अमृतसर, 16 सितम्बर (राजन): सरकारी अस्पताल जिसमें अमृतसर का सिवल अस्पताल के साथ-साथ गुरू नानक देव मैडीकल कालेज और अस्पताल भी शामिल हैं, कोरोना संकट में लगातार दिन-रात मरीजों की टेस्टिंग, इलाज और सांभ-संभाल में लगे हुए हैं। इस मौके कई निजी अस्पतालों ने अपनी ओ.पी.डी तक बंद कर रखी थी, उस समय पर इन सरकारी डाक्टरों की सेवाएं कईयों के लिए ईश्वर की तरह आईं। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ जिला प्रशासन की तरफ से बनाए गए एकांतवास केन्द्रों में भी यही डाक्टर और स्टाफ के नेतृत्व में मरीजों का ईलाज चल रहा है। अब तक अमृतसर जिले के 5000 से अधिक मरीज़ कोरोना को मात देकर घरों को गए हैं, उनमें से भी बड़ी संख्या मरीजों को इन डाक्टरों की वजह से नई ज़िंदगियां मिली है।
कई केस ऐसे भी देखने को मिल रहे हैं, जोकि पहले सरकारी अस्पताल जाना तो दूर अपने अंदर इन प्रति बहुत बुरा प्रभाव बना कर बैठे थे, परन्तु अब जब कोरोना में वहां दाख़िल हुए हैं, तो इन अस्पतालों की प्रशंसा करने से नहीं हटते। रजनीश ओबराए निवासी रानी का बाग अमृतसर जिनकी सोच सरकारी अस्पतालों को लेकर बहुती अच्छी नहीं थी और वह भी लोगों की फैलाई अफ़वाहों को सत्य मानते थे, जब कोरोना के मरीज़ बनकर गुरू नानक देव मैडीकल कालेज और अस्पताल दाख़िल हुए तो वहाँ के डाक्टरों और बाकी स्टाफ का व्यवहार, इलाज, सुविधाएं देख कर बेहद प्रसन्न हुए। अस्पताल से घर जाने मौके उन्होने इलाज और मिलीं सुविधाओं के लिए सभी स्टाफ का धन्यवाद किया। यह एक उदाहरण मात्र है, बहुत से मरीज़ प्रतिदिन ठीक होकर घरों को जा रहे हैं। बस ज़रूरत है संदेह पड़ने पर अपना टैस्ट करवाने और इलाज के लिए आगे आने की।
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