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1984 के शहीद सिखों की याद में श्री दरबार साहिब में बनाई गई शहीदी गैलरी संगत को समर्पित

अमृतसर,9 मार्च : जून 1984 में सिख समुदाय के सर्वोच्च तीर्थ सचखंड श्री दरबार साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर सैन्य हमले के दौरान शहीद हुए सिंहों / सिंघानियों की याद में बनाई गई शहीदी गैलरी को शनिवार को संगत को समर्पित किया गया। यह शहीद गैलरी शहीद भाई अमरीक सिंह, अध्यक्ष ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन, शहीद जनरल सुबेग सिंह और शहीद बाबा थारा सिंह को समर्पित है। शिरोमणि कमेटी ने दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह खालसा को इस कार्य की सेवा सौंपी। श्री अकाल तख्त साहिब की ढह गई इमारत का मॉडल भी रखा आपको बता दें कि, शहीदी गैलरी में 1984 के दंगों के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब की ढह गई इमारत का मॉडल, शहीद सिंहों/सिंघानियों की तस्वीरें लगाई गई हैं। इसके साथ ही घल्लूघारा के इतिहास को डिजिटल रूप में बताने वाली एक डॉक्यूमेंट्री दिखाने की भी विशेष व्यवस्था की गई है। शहीद गैलरी संगत को समर्पित करने के मौके पर सचखंड श्री दरबार साहिब के मुख्य ग्रंथि  और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह, जत्थेदार तख्त श्री दमदमा साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह, दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह खालसा और पंथ के अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।

शहीद गैलरी शहीदों का एक शास्वत स्मारक : रघबीर सिंह

इस अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि यह शहीदी गैलरी उन शहीदों का एक शाश्वत स्मारक है जो 1984 के संघर्ष के दौरान शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि यह स्मारक आने वाली पीढ़ी को इस.संघर्ष के दौरान हुई त्रासदी और शहीद सिंह / सिंघियों के बारे.में जानकारी देगा। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि यह शहीदी गैलरी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और श्रद्धालुओं को यहां से राष्ट्रीय भावना मिलेगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन करते समय परिक्रमा में गुरुद्वारा बुंगा साहिब के पास इस शहीदी गैलरी को भी अवश्य देखें।

कई बार हुए सिख गुरुधामों पर हमले : धामी

इस दौरान शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि आजादी से पहले की सरकारों ने कई.बार सिख गुरुधामों पर हमले किए। आजाद भारत में उस.समय की कांग्रेस सरकार ने श्री अकाल तख्त साहिब पर हमला किया और कई सिखों को शहीद कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए इन घावों को सिख समुदाय कभी नहीं भूल सकता। शहीदों की याद में श्री दरबार साहिब में बनी यह शहीदी गैलरी संगत को हमेशा उन शहीदों की याद दिलाती रहेगी। शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि आज भी सरकारें गुप्त तरीके से श्री अकाल तख्त साहिब के
सिद्धांत को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, जिसके लिए देश को एकजुट होने की जरूरत है।

दमदमी टकसाल को सौंपी थी जिम्मेदारी

इस अवसर पर दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह खालसा ने कार्यक्रम में पहुंचे गणमान्य लोगों का धन्यवाद किया और शहीदी गैलरी की सेवा में सहयोग करने वाले.लोगों का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय.कार्य की सेवा शिरोमणि कमेटी ने दमदमी टकसाल को सौंपी थी, जिसे संगत के सहयोग से पूरा किया गया है।.उन्होंने कहा कि शहीद गैलरी में संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाला और उनके साथियों के साथ-साथ संघर्ष के दौरान धर्म की रक्षा के लिए शहादत देने वाले निर्दोष सिंह और सिंघानियों की तस्वीरें लगाई गई हैं।

यह लोग रहे उपस्थित

इस बीच कारसेवा संपन्न होने के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा शहीद बाबा गुरबख्श सिंह जी में श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया। इस अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी भाई मलकीत सिंह, शिरोमणि कमेटी के जूनियर उपाध्यक्ष  गुरबख्श सिंह खालसा, महासचिव भाई राजिंदर सिंह मेहता, सदस्य भाई मंजीत सिंह भूराकोहना, भाई अमरजीत सिंह चावला, भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल, एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, भाई अजय सिंह.प्रैक्टिशनर, कथावाचक भाई पिंदरपाल सिंह, संत जरनैल सिंह भिंडरावालिया के भाई ईशर पुत्र सिंह, बीबी सतवंत कौर, शहीद भाई अमरीक सिंह की बेटी, शहीद जनरल सुबेग सिंह के भाई बेअंत सिंह, बाबा धर्म सिंह यूएसए, डा. इंदरजीत सिंह आदि मौजूद थे।

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