अमृतसर, 23 सितंबर :हरियावल पंजाब ने श्री राम आश्रम स्कूल और अमृतसर ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित मेरा हरियावल कैंपस कार्यशाला में 100 से अधिक स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों और प्राचार्यों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। कार्यशाला के बाद एक सार्वजनिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। सार्वजनिक कार्यक्रम में शहर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में सामाजिक सेवा संगठनों और धार्मिक संगठनों ने भाग लिया। ग्रीन पंजाब के राष्ट्रीय समन्वयक गोपाल आर्य, पिंगलवाड़ा प्रमुख बीबी डॉ. इंद्रजीत कौर, गुरुद्वारा श्री खडूर साहिब बाबा से मुख्य अतिथि बलबीर सिंह, प्रदूषण बोर्ड पंजाब के चेयरमैन डॉ. आदर्श पाल बिग, पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. रजनीश अरोड़ा, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. करुणेस गुप्ता, अमृतसर ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के प्रिंसिपल गौरव तेजपाल, श्री राम आश्रम स्कूल के प्रिंसिपल विनोदता सैमकिन, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के प्रोफेसर नव प्रेम सिंह, बागवानी विश्वविद्यालय, सोलन के निदेशक संजीव चौहान, डीएवी संस्थानों की क्षेत्रीय निदेशक नीलम कामरा, पंजाब हरियावल पंजाब समन्वयक प्रवीण कुमार, संयुक्त समन्वयक पंजाब संदीप सल्होत्रा, शहर के डॉक्टर केआर तुली आदि उपस्थित थे। सूर्य कार्यशाला का शुभारंभ भगत पूरन सिंह जी की छवि के समक्ष ज्योति जलाकर किया गया।
आज मनुष्य पर्यावरण को नजरअंदाज कर अपनी सुख-सुविधाओं पर अधिक ध्यान दे रहा
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए वेरी ग्रीन पंजाब के राष्ट्रीय संयोजक गोपाल आर्य ने कहा कि आज मनुष्य पर्यावरण को नजरअंदाज कर अपनी सुख-सुविधाओं पर अधिक ध्यान दे रहा है, वह भूल रहा है कि यदि पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता नहीं दी गई तो उसका संपूर्ण जीवन ही बर्बाद हो जाएगा। मानवता ख़तरे में पड़ जाएगी. इसका उदाहरण कोरोना जैसी भयानक बीमारी है, जिसका शिकार पूरी दुनिया हुई। रुपये इकट्ठा करना मनुष्य का पहला कर्तव्य है। जबकि मनुष्य प्रकृति के साथ खिलवाड़ करके अपने जीवन को खतरे में डाल रहा है, मनुष्य ही प्रकृति को नष्ट कर रहा है, प्राकृतिक संसाधनों का अनावश्यक उपयोग कर रहा है और इन प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी मनुष्य को ही उठानी होगी।
मनुष्य अपने लालच में प्रकृति से खेल रहा है
इसी प्रकार पिंगलवाड़ा प्रधान श्रीमती डॉ. इंद्रजीत कौर ने कहा कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान के लिए मनुष्य का लालची स्वभाव सबसे अधिक जिम्मेदार है। मनुष्य ने अपनी ज़रूरतें बहुत ज़्यादा बढ़ा ली हैं। जिसके कारण वह पेड़ों को काट रहा है, जल स्रोतों को नष्ट कर रहा है, फसलों में जहरीले उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग कर रहा है, यह सब इस दुनिया के विनाश की ओर ले जा रहा है, कॉलेजों और गली मोहल्लों के भीतर प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए सभी प्रकार के प्रयास किए जाने चाहिए।
लोग अपनी सुख-सुविधाओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन डॉ. आदर्श पॉल विग ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।उन्होंने बताया कि किस तरह पंजाब में पराली और अन्य प्रदूषण बढ़ाने वाले स्रोतों के लिए विभाग की ओर से अलग-अलग योजनाएं बनाई जा रही हैं। लेकिन उन्होंने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि आधुनिक युग में लोग अपनी सुख-सुविधाओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं।
पृथ्वी में उपयोग योग्य जल मात्र एक प्रतिशत
सोलन विश्वविद्यालय से विशेष रूप से आये प्रोफेसर संजीव चौहान ने कहा कि पृथ्वी में उपयोग योग्य जल मात्र एक प्रतिशत है और इसमें से 72 प्रतिशत जल खारा है। 22 प्रतिशत पानी का उपयोग कृषि एवं अन्य कार्यों में होता है जबकि पीने के पानी की मात्रा एक प्रतिशत से भी कम है। अपने संबोधन में उन्होंने पौधे लगाने और उनके रख-रखाव के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी।इसी प्रकार पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के प्रोफेसर नव प्रेम सिंह ने अपने संबोधन में फलदार पौधों के बारे में जानकारी दी तथा फलदार पौधों के लिए सही मौसम एवं तरीकों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से छात्रों में प्रकृति संरक्षण की आदत विकसित करने के तरीकों के बारे में भी बात की।
