बाहरी क्षेत्र की ड्रेनो में आ रहा तेजाबी पानी, लोगों की सेहत से हो रहा खिलवाड़: मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू
तेजाबी व केमिकल युक्त पानी छोड़ने वाली फैक्ट्रियों पर होगी कार्रवाईया
मेयर व सांसद ने डिप्टी कमिश्नर तथा निगम कमिश्नर से की मीटिंग
अमृतसर,18 अगस्त (राजन): तुंग ढाब के साथ लगती कॉलोनियों को विशेषकर वाटर प्रदूषण से आने वाले दिनों में राहत मिलेगी। मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू व सांसद गुरजीत सिंह औजला ने शहर में चल रहे कार्यों की समीक्षा करने और किए जाने वाले कार्यों का प्रस्ताव बनाने को लेकर डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा और निगम कमिश्नर मलविंदर सिंह जग्गी के साथ एक विस्तृत बैठक की गई। बैठक में शहर में हो रहे कार्यों की गुणवत्ता,समय व तुंग ढाब में प्रदूषित जल की रोकथाम पर भी चर्चा हुई। इस अवसर पर मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने कहा कि शहर की बाहरी आबादियों की ड्रेनो में तेजाबी पानी बह रहा है। जिससे लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है और कई बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। मेयर रिंटू ने कहा किऐसे ही प्रदूषित तेजाबी तथा केमिकल युक्त पानी को रोकने के लिए सभी उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विशेषकर तेजाबी व केमिकल युक्त पानी छोड़ने वाली फैक्ट्रियों पर सख्त कार्रवाई होगी।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के निर्देश पर प्रमुख सचिव सुरेश कुमार ने इस संबंध में चंडीगढ़ में अधिकारियों की मीटिंग बुलाई हैं। उन्होंने कहा कि मीटिंग में उपयुक्त विकल्प प्रस्तावित करके इसका स्थाई हल निकाला जाएगा।
सांसद औजला ने कहा कि कल शहर के दौरे पर आए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से तुंग ढाब में गंदे पानी की समस्या का स्थाई समाधान करने और प्रमुख सचिव सुरेश से बात कर समस्या का तत्काल समाधान करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के नेतृत्व में यह नाला जो अब सीवरेज में बदल चुका है, उसे पुनर्जीवित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे निकलने वाले गंदे पानी की निकासी को रोकने और उसे साफ पानी के नाले में बदलने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही इसके ट्रैक को रिसॉर्ट के रूप में विकसित किया जाए।
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेने पर जोर देते हुए कहा कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बाधित नहीं किया जाना चाहिए और नालों में गंदे और तेजाबी व केमिकल युक्त पानी को सख्ती से रोका जाना चाहिए। उन्होंने नाले के किनारे पटरियों को पक्का करने का भी सुझाव दिया।