अमृतसर,3 जुलाई (राजन):उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के 55 लाख के कोर्ट केस खर्च पर पंजाब में सियासी बवाल मच गया है। इस मामले में मौजूदा सीएम भगवंत मान, पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व गृहमंत्री व राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा आमने-सामने हो गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर कर जरूरी कदम उठाने के आदेश दे दिए हैं ।
सीएम मान ने ट्वीट करके नोटिस को जनतक कर दिया है। इसके साथ ही संदेश लिखा है – यह लीजिए रंधावा साहब आपका “अंसारी” वाला नोटिस…
उन्होंने हस्ताक्षर कर आदेश दिए हैं कि एडवोकेट की फीस पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से बराबर में वसूला जाए। आदेशों की पालना करने के भी आदेश इसी लेटर में दिए गए हैं ।
जमकर हो रही ट्विटर वार…….
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सीएम मान और कैप्टन के बीच ट्विटर पर जमकर बहस चली। कैप्टन ने सीएम मान के बयान को मूर्खतापूर्ण बताया तो भगवंत मान ने कैप्टन की अक्लमंदी को पंजाब के बुरे हालातों का कसूरवार ठहरा दिया।एक इंटरव्यू में कैप्टन ने यहां तक कह दिया कि भगवंत मान कोशिश कर लें पैसे रिकवर करने की, मैं हाईकोर्ट लेकर जाऊंगा। वह चाहें तो सब कुछ सहूलियतें बंद कर दे। मान के 2 साल रह गए, उसके बाद इसे नीचे लाकर जमीन पर नाक रगड़ेंगे। मान ने सारी उम्र चुटकुले सुनाए हैं तो अब भी वहीं सुना रहे हैं। वहीं रंधावा ने कहा कि अगर सीएम मान मुझे नोटिस भेजेंगे तो मैं मानहानि का केस करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे दिल्ली जाना था और फ्लाइट की टिकट भी बुक की थी लेकिन अब नोटिस मिलने के बाद ही जाऊंगा।
सीएम ने कहा- कैप्टन-रंधावा से वसूलेंगे खर्चा
सीएम भगवंत मान ने रविवार को ट्वीट करके कहा – ” उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अंसारी को अपनी दोस्ती निभाने के लिए पंजाब की जेल में रखने और उसका केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ने की 55 लाख फीस पंजाब के खजाने से नहीं दी जाएगी। यह पैसा तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह
और जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से वसूला जाएगा। भुगतान नहीं करने की स्थिति में उनकी पेंशन और अन्य सरकारी लाभ रद्द कर दिए जाएंगे।”
कैप्टन ने कहा- सीएम भगवंत मान का बयान मूर्खतापूर्ण
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट पर ही सीएम मान को जवाब देते हुए कहा-‘” ऐसे वाहियात बयान देने से पहले कानूनी और जांच प्रक्रिया को समझो। आपका ये बयान आपकी अज्ञानता को दिखाता है। अंसारी को कानून के तहत ही जांच के लिए पंजाब लाया गया था। फिर इस पूरी पिक्चर में मुख्यमंत्री और जेल मंत्री कहां से आ गए?”
मान ने जवाब दिया- आप मुगलों, अंग्रेजों के साथ रहे
कैप्टन को जवाब देते हुए CM मान ने लिखा- “कैप्टन साहब, मैं पंजाब के लोगों के पैसे की रखवाली कर रहा हूं। आप मुझे अज्ञानी कह रहे हो। कैप्टन साहब, मुगलों के राज के वक्त आप मुगलों के साथ थे.. अंग्रेजों के राज के समय आप अंग्रेजों के साथ थे। कांग्रेस के राज के वक्त कांग्रेस के साथ थे। अकालियों के राज के वक्त अकालियों के साथ थे। अब भाजपा के राज के समय भाजपा के साथ हो। आपकी ही अक्लमंदी ने पंजाब का बेडागर्क किया है।
कैप्टन ने कहा- मैं अंसारी को नहीं जानता, कभी देखा नहीं
कैप्टन ने कहा- मैं साढ़े 9 साल सीएम रहा । मान को डेढ़ साल हुआ है। पहले सीखना चाहिए। कानून का पता करना चाहिए। भगवंत मान को पता नहीं कि सरकारें कैसे चलती हैं। पता नहीं ऑक्सफोर्ड से कोई डिग्री करके आए हैं। जब किसी राज्य में कोई क्राइम होता है तो लोकल पुलिस को पूरा अधिकार है कि उसे लेकर आएं। उसकी जांच करें। वह चाहे कहीं भी बैठा हो। इसमें सीएम या जेल मंत्री के हाथ में कोई बात नहीं होती। मैं जिंदगी में कभी मुख्तार अंसारी को नहीं मिला। वह मेरा कोई करीबी नहीं। मैं तो उसे जानता तक नहीं हूं। मैंने उसे देखा तक नहीं है ।
रंधावा ने कहा- सीएम मान अनुभवहीन
सीएम भगवंत मान को जवाब देते हुए पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि अंसारी मामले में उन्होंने कोई पेमेंट नहीं की और फाइल लौटा दी थी। उन्होंने सीएम मान से पूछा कि जब कोई पेमेंट ही नहीं हुई, संबंधित व्यक्ति को उसके पैसे ही नहीं गए तो उनसे रिकवरी किस बात की ? रंधावा ने कहा कि सीएम भगवंत मान उन्हें रिकवरी नोटिस तो भेजें, कोर्ट में मानहानि का केस करूंगा। रंधावा ने सीएम भगवंत मान को अनुभवहीन बताया। रंधावा ने कहा कि
अनुभवहीन, अक्षमताएं और बुनियादी जरूरतों की कमी पंजाब के लिए हानिकारक है।
उत्तर प्रदेश पुलिस पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 बार पंजाब सरकार को पत्र लिखकर मुख्तार अंसारी की वापसी की मांग की थी, लेकिन मुख्तार अंसारी की खराब तबीयत का जिक्र किया था। अंत में उप्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके खिलाफ पंजाब सरकार ने एक सीनियर वकील
को हायर किया। इससे पंजाब सरकार के खजाने पर पर 55 लाख का बोझ पड़ा। यही बिल मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास पहुंचा था, जिसे उन्होंने वापस भेज दिया था।
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