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हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए सिर्फ 55 श्रद्धालु ही अमृतसर की अटारी सीमा से पाकिस्तान रवाना हो सके

दुर्गयाना मंदिर कमेटी के पदाधिकारी श्रद्धालुओं को सम्मानित करते हुए।

अमृतसर,16 फरवरी (राजन):पाकिस्तान स्थित हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए गुरुवार को सिर्फ 55 श्रद्धालु ही अमृतसर की अटारी सीमा से रवाना हो सके। पाकिस्तान सरकार की गलत नीतियों व सोच के कारण 15 से अधिक श्रद्धालु समय पर अटारी सीमा तक पहुंच ही नहीं सके। वहीं, 40 श्रद्धालुओं का वीजा पहले ही पाकिस्तान सरकार ने रद्द कर दिया था।शिवरात्रि के पावन अवसर पर पाकिस्तान के लिए हर साल हिंदू श्रद्धालुओं का जत्था रवाना होता है। पाकिस्तान शिव मंदिर, जहां शिव जी का आंसू गिरा था, में शिवरात्रि मनाने के लिए यह श्रद्धालु पाकिस्तान जाते हैं। इस साल 155 लोगों ने पाकिस्तान जाने के लिए अनुमति मांगी थी। लेकिन पाकिस्तान सरकार ने 40 लोगों के वीजा को पहले ही रद्द कर दिया। 115 में से 47 का वीजा पहले ओके करने के बाद रद्द किया गया।

पाकिस्तान की ओच्छी चाल

हिंदुओं को परेशान करने के लिए पाकिस्तान ने यहां भी ओच्छी चाल चली। पाकिस्तान ने भारतीय हिंदू श्रद्धालुओं को वीजा देने में जानबूझ कर देरी की। बुधवार शाम तक सिर्फ 55 ही श्रद्धालु अमृतसर पहुंच पाए। दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने सिर्फ 48 घंटे पहले ही हिंदू श्रद्धालुओं को वीजा दिया गया। जिसके चलते 55 श्रद्धालु, जो प्लेन या कार से पहुंच सकते थे,अमृतसर पहुंच पाए।

सिख जत्थों की तरह दिया जाए वीजा

दुर्ग्याणा मंदिर कमेटी की प्रधान व पूर्व सेहत मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने मांग की है कि पाकिस्तान को वीजा देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। दूर से आने वाले श्रद्धालु अमृतसर पहुंच ही नहीं पाए। वहीं, उन्होंने पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि सिख श्रद्धालुओं की तरह ही 1000 के करीब श्रद्धालुओं को वीजा दिया जाना चाहिए। ताकि अधिक से अधिक हिंदू भी पाकिस्तान जाकर प्राचीन कटासराज मंदिर और श्री कृष्ण से जुड़े मंदिरों के दर्शन कर सकें।

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