इस साजिश के पीछे जो लोग हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी :किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा

अमृतसर,13 मई(राजन):पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार जहरीली शराब की बिक्री के जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेगी, चाहे वह कितना भी अमीर क्यों न हो, जिसके कारण अमृतसर जिले में जहरीली शराब कांड हुआ।जहरीली शराब कांड के पीड़ितों के परिवारों से संवेदना जताने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मौतें महज दुर्घटनाएं नहीं हैं, बल्कि ये हत्याएं हैं, जो इस अपराध में शामिल कुछ व्यक्तियों के लालच के कारण हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से हत्या है और राज्य सरकार दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा से बचने नहीं देगी।
नकली शराब के कारण 21 अनमोल जानें चली गईं

भगवंत सिंह मान ने कहा नकली शराब के कारण 21 अनमोल जानें चली गईं और 10 लोग गंभीर रूप व्यवस्था में अस्पताल में दाखिल है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी तरह की दया नहीं मिलनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने जानबूझकर यह अपराध किया।मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह अपराध शक्तिशाली राजनेताओं के राजनीतिक संरक्षण के बिना नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस पहलू की जांच कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरगना समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस बर्बर अपराध में शामिल गठजोड़ के आगे और पीछे के संबंधों की भी पहचान कर ली है। भगवंत सिंह मान ने कहा, “मैं एक बात बहुत स्पष्ट रूप से बता दूं, मेरी सरकार आरोपियों को कड़ी सजा दिलाकर असहाय परिवारों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
इस अपराध में शामिल हर व्यक्ति को राज्य सरकार सलाखों के पीछे डालेगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गठजोड़ के तार दिल्ली तक फैले हैं और इस अपराध में शामिल हर व्यक्ति को राज्य सरकार सलाखों के पीछे डालेगी। उन्होंने कहा कि यह बात सामने आई है कि इस गंभीर त्रासदी के अपराधियों ने 600 लीटर ऑनलाइन मेथनॉल का ऑर्डर दिया था, जिसका इस्तेमाल शायद नकली शराब बनाने में किया गया था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस त्रासदी के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी, ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके और उन्हें कठोर सजा दी जा सके।
डीएसपी, एस एच ओ और आबकारी विभाग के दो अधिकारियों किया गया सस्पेंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नकली शराब की बिक्री और आपूर्ति की जांच में लापरवाही बरतने के लिए एक डीएसपी, स्टेशन हाउस ऑफिसर और आबकारी विभाग के दो अधिकारियों सहित चार अधिकारियों को पहले ही सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह गहरी जड़ें वाला गठजोड़ बहुत मजबूत है और पिछली सरकारों द्वारा खुले तौर पर संरक्षण दिए जाने के कारण इसने अपनी ताकत दिखाई है, लेकिन इस शराब माफिया को राज्य से खत्म कर दिया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कोई भी, चाहे वह राजनेता हो या सरकारी कर्मचारी, अगर जहरीली शराब से हुई मौतों में शामिल पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस को पहले से युद्ध नशे विरुद्ध के तहत माफिया पर नकेल कसने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही पंजाब पुलिस को चल रहे युद्ध नशें विरुद्ध के तहत इस माफिया पर नकेल कसने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इन शरारती ताकतों ने पंजाबियों की जान की कीमत पर अपने लालच को पूरा करने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच कानून और व्यवस्था बनाए रखने पर पुलिस के ध्यान का फायदा उठाया। हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन लोगों को अपने पापों की कीमत चुकानी होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहरीली शराब त्रासदी ने असहाय परिवारों के एकमात्र कमाने वाले को छीन लिया है और लगभग 21लोगों की जान चली गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मौतों का पैटर्न वैसा ही है जैसा कि वर्ष 2020 में तरनतारन में हुई जहरीली शराब त्रासदी में था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए के मुआवजा देने की घोषणा की
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की और कहा कि राज्य सरकार पीड़ित के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च वहन करेगी। इसी तरह, उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में इन परिवारों को नौकरी और अन्य मामलों में भी हर संभव मदद दी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इन परिवारों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
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