
अमृतसर, 21 मई :सिख प्रचारक भाई रणजीत सिंह ढडरियांवाला ने श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होकर पांच सिंह साहिबानों के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब तथा गुरु पंथ से लिखित क्षमा मांगी। पांचों सिंह साहिबानों ने उनका पक्ष सुनने के बाद क्षमा याचना स्वीकार कर ली।ढडरियांवाला को श्री गुरु ग्रंथ साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब, पंथक परंपराओं और रीति-रिवाजों द्वारा अनुमोदित सिख आचार संहिता के अनुसार ही सिख धर्म का प्रचार करने का आदेश दिया गया है। भाई रणजीत सिंह को यह भी निर्देश दिया गया है कि गुरु के तीर्थस्थान सिख जीवन शैली को आकार देने के स्रोत हैं और गुरु द्वारा स्वयं निर्मित पवित्र सरोवर समस्त मानवता को एकता का संदेश देते हैं, इसलिए सरोवरों के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया जाना चाहिए।
गुरु की बाणी सुनाई जाए
गुरु के प्रति भक्ति की भावना पैदा करने वाली गुरु की बाणी सुनाई जाए। सिख प्रचार मंच के माध्यम से पूरे सिख समुदाय को एकजुट करने का प्रयास किया जाना चाहिए और किसी भी संगठन के खिलाफ कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ ही पांच सिंह साहिबानों ने ढडरियांवाला के समागमों का बहिष्कार करने का आदेश वापस ले लिया गया। फैसला सुनाए जाने के दौरान ढंडरियांवाले हाथ जोड़कर खड़े रहे। उन्होंने बिना शर्त इस फैसले को स्वीकार किया।
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