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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाबी को प्रमोट करने की पंजाबियों से की अपील

अमृतसर,19 नवंबर (राजन): मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में आयोजित मां बोली  कार्यक्रम दौरान पंजाबी को प्रमोट करने के लिए पंजाबियों से अपील की है। उन्होंने 21 फरवरी अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस तक पंजाब की हर सरकारी व प्राइवेट शैक्षणिक-गैर शैक्षणिक संस्था को अपना नाम बोर्डों पर पंजाबी में लिखने की हिदायत दी है। राज्य स्तरीय कार्यक्रम का हिस्सा बनने पहुंची भगवंत मान के साथ उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर और कैबिनेट मिनिस्टर गुरमीत सिंह मीत हेयर भी साथ थे । वाइस चांसलर डॉ. जसपाल सिंह संधू ने उनका स्वागत किया। इसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत में पहले कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संबोधन किया, लेकिन उनके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने युवाओं को पंजाबी के साथ जुड़ने की अपील की। इसके बाद उन्होंने पंजाब भाषा की तीन किताबों का भी विमोचन किया। इसके बाद पंजाबी को प्रमोट करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया।

21 फरवरी के बाद हो सकती है सख्ती

सीएम भगवंत मान ने अपने संबोधन में कहा कि 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस है। अपील करते हैं और सभी इसे अपनी जिम्मेदारी समझें कि संस्था का नाम सबसे ऊपर पंजाबी में लिखा हो। नीचे किसी भी भाषा का प्रयोग किया जा सकता है। 21 फरवरी तक यह काम जरूर कर लें। इसके बाद सरकार खुद करवाएगी।हर कोई अपनी मात्र भाषा को प्रमोट करता है सीएम भगवंत मान ने कहा कि आज हर कोई अपनी मां बोली को प्रमोट करता है, लेकिन हम दिल्ली जाते हुए, जैसे ही अंबाला पहुंचते हैं, हमारी बोली हिंदी हो जाती है। यह सही नहीं है । हमें पंजाबी बोलने पर गर्व महसूस करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। अंग्रेजों की मां बोली अंग्रेजी है और हमारी पंजाबी। दोनों अपनी मां बोली में बोलेंगे तो कोई छोटा बढ़ा नहीं होगा।सीएम भगवंत मान ने इस दौरान युवाओं को अपने विचार बड़े करने की अपील की। उन्होंने कहा कि 23 साल की उम्र में जब युवा अपने माता-पिता से मोटरसाइकिल मांग रहे होते हैं। शहीद ए आजम भगत सिंह 23 साल की उम्र में अंग्रेजों से मुलक मांग रहे थे। यही कारण है कि जब तक धरती है, शहीद-ए-आजम को सभी याद रखेंगे।

आदमी बढ़ा उम्र से नहीं, अपने ख्यालों से होता है। अपने विचारों को बढ़ा करना सीखो। सीएम मान ने कहा कि युवाओं को उनकी ताकत याद करवाने की जरूरत है। युवाओं में काफी टैलेंट है। जो मां-बाप अपने बच्चों के लिए बैंक बैलेंस छोड़कर जाते हैं, वे उन्हें सर्कस के शेर बना देते हैं। हमने अपने आप को शेर बनना है। दो दिन भूखे रह लेंगे, लेकिन टैलेंट को उभारना है।

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