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नगर निगम अमृतसर: कौन बनेगा शहर का मेयर ; खाली पड़ी कुर्सियां कर रही इंतजार;  26 जनवरी का राष्ट्रीय ध्वज निगम कार्यालय में क्या नवनियुक्त  मेयर फहराएंगे !

नगर निगम हाउस की कुर्सियां कर रही मेयर और पार्षदों का इंतजार।

अमृतसर : अमृतसर नगर निगम के चुनाव परिणाम आए 2 सप्ताह से अधिक समय हो गया। स्टेट इलेक्शन कमीशन ने 3 जनवरी को नए चुने गए पार्षदो उम्मीदवारों का गजट नोटिफिकेशन रिजल्ट भी लोकल बॉडी विभाग को सौंप दिया हैं। पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग द्वारा मेयर चुनने के लिए नोटिफिकेशन तैयार करवाया जा रहा है। विशेष कर अमृतसर नगर निगम के लिए जरनल, लेडीज और एससी कोटा रोटेंशन और विधानसभा क्षेत्र अटारी, जंडियाला गुरु के विधायको को नगर निगम जनरल हाउस का सदस्य बनाने के लिए कानूनी विशेषज्ञों की राय के साथ लोकल बॉडी विभाग के अधिकारियों की टीम पूरी तरह से जुटी हुई है। आने वाले दिनों में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनने के लिए नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। नोटिफिकेशन जारी होने के उपरांत डिविजनल कमिश्नर जालंधर रेंज नगर निगम कमिश्नर अमृतसर को चुने गए पार्षदों उम्मीदवार  और शहर से संबंधित विधायकों की हाउस मीटिंग बुलाने के लिए पत्र जारी करेंगे। पहले डिविजनल कमिश्नर सभी पार्षदों को शपथ ग्रहण करवाएंगे। शपथ ग्रहण करवाने के बाद राजनीतिक पार्टियों द्वारा मेयर, सीनियर डिप्टी मेयरओर डिप्टी मेयर चुनने के लिए अपने उम्मीदवार खड़े किए गए तो चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।शहरवासियो को भी बेसब्री से इंतजार है, इस बार शहर का कौन मेयर,सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी  मेयर में बनेगा ? नगर निगम रंजीत एवेन्यू कार्यालय में मेयर, सीनियर डिप्टी  मेयर और डिप्टी मेयर के ऑफिस पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं। इसके साथ-साथ नगर निगम का हाउस मीटिंग हॉल की कुर्सियां भी सभी पार्षदों का इंतजार कर रही है। जिस तरह की प्रक्रिया चल रही है, इससे तो साफ जाहिर होता है कि अभी मेयर चयन के लिए और भी समय लग सकता है। नगर निगम के गलियारे में यह चर्चा चल रही है कि इस बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को नगर निगम कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज निगम के नवनियुक्त मेयर  फहराएंगे !

देरी होने के यह कारण भी है

नगर निगम अमृतसर का मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनने में देरी होने में  यह भी कारण बताए जा रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारण नगर निगम अमृतसर में किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास मेयर चुनने के लिए बहुमत नहीं है। जिस कारण कोई भी राजनीतिक  पार्टी चुने गए पार्षदों और शहर के विधायकों के हस्ताक्षरों के साथ मेयर चुनने के लिए डिविजनल कमिश्नर जालंधर रेंज को पत्र जारी नहीं कर पाई है। इसके साथ-साथ 21 दिसंबर के बाद अधिक सरकारी छुट्टियां भी आ रही है। सरकारी छुट्टियो के साथ शनिवार और रविवार को भी छुट्टी होने पर नोटिफिकेशन जारी होने में समय लग रहा है। इसका परिणाम यह है कि 23 दिसंबर को पूरी तरह से नगर निगम पार्षद विजय उम्मीदवारों को  परिणाम आने के सर्टिफिकेट मिलने के उपरांत 3 जनवरी को स्टेट इलेक्शन कमिशन चुने हुए पार्षदों का गजट नोटिफिकेशन रिजल्ट पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग को जारी कर रहा है।

