
अमृतसर,6 फरवरी (राजन): नगर निगम अमृतसर के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में डाली गई याचिका पर निर्णय अभी तक रिजर्व्ड रखा गया है। कांग्रेसी पार्षद विकास सोनी द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में 27 जनवरी को ही याचिका दायर कर दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि आम आदमी पार्टी के पास बहुमत न होने के बावजूद धकेशाही से AAP के पार्षद को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुन लिया गया। इस याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की डबल बेंच के न्यायाधीश सुधीर सिंह और न्यायाधीश सुखविंदर कौर ने 29 जनवरी को सुनवाई की थी। डबल बेंच के न्यायाधीशों द्वारा सुनवाई के उपरांत नाही नोटिस ऑफ़ मोशन और ना ही कोई अगली तारीख जारी की गई। जिससे यह माना गया कि इस याचिका को खारिज कर दिया गया है। अभी तक 9 दिन बीत जाने के बावजूद भी हाई कोर्ट की डबल बेंच की अदालत द्वारा कोई भी लिखित आदेश अपलोड नहीं किया गया है। जब तक फैसला अपलोड नहीं होता तब तक अगली अदालत में याचिका दायर नहीं हो सकती है।
सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर ने कार्यभार नहीं संभाला
चुने गए मेयर जितेंद्र सिंह मोती भाटिया ने तो 28 जनवरी को ही अपना कार्यभार संभाल लिया था। किंतु अभी तक चुनी गई सीनियर डिप्टी मे पार्षद प्रियंका शर्मा और चुनी गई डिप्टी मेयर पार्षद अनिता रानी ने कार्यभार नहीं संभाला है। माननीय हाई कोर्ट के लिखित आदेश का इंतजार हो रहा है।
21 दिसंबर को हुए थे चुनाव
नगर निगम अमृतसर के 21 दिसंबर 2024 को चुनाव हुए थे। उसी दिन रात को नतीजे आ गए थे। जिला चुनाव अधिकारी द्वारा 27 दिसंबर को लिखित परिणाम का गजट जारी कर दिया था। इस लिखित गजट के अनुसार कांग्रेस पार्टी को 40, आम आदमी पार्टी को 24, भाजपा को 9, शिरोमणि अकाली दल को 4 और 8 आजाद पार्षद चुने गए थे। बाद में सात आजाद और दो भाजपा के पार्षदों ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली थी। एक आजाद पार्षद ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।27 जनवरी 2025 को हुए मेयर,सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में बहुमत से आम आदमी पार्टी के पार्षद जितेंद्र सिंह मोती भाटिया को मेयर, पार्षद प्रियंका शर्मा को सीनियर डिप्टी मेयर और पार्षद अनिता रानी को डिप्टी मेयर घोषित कर दिया था।
निगम हाउस में वित्त और ठेका कमेटी के सदस्य चुने जाएंगे
28 जनवरी को मेयर जितेंद्र सिंह मोती भाटिया ने मेयर पद का कार्यभार संभाल लिया। नवनियुक्त मेयर द्वारा सबसे पहले नगर निगम जनरल हाउस की मीटिंग बुलाकर बहुमत के साथ नगर निगम की वित्त और ठेका कमेटी के दो पार्षद सदस्य चुने जाते हैं। इस कमेटी के चेयरमैन मेयर होते हैं और इस कमेटी के सदस्य नगर निगम कमिश्नर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर होते हैं। हाउस से बहुमत से चुने गए दो पार्षद इस कमेटी के सदस्य बन जाते हैं। नगर निगम की वित्त और ठेका कमेटी को नगर निगम की कैबिनेट कमेटी भी कहा जाता है। नगर निगम में विकास के और अन्य कोई भी कार्य के टेंडर को अंतिम मंजूरी निगम की वित्तऔर ठेका कमेटी ही देती है।
नगर निगम हाउस की कमेटी बुलाने का अधिकार मेयर के पास
नगर निगम जनरल हाउस की मीटिंग बुलाने का अधिकार मेयर के पास ही होता है। फिलहाल मेयर जितेंद्र सिंह मोती भाटिया द्वारा निगम जनरल हाउस की मीटिंग नहीं बुलाई जा रही है। जनरल हाउस की मीटिंग में डाले जाने वाले प्रस्तावो को बहुमत से मंजूरी मिलती है। जैसे की निगम की वित्त और ठेका कमेटी के दो पार्षद सदस्य चुने जाएंगे। यह दोनों पार्षद भी निगम जनरल हाउस की मीटिंग में मौजूद सदस्यों के बहुमत से ही चुने जाएंगे। अगर मेयर द्वारा कोई भी प्रस्ताव “इन एंटीसिपेशन अप्रूवल ऑफ़ द हाउस” द्वारा पास किया जाता है। उस प्रस्ताव को बाद में जनरल हाउस की मीटिंग में डाला जाता है। अगर मेयर द्वारा किए गए ” इन एंटीसिपेशन अप्रूवल ऑफ़ द हाउस” प्रस्ताव को हाउस से बहुमत से मंजूरी नहीं मिलती है। उस मंजूर किए गए प्रस्ताव पर किए गए कार्य पर जितना भी खर्च आएगा, उस खर्च को मेयर से ही वसूला जाएगा।
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