
अमृतसर,14 अक्टूबर (राजन):बलात्कार व कत्ल के आरोप में जेल में बंद राम-रहीम को एक बार फिर 40 दिन की पैरोल दिया जा रहा है। लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस पर ऐतराज जता दिया है। उन्होंने सरकारों को राम-रहीम पर हमदर्दी दिखाने के आरोप लगाए हैं। वहीं शिरोमणि कमेटी ने बंदी सिखों को रिहा करने की एक बार फिर मांग उठा दी है। एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने आरोप लगाए हैं कि राज्य सरकारें राम रहीम को एक बार फिर 40 दिन की पैरोल देने जा रही है। जबकि उसे पहले भी कई बार पैरोल दी जा चुकी है। विभिन्न सरकारें राम-रहीम के साथ हमदर्दी दिखा रही हैं, जो सही नहीं है। वह एक बलात्कारी और कातिल भी है। जबकि पंजाब के कई सिख विभिन्न जेलों में बंद हैं, लेकिन उन्हें रिहा करने पर कोई भी विचार नहीं किया जा रहा।
सिखों के साथ होता आया है भेदभाव
सचिव प्रताप सिंह ने सिखों के साथ हमेशा से हो रहे भेदभाव की बात भी कही। उन्होंने कहा कि सिखों को भी रिहा करने पर विचार करना चाहिए। लेकिन कई प्रदेशों की सरकारों के साथ इस संबंधी बातचीत की जा चुकी है, लेकिन वे सिखों को रिहा करने पर विचार नहीं कर रहीं। एक तरफ बंदी सिख हैं, जो अपनी सजाएंपूरी कर चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ बलात्कारी राम-रहीम है, जिसे बार-बार पैरोल पर बाहर भेजा जा रहा है। यह अन्याय है जो सिखों के साथ हमेशा से होता आया है।
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