डिविजनल कमिश्नर जालंधर रेंज का पद खाली पड़ा

यहां तक की नगर निगम अमृतसर, जालंधर और फगवाड़ा के मेयर,सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव चुने हुए पार्षदों और विधायकों की हाउस मीटिंग डिविजनल कमिश्नर जालंधर रेंज द्वारा बुलाकर करवाए जाते हैं। डिविजनल कमिश्नर जालंधर रेंज प्रदीप सभरवाल 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो चुके हैं। पंजाब सरकार द्वारा अभी तक इस खाली पड़े पद पर किसी भी आईएएस अधिकारी को नियुक्त नहीं किया है। इसको लेकर जब ” अमृतसर न्यूज अपडेट्स ” द्वारा पंजाब सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ चर्चा की गई तो  पता चला कि इसके लिए जिस अधिकारी को नियुक्त करना है। उसके लिए राज्य सरकार द्वारा विचार विमर्श हो रहा है। जल्द ही डिवीजनल कमिश्नर जालंधर रेंज की नियुक्ति भी हो जाएगी।

AAP अपना मेयर बनाने के लिए जोड़-तोड़ में जुटी हुई ; AAP नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवार ज्वाइन करवा रही

2 चुने गए आजाद पार्षद उम्मीदवार  को आम आदमी पार्टी में ज्वाइन करवाते हुए मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल व अन्य।

नगर निगम चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी अपना मेयर बनाने के लिए जोड़-तोड़ में जुटी हुई है।AAP अपना मेयर बनाने के लिए नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवार अपनी पार्टी में ज्वाइन करवा रही है।वहीं 2 आजाद पार्षदों ने आप का दामन थाम  लिया है। जिसमें वार्ड नंबर 32 के आजाद पार्षद जगमीत सिंह घुल्ली और वार्ड नंबर 85 की पार्षद नताशा गिल के आप ज्वाइन करने के बाद 7 विधायकों सहित संख्या 33 पहुंच गई है। लेकिन अभी भी बहुमत से 14 कदम दूर है। आम आदमी पार्टी में नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवार ज्वाइन करवाने के लिए पहले पार्टी हाई कमान ने कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल,अमृतसर के साउथ, सेंट्रल, ईस्ट और वेस्ट के विधायकों से मीटिंग और लगातार संपर्क रखकर किस-किस नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवार  को पार्टी में ज्वाइन करवाया जा सकता है, उसके बारे में विस्तार पूर्वक चर्चाए हुई है और चल भी रही हैं। जिसमें आजाद और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवार को AAP में कैसे ज्वाइन करवाया जा सकता है, इस पर हर पैमाने पर चर्चा हो चुकी और चल भी रही है।अमृतसर शहरी से आप के एक विधायक को इस सिलसिले में आम आदमी पार्टी ने बाहर ही रखा हुआ है। अमृतसर जिला शहरी प्रधान भी सक्रिय है। साल 2022 विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को ज्वाइन करने वाले एक वरिष्ठ नेता जो अपने साथ भारी संख्या में दूसरी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को AAP में लेकर आए थे, महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उक्त नेता जोड़-तोड़ करके तीन या चार  नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवार आप में ज्वाइन करवा सकते हैं।किंतु मीडिया से किसी तरह की भी खुलकर बात नहीं कर रहे। चाहे कुछ मीडिया के साथियों से उनके साथ अच्छे संबंध भी है, उनसे भी इससे संबंधित बातें छिपा रहे हैं। आने वाले एक सप्ताह के भीतर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी। जो अंदर खाते जानकारी मिल रही है,नगर निगम अमृतसर चुनाव में जीते हुए आठ आजाद पार्षद, दूसरी राजनीतिक पार्टियों के कुछ पार्षद  AAP ज्वाइन कर सकते हैं।  इसके लिए आप पार्टी ज्वाइन करने वाले और ज्वाइन करवाने वालो को हर तरह की पेशकश दे रहे है। पेशकश में  डिप्टी मेयर, वित्त एंड ठेका कमेटी के सदस्य और नगर निगम की सब कमेटियों के चेयरमैन नियुक्तियों के लिए और अन्य भी बातचीत चल रही है। जो पता चल रहा है और जिसकी चर्चा है कि इसके साथ-साथ सत्ता में AAP द्वारा नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवारो के खिलाफ कुछ पुरानी मामूली अपराधिक  शिकायतों और अन्य मामलों को निपटाने के वायदे भी हो रहे हैं। इस बात की पुष्टि ” अमृतसर न्यूज अपडेट्स ” नहीं करता है।

