नशे के खिलाफ काम करने पर केन्द्र एवं राज्य की सुरक्षा एजंसियों कि की तारीफ
अमृतसर, 24 जुलाई(राजन):पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सीमा क्षेत्र की ग्राम स्तरीय डिफेंस कमेटियों के सदस्यों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि एक वर्ष के भीतर पूरी भारत-पाक सीमा पर एंटी-ड्रोन तकनीक स्थापित की जाएगी, जिससे ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से होने वाली ड्रग्स और हथियारों की तस्करी पूरी तरह से बंद हो जाएगी। पुरोहित ने गांव धनोय में और बाद में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के हॉल में अमृतसर और तरनतारन के वीएलडीसी सदस्यों के साथ बैठक करते हुए पुरोहित ने नशे के खिलाफ केन्द्र व राज्य की सुरक्षा एजंसियों द्वारा अपनाई गई आक्रामक नीति की सराहना की और कहा कि जिस तरह से सिविल, पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं, उसके अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत-पाक सीमा से लगने वाले छह जिलों में अच्छा काम करने वाली कमेटियों को नकद इनाम दिए जाएंगे, जिनमें पहला पुरस्कार 3 लाख रुपए, दूसरा पुरस्कार 2 लाख रुपए और तीसरा पुरस्कार 1 लाख रुपए होगा।
नशे के खात्मे के लिए प्रदेश भर में ग्राम स्तर पर डिफेंस कमेटियों का गठन किया जाए
गवर्नर ने कहा कि प्रदेश भर में नशे के खात्मे के लिए प्रत्येक जिले में ग्राम स्तर पर डिफेंस कमेटियां गठित की जाएं और प्रत्येक वर्ष जिला स्तरीय बैठक बुलाकर कमेटी के सदस्यों को प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने नशों से जुड़े कोर्ट के मामलों से निपटने के लिए वकीलों का एक विशेष पैनल गठित करने और सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी व्यक्ति की संपत्ति को तुरंत जब्त करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों पर रत्ती भर भी दया नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन्हें कुचलने की नीति अपनानी चाहिए।उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि वीएलडीसी सदस्यों को आवश्यकतानुसार हथियार लाइसेंस जारी किए जाएं और इसके अलावा उन्हें पुलिस और सिविल प्रशासन में सम्मान दिया जाए ताकि लोग आगे आएं और इन तस्करों के खिलाफ काम करें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सीमावर्ती क्षेत्र के पुलिस स्टेशनों को मजबूत किया जाएगा।
नशा रोकने के लिए पुलिस को आपकी मदद की जरूरत
गवर्नर ने कहा कि चूंकि पाकिस्तान के पास भारत से सीधे लड़ने की क्षमता नहीं है, इसलिए यह नशीले पदार्थों की तस्करी उसके द्वारा छेड़ा जा रहा एक युद्ध है, जिसमें दुश्मन को हराने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के सहयोग की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने सीमावर्ती गांवों के लोगों की बहादुरी की सराहना की और कहा कि आपका सहयोग हमेशा दुश्मन को हराने में कारगर साबित हुआ है और आज भी नशा रोकने के लिए पुलिस को आपकी मदद की जरूरत है। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया कि नशे के खिलाफ शुरू की गई इस मुहिम में वे उनका साथ देते रहेंगे, बशर्ते कि वे इस तस्करी के खिलाफ डटे रहें।
प्रत्येक ड्रोन की बरामदगी पर दिया जायेगा 1 लाख रुपये का इनाम
इस मौके पर डीजीपी गौरव यादव ने घोषणा की कि जो भी व्यक्ति सीमा पार से आ रहे ड्रोन को पकड़ने में पुलिस की मदद करेगा उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी जो भी ड्रोन पकड़वाए हैं उन्हें भी इनाम दिया जाएगा और आगे भी यह इनाम दिया जाएगा। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र के तीन गांवों धनोय, मोदो के और अटलगढ़ के युवा क्लबों को 3.5 लाख रुपये की ग्रांट भी दी।इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग वर्मा, डी.जी.पी. गौरव यादव, अतिरिक्त मुख्य सचिव के शिवा प्रसाद, उप-कुलपति डॉ. जसपाल सिंह संधु, प्रभारी सचिव कमल किशोर यादव, पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह, डीआइजी राकेश कौशल, डीसी घनशाम थोरी, जिला पुलिस प्रमुख सतेंद्र सिंह, डीसी तरन तारन संदीप कुमार व जिला पुलिस प्रमुख अश्विनी कपूर और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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