
अमृतसर, 22 जुलाई (राजन): नगर निगम अमृतसर में पिछले लंबे अरसे से सीट पर जमे अफसरों का तबादला शुरू हो चुका है। इसके साथ-साथ इन अधिकारियों द्वारा किए गए कामों की आने वाले दिनों में जांच भी शुरू होने वाली है। पता चला है तबादलों का कारण भी अधिकारियों द्वारा की जा रही गड़बड़िया है। जांच में यह सब स्पष्ट हो जाएगा। नगर निगम अमृतसर में अभी 5 अधिकारियों के ही तबादले हुए हैं। जिन में कुछ दिन पहले एमटीपी मेहरबान सिंह,अब डीसीएफए मनु शर्मा, सैक्ट्री सुशांत भाटिया, एस्टेट अफ़सर धर्मेंद्र जीत सिंह, सुपरिंटेंडेंट पुष्पिंदर सिंह के फिलहाल अमृतसर से तबादले हुए हैं।अभी भी निगम में कई अफसर 5 साल तो दूर 20 साल तक से एक ही सीट पर जमे हुए हैं। ज्वाइनिंग से लेकर प्रमोशन तक अमृतसर निगम में ही हैं। नगर निगम अमृतसर में अभी और भी अधिकारियों के तबादले होने हैं।नगर निगम के गलियारे में यही चर्चा चल रही है तब्दील हुए अधिकारी अपना तबादला रुकवाने में जुटे हुए हैं। इसके साथ-साथ नगर निगम में पिछले लंबे अरसे से मलाईदार सीटों पर बैठे अधिकारी भी अपना तबादला ना हो इसके लिए अपनी जोर आजमाइश कर रहे हैं।
डीसीएफए मनु शर्मा पर पीएफ घोटाले की जांच भी चली
डीसीएफए मनु शर्मा पर नगर निगम अमृतसर में बहुत चर्चित प्रोविडेंट फंड (पीएफ) घोटाले की जांच भी चली। करोड़ों रुपए की इस घोटाले में अभी और भी बारीकी से जांच करवाई जाए, तो बहुत कुछ सामने आ सकता है। अभी भी यह जांच पूरी नहीं हुई है। मनु शर्मा नगर निगम अमृतसर की अकाउंट ब्रांच में 2007-08 से लगे थे। हालांकि बीच में पीएफ घोटाला जांच और अन्य कार्यों के कारण कुछ समय के लिए मनु शर्मा का तबादला किया गया था।
अन्य अधिकारी भी लंबे समय से तैनात
नगर निगम से तब्दील हुए अधिकारी भी लंबे समय से नगर निगम में कार्य कर रहे थे।सैक्ट्री सुशांत भाटिया साल 1999 में नगर निगम अमृतसर में भर्ती हुए थे। अमृतसर में ही वह इंस्पेक्टर, सुपरीटेंडेंट बन कर लंबे समय तक अमृतसर में ही रहे। उसके उपरांत तरक्की पा कर सेक्रेटरी बन गए। इसी बीच उनका कुछ समय के लिए तबादला कपूरथला में हो गया। फिर वह वापस अमृतसर में आगे गए।सुशांत भाटिया पर इस वक्त भी काफी जांच चल रही है। जिस कारण सहायक कमिश्नर की तरक्की पाकर भी अभी तक सहायक कमिश्नर नहीं बने हैं। इस वक्त भी वह अमृतसर के साथ-साथ बटाला और कपूरथला का भी चार्ज देख रहे थे। अब सुशांत भाटिया सिर्फ बटाला और कपूरथला का ही चार्ज देखेंगे । यही हाल सुपरिंटेंडेंट धर्मेंद्र जीत का है। धर्मेंद्र जीत भी पिछले लंबे अरसे से अमृतसर में ही तैनात हैं। सुपरीटेंडेंट पुष्पेंद्र सिंह साल 2007-08 में इंस्पेक्टर के तौर पर लगे थे। तरक्की पा कर पिछले लंबे अरसे सुपरिंटेंडेंट विज्ञापन विभाग का ही कार्य कर रहे हैं। पहले भी पुष्पेंद्र सिंह का तबादला हुआ था, मात्र कुछ ही दिनों में वापस तबादला नगर निगम अमृतसर में हो गया। अब देखना यह होगा कि पिछले लंबे अरसे से नगर निगम की मलाईदार सीटों पर बैठे किस-किस अधिकारी के तबादले होने जा रहे हैं।
तब्दील हुए अधिकारियों की जगह पर तैनाती जरूरी
नगर निगम तब्दील हो रहे अधिकारियों की जगह पर अन्य अधिकारियों की तैनाती भी जरूरी है। दो सप्ताह पहले एमटीपी मेहरबान सिंह का तबादला सदर ऑफिस चंडीगढ़ में हो गया था। मेहरबान सिंह के अमृतसर से जाने के उपरांत एमटीपी नरेंद्र शर्मा कार्य तो कर रहे हैं। एमटीपी नरेंद्र शर्मा का हेड ऑफिस नगर निगम पटियाला है। नरेंद्र शर्मा को वेतन भी नगर निगम पटियाला से मिलता है। नरेंद्र शर्मा को पटियाला के साथ-साथ अमृतसर का भी चार्ज मिला हुआ है। जिस कारण अमृतसर में एक और एमटीपी की तैनाती जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण डीसीएफए मनु शर्मा के तबादले पर अमृतसर नगर निगम में किसी ओर डीसीएफए की भी नियुक्ति होनी चाहिए। अमृतसर से दो सुपरीटेंडेंट का तबादला होने पर अन्य नगर निगमो से और भी सुपरिंटेंडेंट अमृतसर में तब्दील करने की जरूरत है।
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