अमृतसर,6 नवंबर: पंजाब की पांच नगर निगम और 42 नगर कौंसिल चुनाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। पंजाब की पांच नगर निगम और 42 नगर कौंसिल /नगर पंचायत का कार्यकाल पूरा होने लगभग दो वर्ष का अधिक का समय हो चुका है। पंजाब के नगर निगमों और काउंसिलों इत्यादि के चुनाव नहीं करवाए गए, जिस कारण पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले दिनों एक फैसले में राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि 15 दिन के भीतर नगर निगम और नगर कौंसिल चुनाव संबंधी शेड्यूल जारी किया जाए और इसकी सूचना उच्च न्यायालय को दी जाए। हाईकोर्ट के आदेश आए 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है परंतु पंजाब सरकार ने अभी तक राज्य में नगर निगम चुनाव संबंधी कोई शेड्यूल जारी नहीं किया है।दूसरी ओर आज पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे डाली और राज्य सरकार की ओर से एक एस.एल.पी (स्पेशल लीव पिटिशन) दायर कर दी गई। एस.एल.पी. नंबर 51131/ 2024 में संभवत यह तर्क दिया गया है कि फगवाड़ा नगर निगम संबंधी एक याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और उस पर अभी कोई फैसला नहीं आया है परंतु हाईकोर्ट ने सभी निगम चुनावों का शेड्यूल जारी करने के निर्देश दे दिए हैं।यह एस.एल.पी. स्टेट ऑफ पंजाब बनाम बेअंत कुमार के टाइटल से दायर की गई है। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में लिस्ट कर लिया गया है और जल्द इस पर सुनवाई संभावित है। माना जा रहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्त्ताओं के तर्क से सहमत होते हुए स्टे आर्डर जारी कर दिया तो पंजाब में नगर निगम चुनावों में और कई महीनों की देरी हो सकती है। वैसे हाई कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा गया था कि अगर यहां जहां भी नई वार्ड बंदी अभी पूरी नहीं हुई है, वहां वहां पर पुरानी वार्ड बंदी के हिसाब से ही चुनाव करवा दिए जाएं। राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट में जाने पर स्पष्ट है कि सरकार अभी नगर निगम के चुनाव नहीं करवाना चाहती है।
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