कहा मुख्यमंत्री मान बयान पर माफी मांगे
अमृतसर, 5 जनवरी (राजन):मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से संगत को गुरुद्वारों की गोलक में पैसा न डालने के बयान पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भड़क गई है। एसजीपीसी के सदस्यों ने गुरुवार को इकट्ठे होकर डिप्टी कमिश्नर अमृतसर को ज्ञापन सौंपा और सीएम भगवंत मान को उनके शब्दों के लिए माफी मांगने के लिए कहा है। एसजीपीसी के जरनल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि कांग्रेस ने सिखों की धार्मिक संस्था को तोड़ने के लिए कई प्रयास किए। अब आम आदमी पार्टी भी एसजीपीसी को तोड़ने के लिए उसी नक्शे कदम पर चल पड़ी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के गुरु घरों की गोलक के बारे में टिप्पणी करना इस पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
गुरुओं ने वंड के छक्कण का संदेश दिया
गुरचरण सिंह ने कहा कि पंजाब गुरुओं की बसाई धरती है। जिसमें गुरुओं ने संगत को बांटकर छकने और लोक भलाई के लिए दसवंद निकालने की प्रेरणा दी। गुरुघरों में लोगों से जबरदस्ती पैसे नहीं निकलवाए जाते। श्रद्धालु खुद खुश होकर भेंट करते हैं। मुख्यमंत्री की वीडियो के सामने आने श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंची है।
कोविड समय में शिरोमणि कमेटी ने दिया पूरा सहयोग
गरेवाल ने कहा कि कोविड के समय में शिरोमणि कमेटी ने संगत के साथ कंधे से कंधा मिलकार सहयोग दिया है। सेहत व शिक्षा के क्षेत्र में शिरोमणि कमेटी बढ़िया कार्य कर रही है। यह सब संगत की तरफ से की गई भेंट से ही हो पाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री को सिख मसलों में दखल ना देने की नसीहत दी जाती है।
यह था विवादित बयान
मुख्यमंत्री भगवंत मान की एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें वह लोगों को गुरुघरों की गोलक में पैसे न डालने की नसीहत दे रहे हैं। इस वीडियो में मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि गुरुघरों से गोलकें हटा देनी चाहिए। एसजीपीसी के सदस्य खुद ही इस्तीफे देकर भाग जाएंगे। इस शब्दावली पर भी एसजीपीसी सदस्यों ने ऐतराज जताया है कि एसजीपीसी ही एक ऐसा संगठन है, जिसके सदस्य बिना पैसों के निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं।
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