
अमृतसर, 28 जुलाई(राजन):बाल अधिकार संरक्षण केंद्र द्वारा गठित राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सचिव संजीव शर्मा ने जिला अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए अमृतसर में बच्चों से भीख मँगवाने की प्रथा को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि वे इस अभियान पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और इसकी सफलता को देश के अन्य राज्यों के साथ भी साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह समस्या देश के उन शहरों में ज़्यादा है जहाँ पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। उन्होंने ज़िला प्रशासन को इस विषय पर आ रही समस्याओं के समाधान का आश्वासन भी दिया।

पॉक्सो अधिनियम से जुड़े कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को इस विषय पर जागरूक करने के कार्यक्रम
आयोग के सदस्य अरोड़ा ने कहा कि हम पॉक्सो अधिनियम से जुड़े कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को इस विषय पर जागरूक करने और बच्चों की मानसिकता को समझने के लिए एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी चलाने जा रहे हैं, जिसमें इन कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने जिला अधिकारियों को बाल श्रम रोकने के लिए विशेष निर्देश भी दिए। बच्चों में मोटापे और मधुमेह की बीमारियों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग भी इन बीमारियों को लेकर चिंतित है और हमने इसके लिए एक विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है।
बच्चों से भीख मांगने को रोकने के लिए एफआईआर दर्ज की
उन्होंने डिप्टी कमिश्नर श्रीमती साक्षी साहनी से अपील की कि वे स्कूलों में बच्चों को इस विषय पर शिक्षित करने के लिए बोर्ड लगाएं ताकि बच्चों और अभिभावकों को इन संवेदनशील विषयों की जानकारी मिल सके। इस अवसर पर, डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने जिले के दौरे पर उनका स्वागत किया और जिले की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के सदस्य एमके शर्मा ने कहा कि अमृतसर पंजाब का पहला जिला है, जिसने बच्चों से भीख मांगने को रोकने के लिए एफआईआर दर्ज की है। इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जनरल रोहित गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुमनदीप कौर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी तरनजीत सिंह, बाल कल्याण समिति की सदस्य रूपिंदर पाल कौर, पवनदीप कौर, डीएसपी मुख्यालय बलजिंदर सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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