शेरे पंजाब की ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी: तरनजीत सिंह संधू

अमृतसर,13 मार्च (राजन) :अमेरिका के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू अमृतसर के विकास के लिए अपने दृष्टिकोण को तेजी से लागू कर रहे हैं। उन्होंने नई दिल्ली में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव, गोविंद मोहन से मुलाकात की और उनके साथ शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह से संबंधित स्मारकों, विशेष रूप से अमृतसर और बटाला में उनकी खराब स्थिति का मुद्दा उठाया गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सकीमो के अधीन इनकी मरम्मत, रखरखाव और पर्यटक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह भारत के महान शासकों में से एक थे। उनका शासन न केवल लोग कल्याणकारी था बल्कि उनकी दृष्टिकोण ने हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों के बीच समानता और भाईचारे को मजबूत किया। शेरे पंजाब की बहुमूल्य यादगारों को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। जिस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने तुरंत 2 करोड़ 76 लाख की कुल लागत से अमृतसर, बटाला और तरन तारन के इन ऐतिहासिक विरासत स्मारकों के संरक्षण के लिए आवश्यक कार्रवाई अमल में लाने का एलान किया।
पर्यटक सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम शुरू करने जा रहा
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण चंडीगढ़ सर्कल अमृतसर सब-सर्कल में विभिन्न स्मारकों की मरम्मत और रखरखाव और सीएनबी, पीएनबी, पीने के पानी की सुविधा, सड़क आदि जैसी पर्यटक सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम शुरू करने जा रहा है। महाराजा रणजीत सिंह के समर पैलेस कंपनी बाग, अमृतसर के उत्तरी गेट (सर्विस क्लब) की विशेष मरम्मत और रखरखाव के लिए 50 लाख रुपये, इसके उत्तरी प्रवेश द्वार के चारों ओर अंडरपिनिंग, विशेष मरम्मत, क्षतिग्रस्त छतों की मुरामत के लिए 48 लाख रुपये, इसके पूर्वी और पश्चिमी किनारों पर प्राचीन पानी निकासी और सड़कों के रखरखाव के लिए 25 लाख रुपये, समर पैलेस और नागरिक सुरक्षा देवरी की प्राचीन दीवारों के रखरखाव और मरम्मत के लिए 40 लाख रुपये के अलावा राम बाग गेट देहूरी विशेष नवीकरण और पर्यटक सुविधाएं प्रदान करने के लिए 15 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।
बटाला और तरनतरण रखरखाव और मरम्मत लाखों खर्च होंगे
इसी प्रकार, गुरदासपुर जिले के बटाला में शेरे पंजाब के राजकुमार महाराजा शेर सिंह की बारांद्री की मौजूदा दीवार, जिसे आमतौर पर अनारकली बटाला के नाम से जाना जाता है की चारदीवारी को ऊंचा करने और बारांद्री के उत्तर और पश्चिम की ओर एमएस ग्रिल बाड़ लगाने और रखरखाव और मरम्मत के लिए 48 लाख रुपये दिए गए। वही अनारकली के उत्तर दिशा में प्राचीन कुआं और बारांदरी में निगरानी के लिए सीसीटीवी और वार्ड स्टाफ के लिए पोर्टा केबिन की व्यवस्था पर 30 लाख रुपये खर्च होंगे। इधर, तरनतारन के फतेहाबाद में अकबर-जहांगीर की सराय के पुराने प्रवेश द्वार और उसके आसपास की संरचनाओं के रखरखाव के लिए 20 लाख रुपये वित्तीय वर्ष 2024-25 में खर्च किए जाएंगे। सरदार तरनजीत सिंह संधू ने इन सभी कार्यों को मंजूरी देने के लिए भारतीय संस्कृति मंत्रालय के सचिवगोविंद मोहन को धन्यवाद दिया है।
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