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कैबिनेट मीटिंग में लिए  गए अहम फैसले :सीएम तीर्थ यात्रा योजना के लिए 100 करोड़ का बजट मंजूर, अधिकारी अडाप्ट करेंगे स्कूल, माइनिंग पॉलिसी मंजूर

जानकारी देते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा।

अमृतसर, 3 अप्रैल :पंजाब सरकार की आज हुई कैबिनेट मीटिंग में अहम फैसले लिए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा को दोबारा शुरू करने मंजूरी दी गई। कैबिनेट मीटिंग आज चंडीगढ में सीएम भगवंत मान की अध्यक्षता में उनके आवास पर हुई। मीटिंग में मुख्यमंत्री तीर्थ योजना, अधिकारी स्कूल अडॉप्ट करेंगे और नई माइनिंग पॉलिसी को भी मंजूर किया गया है।

राम मंदिर समेत कई जगह की कर पाएंगे यात्रा

फाइनेंस मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी। सरकार ने इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का कोष आवंटित किया है। योजना के लिए पंजीकरण अप्रैल माह के अंत में प्रारंभ होगा और यात्राएं मई माह से शुरू होंगी। उन्होंने कहा कि सभी यात्राएं वातानुकूलित वाहनों से कराई जाएंगी। यात्रियों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। श्री दरबार साहिब, दुर्गियाना मंदिर और उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या.के राम मंदिर सहित तीर्थ स्थलों की सूची शीघ्र ही अंतिम रूप दी जाएगी। यात्रा बस और रेल दोनों माध्यमों से कराई जाएगी। योजना के लिए पंजीकरण अप्रैल माह के अंत में प्रारंभ होगा और यात्राएं मई माह से शुरू होंगी।

अधिकारी करेंगे स्कूल अडॉप्ट

राज्य के118 एमिनेंस स्कूलों में से  80 स्कूल ऑफ एमिनेंस को मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू होगा। इसके तहत आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारी स्कूलों को पांच साल के लिए गोद लेंगे।जिनमें स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम की शुरुआत की गई है, जिसके तहत पंजाब में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारी एक-एक स्कूल को पांच के लिए गोद लेंगे।.वे स्कूलों में जाकर बच्चों से रूबरू होंगे। इससे उनका स्कूलों के साथ भावनात्मक संबंध स्थापित होगा। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। इससे उनमें सिविल सेवा में जाने और देश सेवा की भावना विकसित होगी।

अब रेत बजरी होंगे सस्ते, लोगों को मिलेगा फायदा

इसके अलावा लोगों को सस्ता रेत मुहैया करवाने के लिए माइनिंग पॉलिसी में किए संशोधनों को मंजूरी दी गई है। अब किसान खुद अपने खेत का रेत भी बेच पाएंगे। हालांकि खुदाई आदि के लिए सीमा तय होगी। कैबिनेट मीटिंग में माइनिंग व क्रशर पॉलिसी 2023 के संशोधन को मंजूरी दी गई। इसमें डिमांड व सप्लाई के अंतर को कम करने, अवैध खन्नन रोकने, राजस्व बढ़ाने और लोगों को सस्ते रेट पर रेत बजरी मुहैया करवाने के लिए फैसला लिया है। इसमें पहले सार्वजनिक खनन स्थल और कॉमर्शियल खनन साइट को शामिल किया गया था। जबकि अब तीन नई कैटेगरी जोडी गई हैं।इसमें पहली कैटेगरी क्रशर खनन साइट शामिल की गई है। इस स्कीम में जिन क्रशर मालिकों के पास स्वयं की भूमि है, वे अपनी भूमि का उपयोग कर सकेंगे या पट्टे पर भूमि ले सकेंगे। वे सरकार को रॉयल्टी का भुगतान करेंगे। एक निश्चित सीमा तय की जाएगी, जिसके अनुसार वे खनन कर पांएगे। दूसरी लैंड ऑनर कैटेगरी बनाई गई। इस कैटेगरी में जिन किसानों के खेतों में रेत उपलब्ध है, वे स्वयं भी रेत की बिक्री कर सकेंगे। वे समूह के माध्यम से या खुद स्थल पर बिक्री कर सकेंगे। सरकारी भूमि के संबंध में डीसी निर्णय लेंगे। दो की जगह अब पांच स्थान होंगे, जिससे रेत की कीमतें कम होंगी और यह आसानी से उपलब्ध होगी। पहले पर्यावरण मंजूरी सरकार लेकर देती थी, अब व्यक्ति स्वयं यह मंजूरी प्राप्त कर सकेंगे और अपना कार्य कर सकेंगे। प्रत्येक अधिकारी के कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं।.प्रक्रिया को इतना सरल बनाया गया है कि किसी को परेशानी न हो। सभी प्रावधानों में संशोधन किया गया है, जिससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा।

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