अमृतसर, 8 अक्टूबर( राजन गुप्ता): सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर और भी खुलासे सामने आ रहे हैं। भगतावाला डंप की जमीन पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट कंपनी द्वारा इस लिए नहीं लगाया जा रहा था, क्योंकि इस जमीन के कुछ हिस्से का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहा था। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में 17 मई 2023 को नगर निगम के हक में निर्णय आ गया। हाई कोर्ट में नगर निगम अमृतसर में हक में निर्णय आने पर निर्णय की कॉपी 23 मई को नगर निगम अमृतसर की लॉ ब्रांच को भेज दी गई। लॉ ब्रांच ने इसकी जानकारी निगम के एक अधिकारी को दे दी गई। किंतु इस बात को 4 महीने तक दबाए रखा। इस निर्णय की जानकारी उस वक्त के नगर निगम कमिश्नर को नहीं दी गई। अक्टूबर 2023 को हाई कोर्ट के निर्णय की जानकारी ” अमृतसर न्यूज अपडेट्स ” को मिलने पर हाई कोर्ट से आई आदेश की कॉपी जर्नलिस्ट राजन गुप्ता द्वारा नगर निगम के दो अधिकारियों को व्हाट्सएप के माध्यम से भेज दी गईं। तब जाकर उस वक्त के नगर निगम कमिश्नर को जानकारी मिली।इतना कुछ हो जाने के बावजूद भी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा डंप के चारों ओर चार दिवारी भी नहीं करवाई गई और ना ही अभी तक जमीन कंपनी को हैंडओवर की गई है।
नगर निगम के कागजों में चारदीवारी होने की पेमेंट हो चुकी
नगर निगम द्वारा फरवरी 2020 में डंप की चार दिवारी करवाने और डंप के एक ओर ग्रीन बेल्ट करने का टेंडर जारी किया गया था। इस टेंडर का बाद में वर्क आर्डर भी जारी हो गया। जानकारी के अनुसार जिस ठेकेदार द्वारा इस टेंडर को लिया था, उस ठेकेदार द्वारा डंप के साथ ग्रीन बेल्ट और चार दिवारी करने का कार्य करना शुरू कर दिया गया। किंतु जिस पार्टी ने हाई कोर्ट में केस किया हुआ था, उस पार्टी द्वारा कार्य को रुकवा दिया गया। चार दिवारी का कार्य पूरा न होने के बावजूद निगम अधिकारियों ने ठेकेदार का बिल मंजूर करवा कर लाखों रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। यह भी एक जांच का विषय है ?
प्लॉट लगवाने के लिए कंपनी को और जमीन देने की ऑफर की गई
जब डंप के कुछ हिस्से की जमीन का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहा था। उस समय साल 2022 में तत्कालीन निगम कमिश्नर द्वारा कंपनी को झब्बाल रोड पर स्थित नगर निगम की जमीन देने की ऑफर की गई थी। यह ऑफर नगर निगम कमिश्नर ने अपने कार्यालय में निगम अधिकारियों की मौजूदगी में कंपनी के इंडिया हेड अमित वाजपायी को दी गई थी। वाजपायी ने इस ऑफर को भी मान लिया था। नगर निगम द्वारा झब्बाल रोड स्थित पशु अस्पताल का निर्माण करना था, उस समय कुछ महीनो के निर्माण को रोक भी दिया गया था। कंपनी के इंडिया हेड द्वारा ऑफर मान लेने के बाद इस पर आगे कोई कार्रवाई न होने पर बात बीच में ही रह गईं।नगर निगम की अभी भी झब्बाल रोड पर बहुत ज्यादा जमीन खाली पड़ी हुई है।
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