स्वच्छ जल स्वच्छ मन की ओर एक सार्थक कदम है

अमृतसर, 23 फरवरी:संत निरंकारी मिशन की सेवा एवं मानव कल्याण की भावना को साकार करने के लिए ‘प्रोजेक्ट अमृत’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ परियोजना के तीसरे चरण में कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ शहर में चाटीविंड नहर, तारण वाला पुल, वल्ला नहर आदि जल स्रोतों की सफाई में विशेष रूप से शामिल हुए तथा स्वयं सफाई का जिम्मा संभाला तथा सफाई की।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भी पिछले तीन वर्षों से पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण देना चाहते हैं तो हमें अपनी हवा और पानी को स्वच्छ करना होगा, तभी हमारी आने वाली पीढ़ियां गंभीर बीमारियों से बच सकेंगी।

नहरों में प्लास्टिक की थैलियां व अन्य कूड़ा-कचरा न फेंके
कैबिनेट मंत्री ईटीओ ने लोगों से अपील की कि वे नहरों में प्लास्टिक की थैलियां व अन्य कूड़ा-कचरा न फेंके। उन्होंने कहा कि उनकी इस हरकत के कारण नहर का पानी प्रदूषित हो रहा है और जलीय जीव भी बड़ी संख्या में मर रहे हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखना हम सबका कर्तव्य है। कैबिनेट मंत्री ईटीओ ने कहा कि आज संत निरंकारी मिशन के सैकड़ों सेवक इस सफाई अभियान में भाग ले रहे हैं तथा यह सफाई अभियान देशभर में अनेक जल स्रोतों पर चलाया जाएगा, जिसकी शुभ शुरुआत परम पूज्य माता सुदीक्षा जी एवं निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन उपस्थिति में आईटीओ स्थित यमुना नदी के छठ घाट से की गई।

परियोजना का उद्देश्य जल संरक्षण और स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करना
इस परियोजना का उद्देश्य जल संरक्षण और स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल और स्वस्थ वातावरण मिल सके। कैबिनेट मंत्री सरदार ईटीओ ने संत निरंकारी मिशन की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले समय में उनकी मुहिम सार्थक परिणाम देगी तथा यह मिशन पहले से ही रक्तदान जैसे शिविरों का आयोजन कर मानवता की सेवा में अपना योगदान दे रहा है।संत निरंकारी मिशन ने बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की प्रेरणादायक शिक्षाओं को अपनाते हुए सरकार के सहयोग से वर्ष 2023 में ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का शुभारंभ किया है। इस पहल का उद्देश्य न केवल जल स्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित करना है, बल्कि जल संरक्षण को मानव जीवन का अभिन्न अंग बनाने की मानसिकता विकसित करना भी है। नदियों, झीलों, तालाबों, कुओं और झरनों जैसे प्राकृतिक जल संसाधनों की सफाई और संरक्षण को समर्पित इस महाअभियान को अपने पहले दो चरणों में अभूतपूर्व सफलता मिली। इसी प्रेरणा से इस वर्ष तीसरे चरण को और अधिक व्यापक, प्रभावी और दूरदर्शी दृष्टि से आगे बढ़ाया गया है, ताकि अभियान निरन्तर फैलता रहे और समाज में जागरूकता, सेवा और समर्पण की प्रबल लहर पैदा हो।
यह विशाल अभियान देशभर में 1600 से अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया
संत निरंकारी मंडल के सचिव माननीय जोगिंदर सुखीजा जी ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि यह विशाल अभियान देशभर के 27 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 900 से अधिक शहरों में 1600 से अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया है। इस महाअभियान का अभूतपूर्व स्वरूप इसे ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से जल संरक्षण और स्वच्छता का संदेश अधिक प्रभावी ढंग से जन-जन तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि संगीतमय गीतों, समूह गायन, जागरूकता संगोष्ठियों और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से जल जनित बीमारियों और स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा की जा रही है। यह पहल सिर्फ स्वच्छता तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आज की युवा पीढ़ी को समाज कल्याण की दिशा में सकारात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करने का सशक्त माध्यम बनेगी। इस अवसर पर अमृतसर जोन प्रभारी श्री राकेश सेठी, समन्वयक श्री सूरज प्रकाश जी, डॉ. देस राज जी एवं बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे।
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