
अमृतसर,14 अक्टूबर:अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद अमृतसर के व्यापारियों में एक बार फिर व्यापार शुरू होने की उम्मीद जाग गई है । व्यापारियों को विश्वास है कि अगर ये व्यापार शुरू हो गया तो अटारी बॉर्डर पर पड़ा सन्नाटा जल्द ही चहलपहल में बदल जाएगा। भारत और अफगानिस्तान के बीच अटारी सीमा मार्ग से व्यापार फिर शुरू हो गया तो सूखे मेवों, ताजे फलों, मसालों और जड़ी-बूटियों की कीमतें जो इन त्योहार के सीजन में आसमान छू रही हैं, 20 प्रतिशत से अधिक सस्ती हो सकती हैं। अमीर खान मुत्ताकी ने अमृतसर और अफगानिस्तान के बीच जल्द ही सीधी उड़ानें शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने यह ऐलान नई दिल्ली में फिक्की में भारतीय उद्योग जगत के नेताओं के साथ बातचीत के दौरान राज्यसभा सदस्य और व्यापार, विदेश मामलों के संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी भी मौजूदगी में किया।
पंजाब में व्यापार और उद्योग के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है
डॉ. साहनी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो पंजाब में व्यापार और उद्योग के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमृतसर की रणनीतिक स्थिति और प्रमुख सीमा व्यापार गलियारों से निकटता भारत और अफगानिस्तान के बीच तेज और अधिक सुरक्षित हवाई संपर्क बनाने में मदद करेगी। इससे दोनों पक्षों के किसानों, व्यापारियों और एम.एस.एम.ई. खासकर कृषि उत्पादों, सूखे मेवों, ताजे फलों, हस्तशिल्प और दवाओं के लिए बहुत लाभ होगा।
अटारी बॉर्डर से व्यापार पांच महीने से बंद
अफगानिस्तान एक ऐसा देश है, जिसके पास अपना
कोई समुद्री पोर्ट नहीं है। भारत और अफगानिस्तान के
बीच व्यापार का एकमात्र जरिया अटारी – वाघा सीमा ही है। भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुए विवाद के बाद से इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) लगभग पांच महीने से बंद पड़ा है।23 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने कई अहम फैसले लिए थे, जिनमें अटारी आईसीपी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय भी शामिल था। इसके अगले दिन, 24 अप्रैल को पाकिस्तान ने तीसरे देशों के साथ सभी व्यापार,जिसमें ट्रांजिट ट्रेड भी शामिल था, को रोक दिया।
3886 करोड़ रुपए के वार्षिक व्यापार पर पड़ा असर
अटारी वाघा सीमा भारत और अफगानिस्तान के बीच
एकमात्र जमीनी ड्राई पोर्ट है। इसके बंद होने से करीब
3,886 करोड़ रुपए के वार्षिक व्यापार पर असर पड़ा। इस कदम का सीधा असर भारतीय बाजार में अफगान उत्पादों की कीमतों में 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिला। अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट, जड़ी बूटियां, मसाले आदि के दाम बढ़ चुके हैं।
महंगे हुए बादाम और किशमिश
त्यौहारों के सीजन में बादाम की मांग भारतीय बाजार में बढ़ जाती है। लेकिन अफगानिस्तान से आने वाले गुरबंदी बादाम, जो अप्रैल से पहले 700 रुपए प्रति किलो में मिलते थे, अब 900 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं और इसमें लगातार बढ़ौतरी हो रही है।
वहीं, सुंदेखानी किशमिश (किशमिश की विशेष किस्म)
की कीमत 400 रुपए से बढ़कर 600 रुपए प्रति किलो से अधिक हो गई है।
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