
अमृतसर,2 जून (राजन) : छह जून को घल्लूघारा दिवस को लेकर पुलिस कमिश्नरेट ने सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के आसपास भी सुरक्षा कड़ी कर दी है। घल्लूघरा सप्ताह के दौरान स्वर्ण मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर पुलिस द्वारा जिले में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। पुलिस ने एक मोबाइल कमांड कंट्रोल वैन को तैनात किया है, जिसमें घी मंडी सहित विभिन्न मार्गों पर पांच कैमरे लगे हैं। दरबार साहिब की ओर जाने वाले बाहरी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि स्थानीय वाहनों पर केवल शिरोमणि समिति के कर्मचारियों को ही दरबार साहिब में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है।

अमृतसर में इस बार लगभग एक दर्जन बाहरी जिलों जैसे पठानकोट, बटाला, गुरदासपुर, मोगा, तरनतारन, लुधियाना, होशियारपुर, बरनाला, मुक्तसर, अमृतसर ग्रामीण, जालंधर ग्रामीण आदि जिलों में पुलिस बल तैनात किया गया है. पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की टीमें लगातार शहर में गश्त कर रही हैं। घल्लूघरा दिवस के अवसर पर पुलिस प्रशासन द्वारा शहर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जिसके चलते शहर के प्रवेश द्वारों पर विशेष नाकेबंदी कर दी गई है और हर आने-जाने वाले पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इन चौकियों पर अर्धसैनिक बल के जवानों को भी तैनात किया गया है और शहर में प्रवेश करने या छोड़ने वाले संदिग्ध वाहनों की जांच की जा रही है. पुलिस आयुक्त अरुण पाल सिंह और डी.सी.पी. कानून व्यवस्था परमिंदर सिंह भंडाल ने शहर के सुरक्षा घेरे की समीक्षा की और अधिकारियों से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा. कॉरिडोर क्षेत्र के आसपास के सभी होटल और गेस्ट हाउस मालिकों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं कि वे किसी भी व्यक्ति को बिना पहचान पत्र के कमरा न दें. 6 जून तक श्री हरमंदिर साहिब और उसके आसपास के दुकानदारों को अपनी दुकानों के बाहर किसी भी तरह की भीड़ जमा करने पर रोक है. एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि जून 1984 में श्री दरबार साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर सैन्य हमला सिख मानस का हिस्सा बन गया था।

उन्होंने कहा कि सैन्य हमले में घायल हुए पवित्र सरूप को 2 जून से 5 जून तक श्री अकाल तख्त साहिब के पास गुरुद्वारा शहीद बाबा गुरबख्श सिंह में सजाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जून 1984 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा चलाए गए एक सैन्य अभियान के दौरान बड़ी संख्या में सिख शहीद हुए थे। इन शहीदों को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब में 6 जून को शहादत समारोह आयोजित किया जाएगा।