लड़की और सिख सेवादार के बीच हुए विवाद की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल
अमृतसर,17 अप्रैल (राजन): श्री दरबार साहिब में राष्ट्रीय ध्वज को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। मुंह पर तिरंगा बनाकर पहुंची हरियाणा की एक लड़की को एक सिख सेवादार ने माथा टेकने से रोक दिया। उसने लड़की को अंदर ही नहीं जाने दिया। लड़की और सिख व्यक्ति के बीच हुए विवाद की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। लोग इस पर तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं।
यह इंडिया नहीं पंजाब है
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लड़की किसी व्यक्ति को साथ लेकर सिख सेवादार के पास पहुंचती है और कहती है कि इस व्यक्ति ने उसे रोका था। इस पर हरियाणवी बोल रहा व्यक्ति सिख सेवादार से पूछता है कि गुड़िया को जाने से क्यों रोका। इस पर सिख सेवादार कहता है कि इसने अपने चेहरे पर तिरंगा बना रखा है, इसलिए रोका। इस पर हरियाणा का व्यक्ति पूछता है कि क्या यह इंडिया नहीं है तो सिख सेवादार कहता है कि यह इंडिया नहीं है। इसके बाद हरियाणवी व्यक्ति कहता है कि फिर यह क्या है। इस पर सिख सेवादार कहता है कि यह पंजाब है, इंडिया नहीं है ।इस बात पर लड़की गुस्सा हो गई और उसने सिख सेवादार को कुछ कह दिया, जिस पर दोनों में बहस हुई।
बात लड़की के साथ हाथापाई तक पहुंची
लड़की सिख सेवादार से बात करते हुए उसकी वीडियो भी बना रही थी। इस पर वह सेवादार चिढ़ जाता है। पहले कहता है वीडियो बना रही हो…. बना लो। इसके बाद लड़की जब सुनती है कि यह इंडिया नहीं पंजाब है तो वह गुस्से में कह देती है कि यह क्या बकवास है। इस पर सिख सेवादार गुस्सा हो गया और कहा है कि बकवास किसे कहा।देखते ही देखते सिख सेवादार हाथापाई पर आ गया और लड़की के हाथ में पकड़े हुए मोबाइल पर झपट्टा मारता है। रिकार्डिंग होने पर वह लड़की के हाथ से मोबाइल छीनने की कोशिश करता है।
एसजीपीसी ने जताया अफसोस
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने कहा कि दरबार साहिब श्री गुरु रामदास जी का दरबार है। इसमें किसी भी जाति, धर्म, देश के व्यक्ति को आने से नहीं रोका जाता और न रोका जा सकता है। एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण ग्रेवाल ने कहा कि उनके ध्यान में भी ऐसा मामला आया है। इसका उन्हें बेहद अफसोस है और दुख है।लेकिन उन्होंने साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो पर भी लोग कैसे-कैसे कमेंट दे रहे हैं, पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि कमेंट कर रहे लोगों को यह भी याद रखना चाहिए कि इस तिरंगे के लिए इस देश की आजादी के लिए 100 में से 90 कुर्बानियां सिखों ने दी हैं। सिखों ने ही तिरंगे की शान को दुनिया में बढ़ाया है।
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