पावन गुरु पानी पिता माता धरत महंत के शब्दों को अपने जीवन में लाना बंद कर दिया
श्री खडूर साहिब गुरुद्वारा से विशेष रूप से आए बाबा बलबीर सिंह ने कहा कि लोगों ने पावन गुरु पानी पिता माता धरत महंत के शब्दों को अपने जीवन में लाना बंद कर दिया है, यही कारण है कि लोग विभिन्न प्रकार की भयानक बीमारियों से पीड़ित हैं स्कूलों और कॉलेजों में समय-समय पर पर्यावरण पर कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करने पर। अमृतसर के प्रख्यात ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. करुणेश गुप्ता ने अपने संबोधन में प्राचीन भारतीय संस्कृति और संस्कृति में प्रकृति की रक्षा के धार्मिक और सामाजिक तरीकों के बारे में बताया और सभी से पुरानी परंपराओं की सराहना करने की अपील की।हरियावल पंजाब के राज्य समन्वयक प्रवीण कुमार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए हरियावल पंजाब द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने भगत पूरन सिंह द्वारा शुरू किए गए पर्यावरण संरक्षण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए भगत पूरन सिंह को आदर्श के रूप में स्थापित करने के लिए ग्रीन पंजाब के अभियान के बारे में भी जानकारी दी।
व्यावहारिक रूप से शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाकर ही पर्यावरण शिक्षा को सार्थक बनाया जा सकता
विद्यालय की प्राचार्या विनोदता समजन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि श्री राम आश्रम विद्यालय ऐसे सेमिनारों एवं कार्यशालाओं के लिए सदैव तत्पर रहेगा।डीएवी संस्थानों की क्षेत्रीय निदेशक नीलम कामरा ने सभी शिक्षण संस्थानों से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण शिक्षा को औपचारिक एवं व्यावहारिक रूप से शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाकर ही पर्यावरण शिक्षा को सार्थक बनाया जा सकता है।
मनमोहक पर्यावरण आधारित लघु नाटिकाएं और नाटक प्रस्तुत किए
अमृतसर ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, महंत कोशल दास डीएवी स्कूल अटारी, श्री राम आश्रम स्कूल ने मनमोहक पर्यावरण आधारित लघु नाटिकाएं और नाटक प्रस्तुत किए।इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों एवं शिक्षण संस्थानों द्वारा पर्यावरण से संबंधित प्रदर्शनियां भी लगाई गईं।कार्यक्रम के अंत में हरयावल पंजाब की ओर से प्रतिभागी प्राचार्यों एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रमुखों को सम्मानित भी किया गया।मंच सचिव की भूमिका डॉ. गायत्री शोरे, डॉ. हिरदे प्रीत कौर और प्रोफेसर रचना शर्मा ने निभाई।इस अवसर पर अवतार सिंह घुल्ला जिला संयोजक हरियावल पंजाब प्रोफेसर राजीव शर्मा, सी ए अजय भल्ला,प्रो.राजन, पीएन शर्मा एसपीएस मेलोडी, इकबाल सिंह तुंग, गोबिंद सिंह, मंजीत थिंद, सिमरन कौर, नीरू वर्षा, विपन शर्मा, विशाल कुमार, जसप्रीत कौर सोबती, प्रिंसिपल कमल जोत सिंह बुट प्रिंसिपल अजींद्र तिवा, प्रिंसिपल रजनी सल्होत्रा, प्रिंसिपल गुरिंदरजीत, प्रिंसिपल अश्विनी मल्होत्रा, प्रिंसिपल नवजोत कौर, प्रोफेसर हरदीप सिंह, प्रोफेसर सुधा शर्मा मनु कुमारी, रमन कुमार, नवीन कुमार, दीपक कुमार दौली भाटिया जनक रानी, प्रोफेसर प्रथम नरिंदर प्रोफेसर दीप्ति मल्होत्रा, सहायक कमिश्नर नगर निगम विशाल वधावन, प्रोफेसर गिन्नी कक्कड़, प्रोफेसर ममता अरोड़ा, प्रोफेसर मनवीर कौर, प्रोफेसर टीना, प्रिंसिपल सरनजीत कौर प्रिंसिपल रमा महाजन, प्रोफेसर कवलजीत कौर, प्रिंसिपल रजनी डोगरा, प्रिंसिपल अनु महाजन, प्रोफेसर अमरजीत सिंह, दीपक वर्मा, कमलदीप लक्की, नीलम महाजन हरीम जोशीन, मणि शर्मा मोनिका रामपाल प्रिंसिपल परमजीत संदीप अजय वैद संतोष कुमार, माता चिंतपूर्णी सेवा सोसायटी, मेरा गांव मेरी शान संस्था अटारी, बाबा दीप सिंह सेवा सोसायटी, वन जोत लंगर सेवा सोसायटी मिशन आगाज, रोटरी क्लब, चाइल्ड हेल्पिंग भारत विकास परिषद, नव युवक सेवा सोसायटी के अलावा 100 से अधिक स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया।
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