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गांव फतेहगढ़ शुक्रचक्क में दूषित पानी की समस्या से फैला डायरिया

एसडीएम-2 और सिविल सर्जन ने गांव का किया दौरा

अमृतसर,5 अगस्त (राजन):  गांव फतेहगढ़ शुक्रचक्क में दूषित पानी की समस्या के कारण डायरिया फैल गया है। वहां पर 40 से अधिक उल्टी-दस्त के मरीज मिले हैं। इलाके में दूषित पानी पीकर ही लोग बीमार पड़े हैं।
क्षेत्र निवासियों के अनुसार  विभाग ने पानी की जांच के लिए एक गोली दी थी, जिसे पानी भरी कांच की बोतल में दो दिन डालकर रखने पर पानी का कलर काला हो गया,जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। यानि  पानी दूषित है। ग्रामीणों ने बताया कि बीते 10 दिनों से विभाग की दी गोली को डालकर रखा तो पानी टंकी से गंदा पानी आ रहा था, जिसे पीने से गांव के लोग बीमारी हो रहे हैं। इलाकावासियों का आरोप है कि बीमार लोगों के उपचार के लिए सेहत महकमा और प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। लोग मेडिकल स्टोर और निजी अस्पतालों में जानबचाने के लिए एडमिट हो रहे हैं। कुछ घरों में तो पूरा परिवार ही उल्टीदस्त और बुखार से पीड़ित है। आज  उनको चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन और सिविल सर्जनकी टीमें पहुंचीं। एसडीएम-2 हरप्रीत सिंह, सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी डा. मदन मोहन सहित ने हालात का जायजा लिया। शुक्रचक्क में पिछले एक सप्ताह में सात वर्षीय बच्चे सहित 4 लोगों की मौत हुई है।  मौत की वजह दूषित पानी बताया है। हालांकि सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह का दावा है कि तीन लोगों की मौत डायरिया की वजह से नहीं हुई, जबकि जिस सात वर्षीय बच्चे की मौत हुई सिर्फ उसे ही उल्टी व दस्त थे। जांच में पाया गया कि बच्चे को निजी अस्पताल में दाखिल किया गया था। वहां से उसे गुरु नानक देव अस्पताल रेफर किया गया, पर उसके परिजन उसे घर ले आए। घर में ही उसकी मौत हुई।

पानी सैंपल की जांच पर पानी में बैक्टीरिया

वहीं 30 जुलाई को गांव में पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए खरड़ भेजा गया था। इसकी रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि पानी में बैक्टीरिया है और पानी पीने लायक नहीं है।  इसके अलावा जिन तीन लोगों की मौत हुई, उनमें एक का लीवर खराब था। वहीं एक युवती को कोई रोग नहीं था। उसने चाय पी और कुछ देर बाद उसकी मौत हुई। तीसरे व्यक्ति की मौत भी डायरिया व दस्त की वजह से नहीं हुई। सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने यह भी बताया कि लोगों के घरों की पानी की टंकिया भी साफ नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग ने क्लोरीन की गोलियां बांटीं

फिलहाल इलाके में क्लोरीन की 7500 गोलियां बांट दी गई हैं। एसडीएम-2 हरप्रीत सिंह ने कहा कि वाटर एंड सैनिटेशन विभाग के अधिकारी दूषित पानी की वजह पता कर रहे हैं। हमने सभी घरों का सर्वे किया है। दर्जनों लोगों को उल्टी व दस्त की शिकायत है। इनका उपचार जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने 6 लोगों के शौच के सैंपल भी लिए। जांच में बैक्टीरिया पाया गया, जिससे यह साबित हुआ कि ये लोग डायरिया से पीड़ित हैं। गांववासियों के अनुसार वाटर सैनिटेशन विभाग द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले जल में अशुद्धियां हैं। घर घर में उल्टी दस्त से पीड़ित लोग हैं।

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