कोविड 19 के दौरान तंबाकू का उपयोग और भी खतरनाक हो सकता : सिविल सर्जन
अमृतसर 5 नवंबर(राजन ):स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1 से 7 नवंबर तक मनाए जा रहे एंटी-टोबैको वीक के अवसर पर जिलाधीश गुरप्रीत सिंह खैहरा ने लोगों को तंबाकू के घातक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए एक पोस्टर जारी किया। श्री खैहरा ने कहा कि तंबाकू एक घातक बीमारी है और कोविड -19 के दौरान इसका उपयोग और भी खतरनाक हो जाता है।
उपायुक्त ने कहा कि यह सप्ताह स्वास्थ्य विभाग द्वारा “तम्बाकू उन्मूलन, बचत लाइव्स” थीम के तहत मनाया जा रहा था, जिसके दौरान आम जनता को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा था। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से तंबाकू विरोधी आंदोलन को युद्धस्तर पर फैलाने को कहा ताकि लोगों को तंबाकू से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके।
इस अवसर पर सिविल सर्जन अमृतसर डाॅ नवदीप सिंह ने कहा कि तम्बाकू जानलेवा है और कोविड 19 के दौरान धूम्रपान और भी खतरनाक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हृदय रोग के कारण दुनिया में होने वाली मौतों में से 12% सक्रिय / निष्क्रिय धूम्रपान के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि सक्रिय धूम्रपान का मतलब है कि जो लोग खुद धूम्रपान करते हैं, वे तंबाकू के दुष्प्रभाव से प्रभावित होते हैं, और निष्क्रिय धूम्रपान का मतलब ऐसे लोग हैं जो खुद धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन अनजाने में धूम्रपान करने वालों के संपर्क में हैं। वे बीमारी के लिए भी अतिसंवेदनशील होते हैं क्योंकि तंबाकू के धुएं में लगभग 40,000 विभिन्न रसायन होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बन सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री / उपयोग कानून द्वारा निषिद्ध है और साथ ही 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री और खपत निषिद्ध है। अधिनियम के तहत, ई-सिगरेट को अनुचित दवाओं के रूप में घोषित किया गया है। किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत, एक बच्चे को तंबाकू पेश करने पर सात साल तक की कैद हो सकती है।
D.D.H.O. जिला नोडल अवसर तम्बाकू कार्यक्रम डॉ। शरणजीत कौर सिद्धू ने आज यहां यह खुलासा करते हुए कहा कि आज की पोस्टर विमोचन कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी में कम उम्र में तंबाकू के उपयोग को रोकने के बारे में जागरूकता पैदा करना था। तम्बाकू अत्यधिक गन्दा पाया गया है, जैसे कि गन्ना, जर्दी और हुक्का। तम्बाकू खाने से मुंह के कैंसर, गले के कैंसर और फेफड़ों के कैंसर का सबसे अधिक खतरा होता है। इसलिए हमारे लिए इससे बचना बहुत जरूरी है।