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स्ट्रीट लाइट का बुरा हाल, अधिकांश क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट बंद, एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट जांच का विषय

अमृतसर,22 अक्टूबर (राजन गुप्ता): गुरु नगरी अमृतसर की स्ट्रीट लाइट का बुरा हाल है। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में रात के समय स्ट्रीट लाइट बंद रहती हैं। नगर निगम के पास स्ट्रीट लाइट विभाग के लिए इस वक्त निगरान इंजीनियर, एक्सईएन, तीन जे ईज,18 इलेक्ट्रीशियन, पेट्रोलर और 130 मोहल्ला सुधार  कमेटियों के मुलाजिम कार्यरत है।

नगर निगम की बिल्डिंगों, शहर के बड़े-बड़े,छोटे-छोटे पार्कों और नगर निगम की लगभग 10000 स्ट्रीट लाइट को ठीक करने के लिए मोहल्ला सुधार कमेटी के 130 कर्मचारी कार्य करते हैं। किंतु इन से भी कंपनी द्वारा लगाई गई एलइडी स्ट्रीट लाइट के शाम को स्विच ऑन करने, बंद पड़ी लाइटों को शुरू करवाने का कार्य मोहल्ला सुधार कमेटी के कर्मचारियों से लिया जाता है।

इसके अलावा नगर निगम द्वारा शहर की स्ट्रीट लाइट की ऑपरेशन एंड मेंटिनेस करने के लिए कंपनी को ठेका दिया हुआ है। इसकी एवज में कंपनी को 8 प्रतिशत सेविंग को छोड़कर 400 रुपए पर स्ट्रीट लाइट प्वाइंट प्रतिवर्ष के लिए भुगतान किया जाता है। कंपनी 3 माह के बाद  ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस के लिए लाखों रुपया नगर निगम से भुगतान ले रही है। इसके बावजूद भी शहर में स्ट्रीट लाइट की जो दशा है, उसको सारे शहरवासी पूरी तरह और अच्छी तरह से जानते है ।

अधिकांश क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट बंद पाई गई

शहर की स्ट्रीट लाइट को लेकर शहरवासियो द्वारा बार-बार “अमृतसर न्यूज अपडेट्स ‘ को शिकायतें करने पर, अमृतसर न्यूज अपडेट्स की टीम द्वारा 21 अक्टूबर शनिवार रात को शहर का दौरा किया गया।

जिन में श्री दुर्गानिया तीर्थ के लोहगढ़ गेट से हाथी गेट तक, हाथी गेट से नगर निगम ऑटो वर्कशॉप,खजाने गेट से लेकर झब्बाल रेलवे फाटक, रेलवे फाटक से आगे झब्बाल रोड, गेट हकीमा से भगतावाला दाना मंडी की ओर जाती सड़क, गेट खजाना से लोहगढ़ गेट जाती सड़क. शाहीदा साहिब चौक से तरनतरण रोड, ईस्ट मोहन नगर,सुल्तान विंड रोड,सुल्तान विंड चौक से लेकर घी मंडी,बस स्टैंड के आसपास का क्षेत्र, हुसैनपुरा पुल, चिल्ड्रन वार्ड, बटाला रोड विजय नगर, बटाला रोड पर बने पुल, सर्कुलर रोड मेडिकल कॉलेज, पॉलिटेक्निकल रोड, ओसीएम मिल  बाहर रोड,ओल्ड जेल रोड, फतेहगढ़ चूड़ियां रोड, गुमटाला रोड, रीगो ब्रिज, ग्रीन एवेन्यू रंजीत एवेन्यू के बीच सड़क तथा अन्य कुछ क्षेत्रों का दौरा किया गया।

इन क्षेत्रों में अधिकांश जगहों पर स्ट्रीट लाइट पॉइंट्स बंद पाए गए। इसके साथ-साथ अमृतसर न्यूज अपडेट्स को शहर के  सभी हिस्सों से विशेष का शहर की पाश कॉलोनी के भीतर से भी स्ट्रीट लाइट्स बंद होने की कंप्लेंट्स आ रही है।

