आग लगने की घटनाओं पर सख्ती से नियंत्रण किया जाएगा
अमृतसर, 17 अक्टूबर: खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में अचानक हुई वृद्धि के संबंध में डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी एवं एस.एस.पी. ग्रामीण चरणजीत सिंह खुद अलग-अलग गांवों में पहुंचे और फायर ब्रिगेड को मौके पर बुलाकर खेतों में लगी आग को बुझाया गया।डीसी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के हालिया निर्देशों के अनुसार अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने वाले नोडल अधिकारियों और संबंधित SHO/बीट अधिकारियों के खिलाफ अदालत में मामला दायर किया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर एवं एस.एस.पी ग्रामीण सबसे पहले महिलांवाल गांव पहुंचे और खेतों में लगी आग को बुझाया, इसके बाद अदलीवाल, जगदेव कलां, मल्लू नांगर, सहसरा, राजासांसी और हर्षाचिना, विखे पूजे पहुंचे और खेतों में आग देखकर मौके पर फायर ब्रिगेड को बुलाया और आग बुझा दी गई।
ड्यूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी
डिप्टी कमिश्नर ने पराली में आग लगने की घटनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि ड्यूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सुप्रीम कोर्ट, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन की ओर से जारी निर्देशों के उल्लंघन पर अधिकारियों समेत सभी जिम्मेदार लोगों को जवाब दाखिल करना होगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पराली प्रबंधन मशीनरी उपलब्ध होने के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा रही हैं। डीसी ने एसडीएम को किसानों तक इन मशीनों की पहुंच बढ़ाने का निर्देश दिया और कहा कि किसानों को आग लगने की घटनाओं से बचाने के लिए सभी नोडल अधिकारी अधिक सतर्क रहें। इसी बीच आज खेतों में काम कर रही टीमें खेतों में पहुंची और आग बुझाई। उन्होंने किसानों से अपील की कि पराली प्रबंधन के लिए हमारे हेल्पलाइन नंबर 0183-2229125 पर संपर्क करें। उन्होंने ग्राम स्तर पर काम कर रहे नोडल अधिकारियों की भी जांच की और उन्हें चेतावनी दी कि किसी भी खेत में पराली में आग लगने की स्थिति में आपका पहुंचना बहुत जरूरी है और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए किसानों को भी जागरूक करें गौरतलब है कि आयोग ने 10 अक्टूबर, 2024 के अपने आदेश में कहा है, “धारा एल4(2) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, आयोग, पंजाब, हरियाणा, एनसीआर राजस्थान और उत्तर प्रदेश और एन.डी. दिल्ली के उपायुक्त/जिला कलेक्टर/सीटी में तैनात जिला मजिस्ट्रेट, विभिन्न स्तरों और स्टेशनों पर तैनात नोडल अधिकारी, पर्यवेक्षी अधिकारी और स्टेशन हाउस अधिकारी अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में धान की पराली जलाने से रोकने के लिए जिला न्यायिक के पास शिकायत/मुकदमा दर्ज करने के लिए अधिकृत हैं। जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट की अक्षमता के संबंध में मजिस्ट्रेट, जो आदेशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं।”आज अतिरिक्त उपायुक्त ज्योति बाला ने भी खेतों में लगी आग को बुझाने के लिए जंडियाला, धीरे कोट, वडाला जोहल, अमरजोत, बम्हा गहरी का दौरा किया और अधिकारियों को आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए उन्होंने कहा कि आग से जहां पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, वहीं विभिन्न बीमारियां भी फैल रही हैं।इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी श्री तजिंदर सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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