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न्यू रिजीम में 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री: एनडीए के सहयोगी नीतीश को 59 हजार करोड़, नायडू को 15 हजार करोड़

बजट पेश करते हुई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।

अमृतसर, 23 जुलाई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया। 1 घंटे 23 मिनट के भाषण में उनका फोकस शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवाओं पर रहा। इसके अलावा नीतीश कुमार के बिहार और चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश पर केंद्र सरकार मेहरबान रही। बजट में नई टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। यानी उन्हें 17.5 हजार रुपए का फायदा हुआ है। पहली नौकरी वाले जिनकी सैलरी 1 लाख रुपए से कम होगी, उन्हें सरकार अधिकतम 15 हजार रुपए तीन किश्तों में देगी। वित्त मंत्री ने बिहार में इंफ्रा और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 58 हजार 900 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की।

बजट में क्या सस्ता, क्या महंगा हुआ

कैंसर दवा, सोना-चांदी, प्लेटिनम, मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर, बिजली के तार, एक्सरे मशीन, सोलर सेट्स, लेदर और सीफूडस सस्ते हुए हैं। मोबाइल और चार्जर पर कस्टम ड्यूटी घटकर 15% हुई। सोना और चांदी के गहनों पर कस्टम्स ड्यूटी घटकर 6% हुई। टेलिकॉम के सामान 15% और प्लास्टिक प्रोडक्ट 25% महंगे हो गए हैं।

पीएम बोले- यह बजट देश को समृद्धि देने वाला, मिडिल क्लास को नई शक्ति देगा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह बजट समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है। यह देश को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है। बीते 10 सालों में 25 करोड़ लोग गरीबी से निकले हैं। नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है। उन्होंने कहा कि इस बजट से शिक्षा को नई स्केल मिलेगी। यह मिडिल क्लास को नई ताकत देने वाला बजट है। यह जनजातीय समाज, दलित को मजबूत करने की योजना से आया है। इससे महिलाओं की आर्थिक साझेदारी सुनिश्चित होगी। बजट में मैन्यूफैक्चरिंग पर भी बल है, इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बल है।

राहुल गांधी ने कहा यह कुर्सी बचाओ बजट

राहुल गांधी ने X पर लिखा- ये कुर्सी बचाओ बजट है। सहयोगियों को खुशी दी- दूसरे राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए।दोस्तों को खुशी दी – अंबानी-अडाणी को फायदा दिया, आम जनता के लिए कुछ नहीं ।कॉपी-पेस्ट- ये बजट कांग्रेस मैनिफेस्टो और पहले के बजटों का कॉपी-पेस्ट है।

वित्तमंत्री चीमा- पंजाब को निराश किया गया

पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने इस बजट से निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार किया है। छोटे उद्योग के लिए कुछ नहीं दिया। फर्टिलाइजर पर जो 36% सब्सिडी मिलती थी, वे घटा दी है। इनपुट कॉस्ट बढ़ गई है। भाजपा सरकार किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रही है। इससे पता चलता है भाजपा पंजाब विरोधी पार्टी है। इस बजट ने पंजाब को बुरी तरह निराश किया है। उन्होंने बताया कि बजट से पहले हर राज्य से इनपुट लिया जाता है। वे जब वित्तमंत्री सीतारमण से मिले थे तो पंजाब को दो फसलों को डायवर्सिफिकेशन के लिए आर्थिक पैकेज की जरूरत जताई थी। इससे पानी व किसान को बचाया जा सके। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे इग्नोर किया। 500 किमी इंटरनेशल बॉर्डर है। ऐसे में पंजाब के युवाओं के लिए हिमाचल प्रदेश की तरह इंडस्ट्री लाने के लिए कोई पैकेज नहीं दिया। इस बजट ने पंजाब को निराश किया है।

पंजाब के लिए कोई विशेष पैकेज घोषित नहीं,पंजाब से सौतेला व्यवहार

केंद्रीय बजट 2024 में पंजाब के लिए कोई विशेष पैकेज घोषित नहीं किए जाने के बाद कांग्रेस सांसदों ने संसद से बाहर आकर केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन किया। मुर्दाबाद के नारे लगाए। वहीं, हरसिमरत बादल ने इसे सरकार बचाओ बजट बताया है। इधर, आम आदमी पार्टी के नेताओं नेकांग्रेस सांसदों ने एनडीए सरकार को पंजाब के साथ विश्वासघात करने वाली सरकार बताया। लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भाजपा को पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने वाली सरकार बताया है।

सरवण सिंह पंधेर ने इसे निराशावादी बजट बताया

फरवरी महीने से शंभू बार्डर पर बैठे किसानों की उम्मीदों पर एक बार फिर से पानी फिर गया है, जब उन्हें बजट में भी एमएसपी गारंटी कानून के लिए कोई हिस्सा नहीं मिला। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने इसे निराशावादी बजट बताया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश करके एक रिकार्ड बनाया है। वहीं, एक अन्य रिकार्ड भी बना है जिसके अनुसार मोदी सरकार की ओर से सातवीं बार ही किसानों को इग्नोर किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट एक निराशावादी बजट से ज्यादा कुछ नहीं है। सरवन सिंह पंधेर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि किसानों और मजदूरों की आबादी लगभग 70 प्रतिशत है। 48 लाख करोड़ रुपए का बजट है इसमें से 1.52 लाख करोड़ किसानों को दिया गया है जो कि बजट का 3 प्रतिशत भी नहीं है। एमएसपी और कर्जा माफी के लिए कुछ नहीं किया।

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