34.57 करोड़ का कंपनी को दिया गया ठेका

अमृतसर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शहर की स्ट्रीट लाइट को लेकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट( डीपीआर) बनवाकर ई टेंडर जारी किए गए। साल 2019 में डीपीआर के मुताबिक 34.57 करोड़ रुपयो का ठेका एक कंपनी को दे दिया गया। कंपनी ने अपना कार्य करना शुरू कर दिया गया। नगर निगम की पुरानी लाइटों को उतार कर  कंपनी द्वारा नई एलइडी लाइटे लगानी  शुरू कर दी गई।

नगर निगम की पुरानी स्ट्रीट लाइटों को हटाने की एवज में क्या किया गया, यह भी एक जांच का विषय है। क्योंकि इसमें नगर निगम की काफी काफी महंगी स्ट्रीट लाइट्स भी थी।यहां तक की डीपीआर के अनुसार लाइट कम होने पर तत्कालीन अमृतसर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सीईओ एवं नगर निगम कमिश्नर द्वारा कंपनी का 10% ठेके को फाइनेंस तौर पर बढ़ा दिया गया।

इसके बाद एक बार फिर नगर निगम हाउस की वित्त एंड ठेका कमेटी ने कंपनी का ठेका 25 प्रतिशत फाइनेंस बढ़ा दिया गया।इस तरह से कंपनी का ठेका लगभग 12 करोड रुपए और बढ़ गया। कंपनी के साथ किए गए एम ओ यू एग्रीमेंट के अनुसार 50 प्रतिशत भुगतान तो साथ-साथ ही होता रहा। कंपनी कुल ठेके का 50% भुगतान तो ले चुकी है और उसके बाद कंपनी को स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से पिछले कई महीनो से प्रतिमाह लगभग 20 लाख रुपया भुगतान किया जा रहा है।

ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का कंपनी ले रही भुगतान

जिस कंपनी को एलइडी लाइट्स लगाने का ठेका दिया हुआ है,उसी कंपनी को एम ओ यू के हिसाब से स्ट्रीट लाइट की ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का भी ठेका दिया हुआ है। कंपनी इसकी एवज में नगर निगम से प्रति पॉइंट 400 रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से लेती है। कंपनी का कागजों में दावा है कि कंपनी ने लगभग 65000 से अधिक एलइडी स्ट्रीट लाइट शहर में लगा दी हुई है। क्या इतने पॉइंट कंपनी द्वारा लगा दिए गए हैं? यह भी एक जांच का विषय है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बीआरटीएस रूट, नेशनल हाईवे और नगर निगम की अपनी भी लगभग 10000  स्ट्रीट लाइट्स पॉइंट है। इन प्वाइंटों की ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस के लिए कंपनी ने साफ तौर पर कई महीने पहले नगर निगम को काम ना करने के लिए लिखित तौर पर दिया था। इसके बावजूद भी पिछले कई महीनो से कंपनी इसका भी ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का नगर निगम से भुगतान ले रही है। जिसमें कंपनी द्वारा लगाई गई लाइटों के अलावा 10000 हजार स्ट्रीट लाइट प्वाइंट भी है। कंपनी 3 महीने के बाद नगर निगम से ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का लाखों रुपया भुगतान लेती हैऔर ले भी रही है।

कंपनी की कमियां, पर किसी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की ?

इसमें कोई संदेह नहीं है कि कंपनी द्वारा लगाई गई जितनी भी एलइडी लाइट्स है, वह बेहतर क्वालिटी की है चाहे वह चाइना मेड ही क्यों ना है । इसके बावजूद भी कंपनी की काफी कमियां है। कंपनी ने एम ओ यू एग्रीमेंट के हिसाब से अभी कार्य पूरा नहीं किया है। चाहे एलइडी लाइट लगने से नगर निगम को बिजली का बिल काफी कम आना है। इसके बावजूद भी कंपनी द्वारा कम किलोवाट के मीटर पूरी तरह से नहीं लगाए गए । कंपनी ने मीटर लगाने के लिए बाद में नगर निगम को कह दिया कि नगर निगम खुद ही मीटर लगवाने शुरू किया,बाद में कम किलोवाट मीटर लगाने का कार्य भी बंद हो गया। जिससे मीटर लगने की संख्या को अभी तक पूरा नहीं किया गया। जिस पर बहुत अधिक किलोवाट के मीटर के हिसाब से नगर निगम को बिजली का बिल आ रहा है। चाहे नगर निगम ने पिछले कई वर्षों से बिजली का बिल नहीं भरा है। जिस पर पावर काम का 350 करोड़ रुपयो से अधिक का भुगतान इस वक्त भी नगर निगम ने देना है। कंपनी द्वारा बड़े पोलों पर लगाई गई स्ट्रीट लाइट के  पोलो को अर्थ किया जाना था। जिसे कंपनी द्वारा अभी तक पोलो को अर्थ नहीं किया गया। सबसे महत्वपूर्ण कंपनी द्वारा प्रत्येक 50 से 60 स्ट्रीट लाइट प्वाइंट पर एक सीसीएमएस बॉक्स लगाना होता है। सीसीएमएस बॉक्स लगने से कहीं भी कोई स्ट्रीट लाइट से बिजली की चोरी करता है तो उसे क्षेत्र की स्ट्रीट लाइट बंद हो जाती है । कंपनी द्वारा जितनी स्ट्रीट लाइट लगाई गई है, उसके कई प्वाइंटों के साथ सीसीएमएस बॉक्स नहीं लगाए गए हैं।यह भी एक जांच का विषय है ?

ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस में कमियां

कंपनी ने नगर निगम से स्ट्रीट लाइट ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का ठेका लिया हुआ है। उसमें भी बहुत कमियां है। ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस के एग्रीमेंट के हिसाब से कंपनी को कंप्यूटराइज शिकायत केंद्र खोलना था। जिसमें शहर में आने वाली शिकायतें कंप्यूटराइज्ड तौर पर दर्ज होनी थी। शुरू शुरू में कंप्यूटर सेंटर खोला गया, बाद में बंद हो गया। नगर निगम रंजीत एवेन्यू कार्यालय में  एक बड़ी कंप्यूटराइज एलईडी स्क्रीन चलानी थी। जिस स्क्रीन पर शहर की पुरी पुरी स्ट्रीट लाइट का विवरण जगमगाना था। अगर शहर में किसी भी जगह पर स्ट्रीट लाइट खराब होकर बंद हो गई है तो स्क्रीन पर बंद स्ट्रीट लाइट का साफ विजन दिखाना था। की किस क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट बंद हुई है। कंपनी द्वारा शुरू में नगर निगम कार्यालय में एलईडी स्क्रीन तो लगाई गई। किंतु यह स्क्रीन शुरू से ही शुरू नहीं हो पाई। अब तो यह स्क्रीन एक डब्बा बनकर रह गई है। कंपनी को शहर की स्ट्रीट लाइट की ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस के लिए पांचो विधानसभा क्षेत्र में पांच कार्यालय खोले जाने का प्रावधान भी है। शुरू शुरू में पांच केंद्र खोले भी गए और वहां पर स्टाफ के साथ-साथ मशीनरी भी रखी गई। किंतु पिछले कई महीनो से पांचो विधानसभा क्षेत्र में ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस केंद्र बंद पड़े हुए हैं। अलबत्ता  पिछले कुछ दिनों से पांचो विधानसभा क्षेत्र के लिए स्ट्रीट लाइट की शिकायतें सुनने के लिए कंपनी ने अपना पुराना मैनेजर और पांच सुपरवाइजरों को रंजीत एवेन्यू में एक ऑफिस लेकर वही पुराने पांच मोबाइल नंबर दे दिए गए हैं। उन नंबरों पर रंजीत एवेन्यू में बैठे सुपरवाइजर शिकायत सुन रहे हैं  क्योंकि नगर निगम कमिश्नर राहुल द्वारा शहर को 20 सेंटरों में बांट कर तीन शिकायत नंबर जारी किए थे। इन तीन फोन नंबरों पर अगर कोई स्ट्रीट लाइट की शिकायत करता था,तब वहां से जवाब आता था,आप स्ट्रीट लाइट के शिकायत नंबर पर ही अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।

ऑडिट रेकोजिशन  लगने के बाद भी हो रहा भुगतान

अमृतसर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट को लेकर सरकार द्वारा 1 साल पहले से ही थर्ड पार्टी ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार ऑडिट रेकोजिशन लगाया हुआ है। सरकार द्वारा भेजी गई एक एक्सपर्ट टीम ने फील्ड में जाकर एलइडी स्ट्रीट लाइट की विस्तार पूर्वक जांच करने के उपरांत ही ऑडिट रेकोजिशन लगाई गई थी। सरकार द्वारा लगाई गई ऑडिट रेकोजिशन के उपरांत इसका जवाब सरकार को भेजना होता है । स्मार्ट सिटी लिमिटेड और नगर निगम द्वारा  सरकार को ऑडिट रेकोजिशन का जवाब तो नहीं भेजा गया, अलबत्ता इसी बीच कंपनी को करोड़ों रुपयों का भुगतान कर दिया गया। भुगतान करने की पूरी जांच पर नगर निगम के कनिष्ठ अधिकारी से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक गाज गिर सकती है। कैसे-कैसे करोड़ो रुपयो के भुगतान हो गए ।

