को ऑन अराइवल वीजा मिलता है। इसलिए वह सीधा नेपाल आया और वहां से भारतीय सीमा में दाखिल हो गया। बेटे की चाह में वह भारत में ख्वाजा जी की दरगाह पर आया था, लेकिन पकड़ा गया। जब वह पकड़ा गया था, तब उसकी उम्र 50 साल थी, अब वह 57 साल का हो चुका है
दो बार रुकी उसकी रिहाई
अनीफ ने बताया कि 7 साल पहले उसके भारत आने के बाद 2 बार उसकी रिहाई रुक गई। पहले पुलवामा हमला हो गया। जिसके बाद दोनों सरकारों ने एक दूसरे के साथ बातचीत बंद कर दी। बात यहां भी नहीं रुकी। उसके बाद साल 2020 में कोरोना आ गया और बॉर्डर सील हो गए। अंत में अब 7 साल के बाद उसे रिहाई मिल रही है। यही कहानी सभी 18 लोगों की है, जो सालों के बाद अपने परिवारों से मिलेंगे।
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