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सरहाली पुलिस थाने पर आरपीजी अटैक मामले में पंजाब पुलिस ने 7 आरोपियों को किया गिरफ्तार

गैंगस्टर लखबीर लंडा ने पाक खुफिया एजेंसी आई एस आई  के कहने पर अटैक कराया

अमृतसर,16 दिसंबर (राजन):तरनतारन के सरहाली पुलिस थाने पर आरपीजी अटैक मामले में पंजाब पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है। आरोपियों में  2 नाबालिग भी शामिल हैं पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि कनाडा में बैठे गैंगस्टर लखबीर लंडा ने पाक खुफिया एजेंसी ISI के कहने पर यह अटैक कराया था।

ज्वाइंट ऑपरेशन से मिली कामयाबी

गिरफ्तार आरोपियों में गांव नौशेरा का रहने वाला गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी नंबरदार, गांव चोला साहिब निवासी गुरलाल सिंह गहला, गांव थटियां महानता का रहने वाला गुरलाल सिंह लाली और नौशेरा पनवा निवासी जोबनप्रीत सिंह उर्फ जोबन समेत 2 नाबालिग शामिल हैं। इनके अलावा नौशेरा पनवा का रहने वाला आरोपी अजमीत सिंह को अमृतसर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है। डीजीपी  गौरव यादव ने बताया कि यह कामयाबी काउंटर इंटेलिजेंस विंग और तरनतारन जिला पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन से मिली है। गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मामले में सबसे हैरानीजनक बात यह है कि सभी आरोपी एक-दूसरे को नहीं जानते थे। साजिश के मास्टरमाइंड लखबीर सिंह लंडा ने सभी आरोपियों को वीडियो कॉल कर अलग-अलग गाइड किया है। अटैक के लिए उन्हें कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई। सिर्फ इंटरनेट से इंस्ट्रक्शन वीडियो दिखाकर टारगेट देकर अटैक के लिए भेज दिया गया।

लखबीर लंडा ने यूरोप के साथियों की मदद ली

गौरव यादव  ने बताया कि पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई के इशारे पर कनाडा में बैठे गैंगस्टर लखबीर लंडा ने यूरोप के अपने साथियों आरोपी सत्ता और गुरदेव जस्सल के जरिए टेरर मॉडयूल खड़ा किया। फिर आरोपी अजमीत सिंह के जरिए पूरे मामले को कॉर्डिनेट कर अटैक करवाया गया। सभी आरोपियों को अलग अलग लोगों ने हैंडल कर अलग अलग जगहों से इक्ट्ठा किया था। आरोपियों को अलग-अलग जगह पर हथियार व अन्य सामान ले जाने की जिम्मेदारी दी गई, ताकि किसी एक के अरेस्ट होने पर पुलिस जांच आगे न बढ़ सके।

टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन और सीसीटीवी फुटेज स्टडी की

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन और सीसीटीवी कैमरों की स्टडी की। साथ ही टेक्निकल और ह्यूमन इनपुट्स की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सका।

1 दिसंबर को आई थी कंसाइनमेंट

गौरव यादव ने बताया कि 1 दिसंबर को आरपीजी  की कंसाइनमेंट तरनतारन के गांव बहराला गांव में आई थी। इसे आरोपी गोपी और जोबन ने   रिसीव कर आगे आरोपियों को बताया कि किस गांव में जाकर इसे दबाना है। मामले में चोला साहिब के दो अन्य आरोपियों की पहचान हुई है, लेकिन उन्हें फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया है। इन आरोपियों ने कंसाइनमेंट रिट्रीव कर इसे 8 दिन अपने पास रखा। इसके बाद तरनतारन निवासी नाबालिग और गांव तलवंडी शोभा सिंह सदर पट्टी निवासी नाबालिग को टारगेट दिया गया। दोनों आरोपी हमलावर एक-दूसरे को नहीं जानते हैं । इन्हें अलग अलग हैंडलर्स ने इक्ट्ठा किया। फिर इंटरनेट से इंस्ट्रक्शन वीडियो डाउनलोड करवा मास्टरमाइंड लंडा ने इन्हें गाइड कर टारगेट बारे बताया। इसकेबाद आरोपी मोटरसाइकिल से हमला करने पहुंचे थे। मौके से आरपीजी बरामद कर लिया गया था और बाद में वारदात में इस्तेमाल बाइक भी रिकवर की में गई है। डीजीपी  ने बताया कि मास्टरमाइंड लंडा केएसोसिएट आरोपी गुरदेव जस्सल करीब 3-4 साल पहले यूरोप भाग गया था। आरोपी सतबीर सत्ता भी पिछले साल जून महीने में यूरोप फरार हो गया था।

हथियार हुए बरामद

आरोपी गुरलाल से 32 बोर पिस्टल और 15 जिंदा कारतूस बरामद, आरोपी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी नंबरदार से हैंड
ग्रेनेड पी- 86 बरामद,आरोपी जोबनप्रीत और गुरलाल लाली से 30 बोर पिस्टल समेत 35 जिंदा कारतूस बरामद, नाबालिग आरोपियों के कब्जे से एक 32 बोर पिस्टल समेत 15 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।

यू ए पी के तहत केस दर्ज किया

इससे पहले सरहाली पुलिस थाने पर आरपीजी  अटैक के बाद  गौरव यादव ने मौके पर पहुंचकर हालातों का भी जायजा लिया था। उस दौरान उन्होंने थाने पर दागे गए रॉकेट को बॉर्डर से लाए गए मिलिट्री का हथियार बताया था। पुलिस ने इस मामले में  यू ए पी के तहत केस दर्ज किया है।

हमले वाली जगह के पास आंतकी रिंदा का घर

हमले वाली जगह के पास में गैंगस्टर हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा का पैतृक घर भी है, जबकि बीते दिनों रिंदा की पाकिस्तान में मौत की सूचना सामने आई थी।माना जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई एस आई I रिंदा के टेरर को कायम रखना चाहती है। इसी कारण आई एस आई  की शह पर इस अटैक को कराए जाने की बात मानी जा रही है। हमले में किसी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था। केवल पुलिस चौकी/पुलिस बूथ के शीशे टूटे थे।

ग्रेनेड न फटने से बचा नुकसान

इस हमले में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी ) का इस्तेमाल किया गया, लेकिन फेंके गए ग्रेनेड के न फटने से बड़ा नुकसान होने से बच गया था।इसके बाद पुलिस ने मौके की जांच करने सहित बूथ को सील कर दिया था

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