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भगवंत मान सरकार ने पंजाब की सुरक्षा के मामले में किए हाथ खड़े, केंद्र सरकार से मांगे अर्ध सैनिक बल: सुरेश महाजन

अमृतसर, 18 मई (राजन) :मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब में बेतहाशा हो रही हत्याओं, बढ़े अपराधों तथा खालिस्तानियों द्वारा पंजाब का माहौल खराब किए जाने को लेकर किए जा रहे प्रयासों के कारण राज्य में सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को आधार बना कर मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा केंद्र की मोदी सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा बलों की 10 कंपनियां देने की की गई मांग पर कड़ा नोटिस लेते हुए भारतीय जनता पार्टी अमृतसर ( शहरी ) के अध्यक्ष सुरेश महाजन बल मांगे जाने की कड़े शब्दों में घोर निंदा की है।  सुरेश महाजन ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान न सिर्फ पंजाब की सुरक्षा के मामले पर फेल साबित हुए हैं, बल्कि आम आदमी पार्टी सरकार का खुद पर और पंजाब पुलिस की काबिलियत पर भी भरोसा न होना भी साबित करता है। उन्होंने कहा कि पंजाब से जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बदतर हो गई है। हर दिन हत्याएं, डकैतीयां, लूटपाट जैसे अपराध हो रहे हैं। पटियाला में शांति भंग हुई, मोहाली में इंटेलिजेंस विभाग पर रॉकेट से हमला हुआ। प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है। महाजन ने कहा कि हमारी पंजाब पुलिस किसी भी तरह की सुरक्षा संबंधी चुनौती से निपटने के लिए कितनी काबिल है शायद भगवंत मान को यह नहीं पता! इसी पंजाब पुलिस ने आंतकवाद के काले भयावह दौर से जनता को निजात दिलाई थी। भगवंत मान द्वारा पंजाब में केन्द्रीय सुरक्षा बालों की मांग के पीछे केजरीवाल का हाथ है।
सुरेश महाजन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपनी निजी सुरक्षा के लिए पंजाब से कमांडो लेते हैं लेकिन पंजाब की सुरक्षा के लिए उनकी पार्टी की सरकार केंद्र से सुरक्षा की भीख मांग रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब पहले ही लाखों करोड़ के कर्ज मे दबा है और पिछले दो महीने में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 8,000 करोड़ का और कर्ज विभिन्न ब्याज दरों पर ले लिया है। ऐसे में अगर मान सरकार द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा बल मांगे जाने से राज्य पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिसे झेलना पंजाब के बस की बात नहीं है।
ये आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड है। पंजाब सरकार चंडीगढ़ से नहीं बल्कि दिल्ली से केजरीवाल द्वारा वाया चंडीगढ़ रिमोट कंट्रोल से चल रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा दिल्ली और पंजाब में 16 विभागों के बीच एमओयू साइन हुए हैं। यानी ये विभाग अब दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के माध्यम से चलेंगे।
   सुरेश महाजन ने कहा कि क्या पंजाब के लोगों ने इसी बात के लिए वोट किया था? बार-बार दिल्ली मॉडल का रट्टा लगाने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान बताएं कि क्या यही दिल्ली मॉडल है? इस अवसर पर नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन एवं शहीद हरबंस लाल खन्ना स्रामक समीति के अध्यक्ष संजीव खन्ना, जिला महासचिव राजेश कंधारी, सचिव सतपाल डोगरा, स्वच्छ भारत अभियान के जिला संयोजक तरुण अरोड़ा भी उपस्थित थे।

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