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भाषा विभाग द्वारा जी एन डी यु   के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को समर्पित पुस्तक चर्चा एवं त्रिभाषी कवि दरबार प्रभावशाली रहा

अमृतसर, 22 फरवरी: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और माननीय उच्च शिक्षा एवं भाषा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के कुशल नेतृत्व में और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. जसपाल सिंह संधू के संरक्षण में विश्वविद्यालय, भाषा विभाग पंजाब, जिला अमृतसर द्वारा जिला भाषा अधिकारी डाॅ. परमजीत सिंह कलसी की कार्य योजना से गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के पंजाबी विभाग के प्रमुख डाॅ. मनजिंदर सिंह एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ. सुनील कुमार के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को समर्पित ‘पुस्तक चर्चा’ (प्रथम सत्र) एवं त्रिभाषी कवि दरबार (द्वितीय सत्र) का आयोजन किया गया। मातृभाषा को समर्पित इस समारोह के प्रथम सत्र में पद्मश्री डाॅ. हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर हरमिंदर सिंह बेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जबकि डीन अकादमिक डॉ. समारोह की अध्यक्षता बिक्रमजीत सिंह बाजवा ने की। डॉ। मनजिंदर सिंह और डॉ. सुनील कुमार ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत पौधे देकर किया।

जिले के जाने-माने कवियों ने काव्य प्रस्तुति के माध्यम से श्रोताओं को काफी देर तक बांधे रखा

प्रोफेसर अवतार सिंह और डॉ. बलजीत कौर रियाड़ ने ‘लेखे आवाह भाग’ पुस्तक पर शोध पत्र पढ़ा और पंजाबी भाषा और मातृभाषा की महानता पर चर्चा की। प्रथम सत्र में धन्यवाद प्रस्ताव डाॅ. प्रस्तुति जिला भाषा अधिकारी परमजीत सिंह कलसी द्वारा की गई। दूसरे सत्र में जिले के प्रसिद्ध उर्दू, पंजाबी व हिंदी कवियों का त्रिभाषी कवि दरबार लगा।इस कवि दरबार की अध्यक्षता वास्तुकला विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सर्बजोत सिंह बहल ने की। शिरोमणि पंजाबी कवि डॉ. रविंदर और भाषा विभाग की डीन डॉ. सुधा जितिंदर विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस सत्र में निर्मल अर्पण, प्यारा सिंह कुद्दोवाल कनाडा, अरतिंदर संधू, जसवन्त धाप, सरबजीत संधू, हरमीत चितकर, कुलदीप सिंह दराजके, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. कुसम डोगरा, श्री रमन शर्मा, रमन संधू, प्रिजी केसर, गुरदीप सिंह औलख, अजीत सिंह नबीपुर नामक कवियों, डॉ. शैली जग्गी, सुरिंदर मकसूदपुरी, डॉ. कश्मीर सिंह खुंदा, जतिंदर कौर आदि ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करके दर्शकों को प्रभावित किया और वे आश्चर्यचकित रह गए। इस कवि दरबार की सराहना की गई कि इसके माध्यम से मातृभाषा के प्रति सम्मान और विभिन्न भाषाओं की आपसी समझ का रचनात्मक संदेश मिला।

समारोह के अंत में भाषा विभाग, जिला भाषा अधिकारी डाॅ. परमजीत सिंह कलसी, पंजाबी विभागाध्यक्ष डाॅ. मनजिंदर सिंह और हिंदी विभागाध्यक्ष डाॅ. सुनील कुमार ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, अध्यक्ष मंडल एवं उपस्थित जिले के प्रसिद्ध कवियों को लोइस, बैज एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। दूसरे सत्र में आये अतिथियों एवं प्रसिद्ध कवियों को धन्यवाद डाॅ. संचालन मेघा सलवान ने किया, जबकि मंच संचालिका की भूमिका डॉ. बलजीत कौर रियाड़ ने बखूबी निभाई। समारोह में विद्यार्थी, शोधार्थी, डाॅ. पवन कुमार, डाॅ. भगत, डॉ. चंदनदीप आदि के अलावा कई साहित्यकार, स्थानीय विश्वविद्यालय के हिंदी एवं पंजाबी विभाग के प्रोफेसर उपस्थित थे।

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