मेयर पद का चयन की सूची CM मान और प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा भेजेगे , अंतिम मोहर दिल्ली हाई कमान ही लगाएगी

नवनियुक्त चुने हुए पार्षद उम्मीदवार जो आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी ज्वाइन करेंगे, वह तस्वीर तो एक सप्ताह के भीतर साफ हो जाएगी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण होगा चाहे बीजेपी के  9 और अकाली दल के 4 नव नियुक्त पार्षद उम्मीदवार किस ओर करवट लेते है।यह भी आश्चर्य जनक होगा। चाहे साल 2007 से लेकर 2017 तक सत्ता का भरपूर फायदा ले चुके भाजपा और अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं का जमीनी स्तर पर आधार कम हो गया है।आम आदमी पार्टी के उच्च स्तरीय सूत्रों से पता चला है कि मेयर पद का चयन की सूची पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और प्रदेश आम आदमी पार्टी अध्यक्ष अमन अरोड़ा द्वारा ही भेजी जाएगी और इस पर अंतिम मोहर AAP दिल्ली हाई कमान द्वारा ही लगाई जाएगी।

कांग्रेस की गुटबाजी के कारण नंबर गेम कम हो रही

नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 40 उम्मीदवार विजय होने पर अपना मेयर बनाने का दम भर रही हैं। कांग्रेस  के एक वरिष्ठ नेता का कहना है, हम सबसे अधिक सीटे जीते हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के साथ 10 नवनियुक्त  पार्षद उम्मीदवार और जुड़ सकते हैं। हालांकि जीते हुए आम आदमी पार्टी, भाजपा, अकाली दल और आजाद उम्मीदवारों में से कौन आ सकता है, इस पर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं है।  कांग्रेस की आपसी गुटबाजी ने पार्षद नंबर गेम को कम किया है। कांग्रेस का एक धड़ा अपने करीबी को मेयर बनाना चाहता है। किसी जमाने में कांग्रेस में इस धड़े का वर्चस्व था, जो इस वक्त कम होता चला जा रहा है। उससे भी कांग्रेस दो की बजाय तीन गुटों में बंट रही है। जिसका सीधा लाभ सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को मिल रहा है। मेयर की कुर्सी के लिए कांग्रेस के अंदर खाते जारी घमासान का फायदा AAP को मिलता दिख रहा है। जीते हुए पार्षद उम्मीदवार पंजाब की सत्ताधारी पार्टी आप में आने में प्राथमिकता दे रहे हैं।

