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मॉल विभाग द्वारा गैर कानूनी कॉलोनियों में प्लॉटों की रजिस्ट्रेशन संबंधी हिदायते की
जारी

चंडीगढ़/ अमृतसर 15 जून (राजन) : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने अवैध/अनधिकृत कॉलोनियों में प्लॉटों की रजिस्ट्री  के संबंध में सब-रजिस्ट्रारों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं ताकि प्लाटों की रजिस्ट्री में आसानी हो और लोगों को संपत्ति की धोखाधड़ी से बचाया जा सके।आवास एवं शहरी विकास विभाग एवं स्थानीय शासन को क्षेत्र का विवरण, खसरा संख्या एवं स्वीकृत ले-आउट प्लान के साथ-साथ लाइसेंस प्राप्त/अधिकृत कॉलोनियों/योजनाओं की सूची प्रकाशित करने के लिए कहा गया है ताकि ऐसे क्षेत्र को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सके जहां बिक्री विलेख या स्थानान्तरण एनओसी के साथ अधिकारों से संबंधित दस्तावेजों को पंजीकृत किया जा सकता है जिसमें एनओसी जरूरत नहीं हैं । यह सूचियां सभी उप पंजीयकों के पास उपलब्ध रहेंगी और वे राजस्व विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कालोनियों की स्थिति की जांच कर बिक्री विलेख दर्ज करेंगे।मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन पोर्टल “https://grcs.punjab.gov.in” लॉन्च करने के कुछ ही दिनों बाद यह निर्णय आया है जिसमें नागरिक भूखंडों के कब्जे के संबंध में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।  यह अनूठा ऑनलाइन पोर्टल संपत्ति अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाएगा और साथ ही संपत्ति अधिग्रहण सेवाएं सुचारू रूप से प्रदान करेगा।इससे पहले सरकार की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए थे, जिसके कारण शहरों के बाहर इन अवैध कॉलोनियों का उदय हुआ।  जानकारी के मुताबिक पिछले 5 साल में 15,000 से ज्यादा कॉलोनियां बनाई गई हैं।पंजाब के नागरिकों को इन अवैध/अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियों का कब्जा लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, जहां या तो संबंधित डेवलपर्स/कॉलोनाइजर्स/प्राधिकारियों द्वारा आवंटन पत्र जारी किए गए थे या डीड दर्ज किए गए थे।लेकिन किसी कारण से वे संपत्ति का  कब्जा नहीं ले पाए थे। पंजाब के राजस्व मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा कि ये अवैध कॉलोनियां न केवल राज्य के अजीबोगरीब शहरीकरण का कारण बन रही हैं, बल्कि आम आदमी को भी बहुत परेशानी हो रही है।  उन्होंने कहा कि लोगों ने अपनी जीवन भर की कमाई का इस्तेमाल जमीन  खरीदने के लिए किया और उन्हें इन अवैध कॉलोनियों में कब्जा भी नहीं मिल सका क्योंकि उपनिवेशवादी इन कॉलोनियों में ‘सड़कें’ भी बेचते हैं।  उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों में पानी की आपूर्ति, सीवरेज, बिजली आदि मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है।

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