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भगतावाला कूड़े के डंप में से निकलती गैस भीषण गर्मी में आग पकड़ लेती:आग पर काबू पाने के लिए नगर निगम ने उठाए यह कदम

डंप पर लगी आग का दृश्य।

अमृतसर, 11 जून (राजन):भगतावाला कूड़े के डंप में से निकलती गैस को जब 42 सेल्सियस डिग्री तापमान हो तो आग लग जाती है। आग लगने से जहरीला धुआं निकलने के कारण इस डंप के आसपास रहने वाले आबादियों के लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह सिलसिला हर साल जून और जुलाई महीने में होता है। इस वक्त इस कुड़े के पहाड़ पर लगभग 18 लाख मैट्रिक टन कूड़ा मौजूद है। प्रतिदिन इस डंप पर 550 से 600 मेट्रिक टन कूड़ा आ रहा है। नगर निगम ने शहर की साफ सफाई और इस कूड़े की डंप पर बायोरेमेडीएशन करने का ठेका अवरदा कंपनी को दिया हुआ था। कंपनी द्वारा कार्य ठीक ढंग से ना करने पर कंपनी को एग्जिट कर दिया हुआ है। कंपनी फिलहाल सितंबर 2025 तक शहर की साफ सफाई और डंप की देखभाल कर रही है ।

गत रात्रि लगी आग पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किरण कुमार अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे।

नगर निगम द्वारा उठाए गए कदम

हर साल जून और जुलाई में डंप में से निकल रही मीथेन गैस जब भीषण तापमान की चपेट में आती है, तब ही आग को बुझाने के लिए नगर निगम ने पहले ही डंप के पास एक ट्यूबवेल शुरू कर दिया हुआ है।अब इस ट्यूबवेल के माध्यम से प्रतिदिन सुबह फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां और शाम को तीन गाड़ियां डंप के ऊपर पानी का छिड़काव करके डंप पर कूड़े के पहाड़ को गीला किया जा रहा है। ताकि गैस ना निकल पाए। निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किरण कुमार ने बताया कि प्रतिदिन पानी के छिड़काव के साथ-साथ अब पॉकलाइन  मशीनों से माध्यम से कूड़े के पहाड़ को समतल किया जा रहा है। ताकि गैस बाहर ही ना निकल पाए। उन्होंने कहा कि अब ट्यूबवेल  के साथ एक टैंक का भी निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि  डंप पर कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि रात को आग लगने से वह खुद अपने अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे थे। अब भी वह अधिकारियों के साथ डंप का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।

डंप की बायोरेमेडीएशन करने का 4 जुलाई को खुलना है टेंडर

भगतावाला वाला कुड़े के डंप की बायोरेमेडीएशन और डिस्पोजल ऑफ लेगसी वेस्ट करवाने के लिए नगर निगम द्वारा पहले ई टेंडर लगाए गए थे। किसी टेक्निकल मुश्किल आने पर दोबारा टेंडर 29 मई को लगाया गया है। यह टेंडर 4 जुलाई को खुलना है। अगर यह टेंडर लग जाता है तो इस डंप के कूड़े के पहाड़ को आने वाले 15 महीना में समाप्त करवाया जा सकता है। जिससे इस डंप के आसपास के आबादियों के  लोगों को भारी राहत मिल जाएगी। किंतु इस साल जून और जुलाई महीने में नगर निगम के अधिकारियों के सतर्क रहने की आवश्यकता है।

डंप को लेकर एनजीटी सख्त

भगतवाला कूड़े के डंप को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी सख्ती दिखाई हुई है। एनजीटी द्वारा नगर निगम को जुर्माना भी डाला गया है। एनजीटी पहले भी नगर निगम कमिश्नर को नोटिस दे चुकी है। इस नोटिस के एवज में तत्कालीन निगम कमिश्नर ने बीते साल 23 अगस्त 2024 में एडवोकेट को पॉवर अटॉर्नी दी थी। तबसे केस चल रहा है। नगर निगम द्वारा पहले अवरदा कंपनी से बायोरेमेडीएशन करवाई गई थी। अब नगर निगम द्वारा बायोरेमेडीएशन और डिस्पोजल ऑफ लेगसी वेस्ट की टेंडरिंग प्रक्रिया की हुई है।

गत रात्रि लगी आग पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किरण कुमार अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे।

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