दीवाली के मौके पर रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकेंगे
गुरुपर्व पर सुबह 4 से 5 बजे और रात को 9 से 10 बजे तक चलने की इजाजत
क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर रात 11.55 बजे से अगली सुबह 12.30 बजे के बीच ही पटाखे चलाए जा सकते
पटाखों की बिक्री पर रोक, तय समय में पटाखे चलाने पर रोक
केवल हरित पटाखे ही बेचे और चलाए जा सकेंगे
अमृतसर, 26 अक्टूबर: डिप्टी कमिश्नर सह जिला मजिस्ट्रेट घनशाम थोरी ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशों के अनुसार त्योहार के दिनों में पटाखे चलाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। तदनुसार, जिले में दीवाली और गुरुपर्व के अवसर पर पटाखों की बिक्री के लिए अस्थायी लाइसेंस जारी किया जाएगा और इसके अलावा जिले के भीतर दीवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल के दिन पटाखे चलाने का समय निर्धारित किया जाएगा। माननीय उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश भी तय किये गये जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुसार जिले में जिले के भीतर पटाखों की बिक्री के लिए प्रोविजनल लाइसेंस जारी किया जाएगा। ड्रा के अनुसार आवंटी द्वारा निर्धारित स्थान पर प्रातः 10 बजे से सायं 7.30 बजे तक ही पटाखे विक्रय किये जा सकेंगे तथा इस अवधि में निर्धारित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित है। केवल हरित पटाखे जो लिथियम, पारा, आर्सेनिक, जिंक, बेरियम नमक आदि से बने हों, उन्हें बेचा और चलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल रिट याचिका संख्या 728/2015 दिनांक 23-10-2018 में दीवाली, गुरपूर्व , क्रिसमस के अवसर पर पटाखे चलाने की जो छूट दी गयी है, उसके तहत निर्धारित समय के अंदर पटाखे चलाये जाये। उन्होंने कहा कि दीवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे तक, गुरुपर्व के दिन सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात को 9 बजे से 10 बजे तक पटाखे चलाए जा सकते हैं. इसी तरह क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रात 11.55 बजे से अगली सुबह 12.30 बजे तक और नये साल की पूर्व संध्या पर रात 11.55 बजे से अगली सुबह 12.30 बजे तक पटाखे चलाने का समय तय किया गया है. इस समय से पहले और बाद में किसी भी प्रकार के पटाखे चलाना प्रतिबंधित रहेगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कोई भी वेबसाइट, ई-कॉमर्स साइट आदि पटाखे नहीं बेच सकेगी।जिला मजिस्ट्रेट ने आगे कहा कि विवाह समारोहों के दौरान पटाखे चलाने और सुरक्षा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मैरिज पैलेस मालिक को इस संबंध में लाइसेंस लेना आवश्यक होगा।इसके अलावा शोभा यात्रा, नगर कीर्तन, प्रभात फेरी और अन्य आयोजनों के दौरान पटाखे छोड़ने के लिए भी लाइसेंस की आवश्यकता होती है।इस बीच घनी आबादी वाले इलाकों और आग लगने वाले इलाकों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि उन्होंने नगर निगम कमिश्नर, एसएसपी, सभी एसडीएम, कार्यकारी अभियंता पंजाब प्रदूषण निवारण बोर्ड को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। डीसी ने जिलावासियों से अपील की है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशानुसार आम लोग निर्धारित समयावधि में ही पटाखे चलाएं। उन्होंने कहा कि पटाखों से जहां पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है, वहीं इनके शोर और प्रदूषण से इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी बुरा असर पड़ता है, जिसके लिए आम लोगों को जितना हो सके पटाखे चलाने से बचना चाहिए।
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