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अमृतसर, 3 अप्रैल(राजन):बीबीके डीएवी कॉलेज फॉर विमेन ने 2022-23 बैच के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को डिग्री प्रदान करने के लिए अपना 53वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सदस्य सचिव प्रो. (डॉ.) धनंजय सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए, जबकि प्रो. (डॉ.) हरमोहिंदर सिंह बेदी, पद्मश्री पुरस्कार विजेता और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने समारोह की अध्यक्षता की और दीक्षांत भाषण दिया। प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया और स्थानीय समिति के अध्यक्ष सुदर्शन कपूर ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत पौधे भेंट कर किया। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन, वैदिक मंत्रों के जाप और डीएवी गान से हुई।
सहानुभूति विकसित करने की दी सलाह
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प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने कॉलेज की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक, खेल और सह-पाठयक्रम गतिविधियों में बीबीके के सम्मान और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। डिग्री धारकों को सम्मानित करते हुए डॉ. वालिया ने उन्हें सहानुभूति विकसित करने की सलाह दी और टीम के प्रदर्शन को बढ़ाने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सामाजिक गतिशीलता में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला, खासकर महिलाओं के लिए।
महिलाओं को राष्ट्र के कार्यबल में एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित किया
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दीक्षांत समारोह में प्रो. (डॉ.) हरमोहिंदर सिंह बेदी ने महिला शिक्षा के प्रति बीबीके डीएवी के जबरदस्त योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए समग्र शिक्षा के उद्देश्य की पुरजोर वकालत की थी।डिग्री धारकों को बधाई देते हुए प्रो. (डॉ.) धनंजय सिंह ने महिलाओं को राष्ट्र के कार्यबल में एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र का विकास लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर निर्भर करता है, उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की समावेशिता भारत के विकसित राष्ट्र बनने के प्रयास को मजबूत करेगी।इस अवसर पर कला, वाणिज्य, विज्ञान, पत्रकारिता, अर्थशास्त्र, कंप्यूटर विज्ञान, मल्टीमीडिया और फैशन डिजाइन के विभिन्न विषयों से 800 से अधिक स्नातक और स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्रदान की गईं। युवा कल्याण विभाग ने पंजाबी लोकनृत्य ‘गिद्दा’ की मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया और सुदर्शन कपूर ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सुदर्शन कपूर ने धन्यवाद ज्ञापन किया, जबकि हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अनीता नरेंद्र ने मंच संचालन किया। इस अवसर पर आर्य समाज के सदस्य राकेश मेहरा, संदीप आहूजा, जवाहर लाल, अतुल मेहरा, कर्नल वेद मित्तर और इंद्रजीत ठुकराल भी मौजूद थे। समारोह का समापन राष्ट्रगान के गायन के साथ हुआ।
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