अमृतसर:भारतीय जनता युवा मोर्चा के तत्कालीन पंजाब प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय मंत्री शहीद तरसेम सिंह बहार जी का 37वां बलिदान दिवस आज जिला भाजपा कार्यालय शहीद हरबंस लाल खन्ना स्मारक में आयोजित श्रद्धांजली कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भाजपा प्रदेश महासचिव राकेश राठौर तथा डॉ. जगमोहन सिंह राजू (पूर्व आईएएस) ने विशेष रूप से पहुँच कर श्रद्धांजली दी। इस अवसर पर उनके साथ जिला भाजपा प्रधान हरविंदर सिंह संधू राकेश गिल, पूर्व मेयर बख्शी राम अरोड़ा, डॉ. जसविंदर सिंह ढिल्लों, सुखमिंदर सिंह पिंटू, डॉ. राम चावला, कुमार अमित, जिला महासचिव मनीष शर्मा व सलिल कपूर, गुरप्रताप सिंह टिक्का, अजयबीर पाल सिंह रंधावा, पार्षद श्रुति विज आदि ने भी अपने-अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
तरसेम सिंह बहार ने देश की एकता व अखंडता के लिए अपना बलिदान दिया
हरविंदर सिंह संधू ने इस अवसर पर उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि तरसेम सिंह बहार ने देश की एकता व अखंडता के लिए अपना बलिदान दिया था। पंजाब में जब आतंकवाद का काला दौर चरम सीमा पर था, तब शहीद तरसेम सिंह बहार अपनी जान की परवाह किए बिना देश की जनता की आवाज बने और आंतकवादियों के खिलाफ आवाज बुलंद की। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर आतंकवादियों के षड़यंत्र को विफल किया।
जिला भाजपा कार्यालय में हवन-यज्ञ कार्यक्रम आयोजित
इसस पहले शहीद तरसेम सिंह बहार समिति के अध्यक्ष रमन शर्मा के नेतृत्व में जिला भाजपा कार्यालय में हवन-यज्ञ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस हवन यज्ञ में भाजपा प्रदेश महासचिव राकेश राठौर,कार्यालय सचिव सतपाल डोगरा, सोम देव शर्मा व उपस्थित कार्यकर्ताओं ने शहीद तरसेम सिंह बहार को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
तरसेम सिंह बहार की शहादत राजनीति की आवाज को एक नया आयाम दे गई
शाहिद तरसेम सिंह बहार समिति के अध्यक्ष रमन शर्मा
ने कहा कि शहीद तरसेम सिंह बहार युवा कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत थे। आतंकवादियों ने उनको शहीद. किया, लेकिन उनकी विचारधारा ने भाजपा को जन-भावना की सेवा करने का महान अवसर दिया। तरसेम बहार को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी शहादत राजनीति की आवाज को एक नया आयाम दे गई थी। जिसकी बदौलत पंजाब में लोकतंत्र की पुन: स्थापना हुई। उन्होंने कहा कि शहीद तरसेम सिंह बहार को आंतकवादियों ने 5 जनवरी 1989 को सुल्तानविंड रोड इलाके में गोलियां मार कर शहीद कर दिया था और समिति हर वर्ष उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजली समारोह अयोजित कर उनको नमन करती है। उन्होंने सभी से बहार के दर्शाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
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