अमृतसर,17 अगस्त :पंजाब के कुख्यात ड्रग माफिया अक्षय छाबड़ा और जसपाल सिंह उर्फ गोल्डी को एन सी बी ने ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया है। इन दोनों तस्करों को उनकी ड्रग तस्करी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जाएगा। अक्षय छाबड़ा और जसपाल गोल्डी दोनों ही जेल में रहने के बावजूद अवैध गतिविधियों और ड्रग्स की तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। नतीजतन, अक्षय छाबड़ा के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत 3 अतिरिक्त एफआईआर दर्ज की गई हैं और.जसपाल सिंह उर्फ गोल्डी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत 1 अतिरिक्त एफआईआर दर्ज की गई है। गौरतलब है कि तीन दिन पहले लुधियाना में सांसद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा था कि पंजाब सरकार कुछ ड्रग तस्करों को डिब्रूगढ़ जेल में शिफ्ट कर रही है। इसके चलते अगर उनके बेटे अमृतपाल सिंह की जानी नुकसान होती है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
ड्रग माफिया की कड़ी तोड़ने के लिए की जा रही कार्रवाई
एन सी बी की ओर से की गई यह दूसरी ऐसी कार्रवाई है जिसमें इलाके में जेल में बंद ड्रग माफिया की कड़ी तोड़ने के लिए कदम उठाए गए हैं। इससे पहले 13 अगस्त 2024 को बलविंदर सिंह उर्फ बिल्ला हवेलियां के खिलाफ भी यही कार्रवाई की गई थी।
अक्षय छाबड़ा को एन सी बी ने जयपुर एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार
अक्षय छाबड़ा (सरगना) को एन सी बी ने जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। वह 24 नवंबर 2024 को देश छोड़कर शारजाह, यू ए ई भागने की फिराक में था। इसके अलावा जब NCB CR ने जांच की तो अक्षय छाबड़ा के ड्रग सिंडिकेट को चलाने वालों में जसपाल सिंह उर्फ गोल्डी का नाम भी सामने आया। जांच में पता चला है कि लुधियाना स्थित इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट ने आईसीपी अटारी, पंजाब, मुंद्रा सी पोर्ट, गुजरात और जम्मू-कश्मीर के आसपास से 1400 किलोग्राम से ज्यादा हेरोइन की तस्करी की है। इस मामले में एन सी बी ने 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में सरगना, तस्कर और दो अफगान नागरिक शामिल हैं।
ड्रग सिंडिकेट की 57 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त
अब तक एनसीबी ने इन अपराधियों से 40 किलो हेरोइन,0.557 किलो अफीम, 23.645 किलो संदिग्ध नारकोटिक्स पाउडर, 4 बोतल एचसीएल, 31 जिंदा गोलियां और 1 मैगजीन बरामद की है। इस समूह की 02 फैक्ट्रियों/ हेरोइन प्रसंस्करण स्थानों का भी भंडाफोड़ किया गया है। अब तक एनसीबी चंडीगढ़ द्वारा इस ड्रग सिंडिकेट की 57 करोड़ से अधिक की अचल/चल संपत्ति जब्त की गई है।
छाबड़ा का गरीबी से अमीरी तक का सफर
जांच में एन सी बी ने पाया था कि छाबड़ा दूसरे देशों से कच्चे माल की तस्करी करता था। अफगान के वैज्ञानिकों से गांव मानकवाल और बाबा दीप सिंह नगर में स्थित दो गुप्त प्रयोगशालाओं में दवाएं तैयार करवाई जाती थी । छाबड़ा का गरीबी से अमीरी तक का सफर महज दो साल का था। उसके पिता की गिल रोड पर अनाज मंडी के पास एक चाय की दुकान थी और वह अपने पिता की मदद करता था। बाद में उन्होंने एक कैमिस्ट की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। इसी बीच वह नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल हो गया। दो साल में उसने शहर में करोड़ों रुपए के.आलीशान मकान और अन्य संपत्तियां खरीद लीं।
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