
अमृतसर, 31 जुलाई(राजन): मुख्यमंत्री भगवंत मान के पंजाब को रंगला पंजाब बनाने के मकसद से पंजाब सरकार उच्च शिक्षा एवं भाषा विभाग पंजाब की प्रधान सचिव जसप्रीत कौर तलवाड़ अतिरिक्त निदेशक के मार्गदर्शन में वीरपाल कौर के नेतृत्व एवं जिला भाषा अधिकारी डाॅ. परमजीत सिंह कलसी (नेशनल अवार्डी) की योजनाबद्ध कार्यशैली के तहत स्थानीय खालसा कॉलेज फॉर वूमेन की प्रिंसिपल डाॅ. सुरिंदर कौर के सहयोग से तीन सत्रों में रूबरू, काव्य कार्यशाला एवं सावन कवि दरबार का आयोजन हुआ, जो विद्वतजनों की प्रेरक भागीदारी से ऐतिहासिक बन गया। इसमें एडीसी हरप्रीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिगेडियर सतिंदर सिंह औलख (निदेशक सैन्य कल्याण विभाग, पंजाब), गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और अंतरराष्ट्रीय पंजाबी कवि डाॅ. सुहिन्दर बीर और खालसा कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. परमिंदर सिंह विशेष मेहमान के तौर पर शामिल हुए।

प्रथम सत्र में डॉ. की अध्यक्षता में प्रसिद्ध पंजाबी कवि मालविंदर सिंह से रू-ब-रू साक्षात्कार हुआ। सुरिंदर कौर प्रिंसिपल, जबकि डॉ. बलजीत कौर रियाड़ ने मुख्य वक्ता के रूप में कवि मालविंदर सिंह के जीवन और कार्यों पर एक विस्तृत शोध पत्र पढ़ा। दूसरे सत्र में काव्य सिद्धांत एवं रूपक विषय पर पंजाबी विभाग के प्रमुख प्रो. रविंदर कौर ने शोध पत्र पढ़ा। इस चर्चा को आगे बढ़ाते हुए और सत्र की अध्यक्षता करते हुए सुहिन्दर बीर ने गीत, ग़ज़ल, दोहे, नज़म आदि काव्य विधाओं की सैद्धांतिक और व्यावहारिक व्याख्या की। समारोह के तीसरे सत्र में भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता विश्व प्रसिद्ध पंजाबी कवि डाॅ. मोहनजीत (‘कोने दा सूरज’ वाले) की अध्यक्षता में आयोजित सावन कवि दरबार में जिले के प्रमुख कवियों ने गीत, गजल, दोहे आदि के रूप में अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस सत्र में डाॅ. मोहनजीत, अजाज सिंह हुंदल, विजयत भारद्वाज, हरमीत चित्रकार, डाॅ. बिक्रमजीत सिंह, डाॅ. बलजीत सिंह ढिल्लों, डाॅ. मोहन बेगोवाल, स्टेट अवार्डी गुरमीत सिंह बाजवा, जसवंत धाप, अजीत सिंह नबीपुर, बलजिंदर मांगट, धरमिंदर सिंह औलख, राजबीर कौर ग्रेवाल, सतिंदरजीत कौर, गुरजीत कौर अजनाला, हरजीत सिंह संधू, राज चौगावां, भगत नारायण, कुलदीप सिंह दराजके, सुरिंदर सिंह सराय, डॉ. कश्मीर सिंह खुंडा, सरबजीत सिंह संधू, ज्ञानी प्यारा सिंह जाचक, परषोतम अजनाला, डाॅ. अजयपाल, के.के. थिंद, डॉ. मोहन, रशपिंदर कौर गिल, सतिंदर ओथी, डाॅ. मस्तिंदर सिंह, हरमिंदर सिंह आदि ने अपनी लोकप्रिय नज्में पेश कीं। मुख्य अतिथि हरप्रीत सिंह आईएएस और विश्व प्रसिद्ध पंजाबी कवि डॉ. मोहनजीत सहित विशिष्ट अतिथियों ने इस कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों को पंजाबी भाषा और साहित्यिक कृतियों के माध्यम से देश को समृद्ध बनाने के लिए प्रेरक मार्गदर्शन दिया और कार्यक्रम की सराहना की।

उसके बाद कवि मालविंदर की काव्य पुस्तक ‘चुप दा मरम परदगी’ प्रकाशित हुई। समारोह के अंत में डाॅ. परमजीत सिंह कलसी (राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता) जिला भाषा अधिकारी ने भाषा विभाग की ओर से मुख्य अतिथि, विशेष अतिथि और अध्यक्ष मंडल को मेडल देकर सम्मानित किया, जबकि उपस्थित सभी कवियों और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा डाॅ. भूपिंदर सिंह जॉली, डॉ. हीरा सिंह, कथाकार दीप दविंदर, पूर्व जिला भाषा अधिकारी डाॅ. भूपिंदर सिंह मट्टू, हरजीत सिंह सीनियर असिस्टेंट, जसवीर सिंह, विनोद शर्मा, कॉलेज का स्टाफ और विद्यार्थी मौजूद थे।
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