अमृतसर,25 मई (राजन): डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन ने नगर निगम के अधिकारियों को हिदायत दी है कि जिस तरह से अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट एकत्रित करने का प्रबंध है, ठीक उसी तरह घरों से गिला व सूखा कूड़ा एकत्रित करने के साथ-साथ ऐसे कूड़े को अलग तौर पर एकत्रित करने का प्रबंध किया जाए। बुधवार को जिला वातावरण कमेटी की बैठक में उन्होंने कहा कि आम घरों में शूगर चेक करने के लिए इस्तेमाल किए जाते साधन, लोगों व जानवरों को लगाए जाते इंजेक्शन, तारीख खत्म हो चुकी दवाइयां, सेविग किट में इस्तेमाल किए गए ब्लेड और ऐसे पदार्थो का कूड़ा मिलता है, जिसे सूखे कूड़े के साथ एकत्रित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि यह कूड़ा बायो मेडिकल वेस्ट को समेटने वाले प्लांट तक जाना चाहिए। सूदन ने इसके लिए शहर के किसी एक इलाके में ट्रायल करने की हिदायत भी कीबैठक में सड़क व अन्य सार्वजनिक जगहों से विकास के नाम पर काटे जाते वृक्षों के मामले में उन्होंने गंभीर नोटिस लेते हुए कहा कि ऐसे वृक्ष जो एक जगह से दूसरे जगह पर आसानी से तबदील किए जा सकते है, को उखाड़ा न जाए। ऐसा करके शहर की हरियाली खत्म करके आक्सीजन देने वाले प्राकृतिक संसाधनों को खत्म कर रहे है, जोकि बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस अवसर पर एडीसी शहरी विकास संजीव शर्मा, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सइएन हरपाल सिंह, सिविल सर्जन डा. चरनजीत सिंह और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
ट्रीटमेंट प्लांट से निकलते पानी को खेतों में सच्चाई के लिए करें इस्तेमाल: डिप्टी कमिश्नर
डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन ने इब्बन में लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलते पानी को ड्रेन में फेंकने की जगह पर इसे खेतों में सिचाई के लिए इस्तेमाल करने के प्रबंध करने के लिए कहा। तुंग ढाब ड्रेन में फंके जा रहे डेयरियां और कारखानों के अधिक पानी, जोकि प्रदूषण का बड़ा कारण बन रहा है, के प्रबंध के लिए योजना तैयार करके डिप्टी कमिश्नर ने गोबर प्रबंधन के लिए बैक्टीरिया आधारित प्रबंध अजमाने के लिए विभाग के अधिकारियों को कहा। उन्होंने कहा कि पानी के साधनों को ढकना या पाइप डालकर आगे ले जाना, कोई सही प्रबंध नहीं है, इसलिए पानी को साफ करने पर इस पानी की खेती के लिए इस्तेमाल करने की योजना तैयार की जाए।