जारी नोटिफिकेशन की कॉपी।

मेयर चुनाव हाथ खड़े करके सर्वसम्मति या बेलट से होगा

पंजाब म्यूनिसिपल मेयर इलेक्शन रूल 1991 के अनुसार अगर किसी पार्टी के पास बहुमत न हो तो दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों उम्मीदवार  पद के लिए अपना अपना उम्मीदवार खड़ी कर सकती है। तब नगर निगम हाउस मीटिंग में मौजूद नवनियुक्त पार्षद उम्मीदवार और हाउस सदस्य विधायक बेलट पेपर से चुनाव करेंगे। चाहे इस वक्त निगम हाउस के 85 पार्षद और 7 विधायक सदस्य हैं, चाहे पूरी संख्या में हाउस मीटिंग में सदस्य मौजूद न रहे। जिस मेयर,सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर उम्मीदवार को अपने सामने खड़े हुए उम्मीदवार से अधिक वोट पड़ेंगे, वही मेयर पद का उम्मीदवार विजय  होगा। अगर किसी राजनीतिक पार्टी के पास बहुमत के हाउस सदस्यों के हस्ताक्षरों सहित नोटिस डिविजनल कमिश्नर जालंधर रेंज को पहुंचा होगा, तब हाथ खड़े करके सर्वसम्मति से तीनों मेयर पदों का चुनाव हो जाएगा। इसके इलावा पंजाब गवर्नमेंट गजट एक्स्ट्रा अप्रैल 20, साल 2001 नोटिफिकेशन के अनुसार चुने हुए पार्षद उम्मीदवारों को मेयर पद  के लिए खड़े हुए उम्मीदवार के लिए हाथ खड़े करके भी चुनाव करवाया जा सकता है। जिस उम्मीदवार के पक्ष में अधिक हाथ खड़े होंगे वह उम्मीदवार ही मेयर पद के लिए विजय होगा। इसको लेकर पूरी तरह से वीडियो ग्राफी भी करवाई जाएगी।

जारी नोटिफिकेशन की कॉपी।

निगम अधिकारियों को इस वक्त समस्याओं से गुजरना पड़ रहा

वर्तमान नगर निगम अमृतसर की बात करें तो इस वक्त निगम अधिकारियों को समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। 21 दिसंबर के बाद विजय हुए पार्षद उम्मीदवार निगम अधिकारियों को टेलीफोन करके अपनी अपनी वार्ड में काम करवाने और पहले से जारी हुए कामों को रुकवाने के लिए तीखी भाषा बोल रहे हैं। कुछ नवनियुक्त चुने हुए पार्षद उम्मीदवार अपनी अपनी वार्डो से छोटे-छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले करवाने के लिए भी वरिष्ठ अधिकारियों को कह रहे हैं। जिस कारण निगम अधिकारी इसको लेकर अपने-अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। निगम के कुछ अधिकारियों ने अपना नाम की  शर्त पर बताया कि नए चुने के पार्षदों के साथ टेलीफोन पर तो वह , आदर से ही बात करते हैं। किंतु जब उनको नियम के खिलाफ बात कही जाती है, तब मजबूरन उनका फोन काटना पड़ता है। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि जब उनको एक नए चुने हुए पार्षद उम्मीदवार का पुरानी चल रहे विकास कार्य को रोकने के लिए टेलीफोन आया तो  उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह कार्य क्षेत्र के विधायक द्वारा वर्क आर्डर जारी करवा कर करवाया जा रहा है इसे हम नहीं रोक सकते। उस अधिकारी ने बताया कि जब मैंने उस चुने हुए पार्षद उम्मीदवार को कहा कि जब तक आपका शपथ ग्रहण समारोह नहीं होता तब तक आप आधिकारिक तौर पर पार्षद कि किसी भी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते। इस पर उक्त पार्षद भड़क उठे। नगर निगम में चुने गए कुछ पुराने पार्षद उम्मीदवार नियम कानून को समझते हैं किंतु पहली बार चुने गए पार्षद उम्मीदवार नियम कानून ना समझने पर अधिकारियों के साथ तीखी बाते कर रहे हैं।

