अमृतसर, 25 दिसंबर(राजन गुप्ता): लगभग 25 लाख रुपये की लागत से भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया है, जो गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एक वायरल रिसर्च और रेबीज डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी।ओम प्रकाश सोनी ने आज चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान पंजाब के मंत्री के रूप में यहां खुलासा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने “प्रोजेक्ट जेनेटिक डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल” के तहत इस प्रयोगशाला की स्थापना का प्रस्ताव भेजा था जिसे विशेषज्ञों की समिति ने मंजूरी दे दी थी। उन्होंने कहा कि यह पहली उच्च तकनीक वाली रेबीज डायनामिक प्रयोगशाला होगी जिसमें रेबीज पर शोध और जांच की जाएगी।सोनी ने कहा कि इससे न केवल पंजाब के लोगों को बल्कि पड़ोसी राज्यों के लोगों को भी फायदा होगा।
मंत्री सोनी ने कहा कि सरकार पंजाब के लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है और मेडिकल कॉलेजों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अधिक परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान करना था, जिसके तहत तीनों सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बुनियादी ढांचे को और विकसित किया जा रहा था।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव देवगन ने कहा कि रेबीज डायग्नोस्टिक लैब को नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, दिल्ली द्वारा परियोजना के लिए बुनियादी ढांचा और तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस लैब की स्थापना से बड़ी संख्या में असमय जान बचाई जा सकती है।वायरोलॉजी लैब के प्रभारी डॉ केडी सिंह ने कहा कि इस लैब की स्थापना से रेबीज की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रण में लाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अमृतसर में इस लैब को स्थापित करने के लिए कैबिनेट मंत्री सोनी और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान डीके तिवारी द्वारा विशेष प्रयास किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप यह लैब अमृतसर में स्थापित की जा रही है।
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