स्ट्रीट लाइट ठीक न करने पर जुर्माना का है प्रावधान

स्ट्रीट लाइट की शिकायत आने पर अगर 48 घंटे में शिकायत ठीक नहीं होती, तो कंपनी पर आगे से प्रतिदिन 100 रुपए जुर्माना लगाने का प्रावधान है। पहले कंपनी पर  जुर्माना भी लगाया जाता था। पिछले कई महीनो से जुर्माना नहीं लग रहा है। इसमें यह कहा जाता है कि शिकायत केंद्र पर शिकायत दर्ज होने, नगर निगम को डिजिटल शिकायत और एम सेवा पर शिकायत होने पर शिकायत का निपटारा होने पर ही जुर्माना लगाया जा सकता है। सारे शहर की अधिकांश स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है, इस पर लाखों रुपया जुर्माना पड़ सकता है ।

कंपनी का भुगतान बंद किया हुआ

निगरान इंजीनियर संदीप सिंह

नगर निगम स्ट्रीट लाइट विभाग के निगरान इंजीनियर संदीप सिंह का कहना है कि उन्होंने कुछ ही दिन पहले स्ट्रीट लाइट का चार्ज संभाला है। स्ट्रीट लाइट के ऑडिट रेकोजिशन का पता चलते ही उन्होंने सितंबर महीने से भुगतान बंद कर दिया था। कंपनी को इस वक्त स्मार्ट सिटी लिमिटेड का पुराना भुगतान और ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का भुगतान पूरी तरह से बंद किया हुआ है। संदीप सिंह ने कहा कि निगम कमिश्नर द्वारा स्ट्रीट लाइट विभाग में तैनात किए गए एक्सईएन, जे ईज, इलेक्ट्रीशियन और पेट्रोलरों को कड़ी चेतावनिया दे रखी है कि स्ट्रीट लाइट की लगातार जांच करके उनका रिपोर्ट सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि इसमें अगर कोई भी कोताही   पाई गई तो इसकी रिपोर्ट नगर निगम कमिश्नर को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरे चार्ज संभालने से पहले अगर कुछ हुआ तो जांच के उपरांत निगम कमिश्नर को रिपोर्ट भेजेंगे।

समूची स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को ठीक करवाया जाएगा

विधायक डॉ अजय गुप्ता

“अमृतसर न्यूज़ अपडेट्स” से बातचीत करते हुए केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ अजय गुप्ता ने कहा कि समूची स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को ठीक करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र में लग चुकी स्ट्रीट लाइट की विस्तार पूर्वक रिपोर्ट निगम अधिकारियों से मंगवाई गई है। खराब हुई स्ट्रीट लाइटों को आने वाले कुछ ही दिनों में पूरी तरह से ठीक करवाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके इलावा केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र के बाहरी कुछ क्षेत्र में अभी भी स्ट्रीट लाइट लगनी रही है। उसके भी एस्टीमेट लगभग तैयार कर लिए गए हैं और आने वाले दिनों में टेंडर प्रक्रिया कर दी जाएगी। विधायक डॉ अजय गुप्ता ने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार आम लोगों की सरकार है। उन्होंने कहा कि कोताही करने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में उनके पास जो भी शिकायत आती है, उसको पहल के आधार पर हल करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उन्होंने विधानसभा में प्रश्न भी लगाया हुआ है। डॉ गुप्ता ने कहा कि  केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र की बड़ी समस्याओं को लेकर वह विधानसभा के पटल पर प्रश्न उठाते रहेंगे। विधायक डॉ गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मुलाकात दौरान शहर की कुछ बड़ी समस्या बताई गई थी, उसे भी आने वाले दिनों में हर हालत में हल करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए बड़ी-बड़ी टेंडर प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।

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