विधायकों ने ही तय किए हुए हैं सभी वार्डों के विकास कार्य

नगर निगम अमृतसर के पांच विधानसभा क्षेत्र के विधायकों ने ही अपनी अपनी विधानसभा क्षेत्र की सभी वार्डों के विकास तय किए हुए हैं। लगभग एक  साल पहले नगर निगम ने पांचो विधानसभा क्षेत्र के विधायकों से विकास कार्यों के एस्टीमेट लेकर लगभग 100 करोड़ रुपयो के विकास कार्यों के टेंडर जारी करके वर्क आर्डर जारी किए हुए हैं। इनमें से लगभग 75 करोड़ रुपए के विकास कार्य हो चुके हैं। अभी भी नगर निगम को पंजाब सरकार से 20 करोड़ रुपए की ग्रांट राशि आनी है। जिससे सभी विधानसभा क्षेत्र में शेष बड़े विकास कार्य विधानसभा क्षेत्र के विधायक के द्वारा ही करवाए जाने हैं। इसके इलावा अमृतसर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के भी के विकास कार्यों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। वे सभी विकास के प्रोजेक्ट पहले से ही मंजूर  हुए हैं। अमृतसर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में विकास कार्यों के करवाने के लिए 50% राशि केंद्र सरकार और 50% राशि पंजाब सरकार द्वारा खर्च की जाती है। अमृतसर के जितने भी विकास कार्य पंजाब सरकार की ग्रांट से होते हैं, इन विकास कार्य के लिए भी विधायक फंड पंजाब सरकार द्वारा जारी किया जाता है। चाहे शहर के विधायक इस फंड से नगर निगम, अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, पी डवल्यू डी और अन्य एजेंसी से भी अपने-अपने क्षेत्र की वार्ड के विकास कार्य करवा सकते है। नगर निगम के सभी वरिष्ठ अधिकारी विकास कार्य करवाने और लोगों की समस्याओं के लिए चुने हुए विधायकों को ही प्राथमिकता देते हैं। अगर नगर निगम का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी किसी तरह की भी कोई गलती कर बैठे तो शहर के विधायक उनका तबादला नगर निगम अमृतसर से पंजाब के किसी भी नगर निगम या चंडीगढ़ में पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग के मुख्य कार्यालय में करवा सकता है।नगर निगम का अपना खजाना तो हर समय खाली ही पड़ा रहता है। नगर निगम अपने विभागों की आमदनी से और चुंगी के एवज में आने वाली जीएसटी की राशि से अपने विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, पुरानी जनरल अदायगिया , डीजल -पेट्रोल का खर्चा, अपने गाड़ियों की मरम्मत, बिजली के बिल और अन्य मदो पर ही खर्च कर पता है। अगर नगर निगम को किसी तरह से कोई जनरल ग्रांट या आमदनी आती है तो वार्डों में जनरल विकास का कार्य करवा पता है।

निगम हाउस मीटिंग से मंजूर करवाए गए कार्यों की अंतिम मंजूरी लोकल बॉडी विभाग ने देनी होती है

आपको यह भी बता दे की देश की  पार्लियामेंट, राज्य की  विधानसभा की दो सरकारों के बाद नगर निगम तीसरी शाहरो  की सरकार चुनी जाती है। शहरों की तीसरी चुनी गई नगर निगम की सरकार पंजाब सरकार के लोकल बड़ी विभाग पर पूरी तरह से निर्भर करती है। चुना गया नगर निगम का हाउस के पार्षद अपनी अपनी वार्ड के विकास के लिए और शहर से जुड़ी लोगों की समस्याओं को लेकर निगम जनरल हाउस की मीटिंग में मुद्दे उठाकर मांग रखते हैं तो हाउस तो उसे मंजूर कर देता है। किंतु इसकी अंतिम मंजूरी के लिए पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग पर ही निर्भर करना पड़ता है। जिससे नगर निगम से जुड़े पुराने विशेषज्ञ लोग यही कहते हैं कि राज्य में जिसकी सरकार हो तो नगर निगम में भी उसकी सरकार होनी आवश्यक है, ताकि इसका नगर निगम को भरपूर फायदा मिलता है।

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