Breaking News

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व कल  शनिवार को ; श्री दरबार साहिब को सुंदर  फूलों से सजाया गया

अमृतसर,15 सितंबर (राजन):श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व शनिवार को श्री दरबार साहिब में मनाया जा रहा है। इस दिन डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दरबार साहिब में माथा टेकने की संभावना है। सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने 1604 में दरबार साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था। तब से लेकर अब तक हर साल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।इस पर्व से पहले ही श्री दरबार साहिब को सुंदर फूलों से सजाया गया है। श्री दरबार साहिबको सजाने के लिए विदेशों से फूल लाए गए हैं। यह फूल थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया से इंपोर्ट किए गए हैं, जिनसे  दरबार साहिब को सजाने के लिए 180 कारीगर दिन रात सजावट के काम में जुटे हुए हैं। दरबार साहिब को सजाने के लिए 100 क्विंटल से अधिक फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है,जिन्हें 10 ट्रकों में लादकर अमृतसर लाया गया। सिर्फ श्री दरबार साहिब ही नहीं, श्री गुरु रामदास जी
के नाम पर बने अमृतसर एयरपोर्ट को भी फूलों से सजाया गया है।

बाबा बुड्ढा जी ने बाणी पढ़ने की शुरुआत की थी

सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव जी ने 1604 में दरबार साहिब में पहली बार गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था। 1430 अंग (पन्ने) वाले इस ग्रंथ के पहले प्रकाश पर संगत ने कीर्तन दीवान सजाए और बाबा बुड्ढा जी ने बाणी पढ़ने की शुरुआत की। पहली पातशाही से छठी पातशाही तक अपना जीवन सिख धर्म की सेवा को समर्पित करने वाले बाबा बुड्ढा जी इस ग्रंथ के पहले ग्रंथी बने। आगे चलकर इसी के संबंध में दशम गुरु गोबिंद सिंह ने हुक्म जारी किया “सब सिखन को हुकम है गुरु मान्यो ग्रंथ ।’

गुरु अर्जन देव बोलते गए, भाई गुरदास लिखते गए

1603 में 5वें गुरु अर्जन देव ने भाई गुरदास से गुरु ग्रंथ साहिब को लिखवाना शुरू करवाया, जो 1604 में संपन्न हुआ। नाम दिया ‘आदि ग्रंथ’ ।1705 में गुरु गोबिंद सिंह ने दमदमा साहिब में गुरु तेग बहादुर के 116 शबद जोड़कर इन्हें पूर्ण किया। 1708 में दशम गुरु गोबिंद सिंह ने हजूर साहिब में फरमान जारी किया था, “सब सिखन को हुकम है गुरु मान्यो ग्रंथ ”

समूची मानवता को एक लड़ी में पिरोने का संदेश है गुरु ग्रंथ साहिब

सिखों में जीवंत गुरु के रूप में मान्य श्री गुरु ग्रंथ साहिब केवल सिख कौम ही नहीं बल्कि समूची मानवता के लिए आदर्श व पथ प्रदर्शक हैं। दुनिया में यह इकलौते ऐसे पावन ग्रंथ हैं जो तमाम तरह के भेदभाव से ऊपर उठकर आपसी सद्भाव, भाईचारे, मानवता व समरसता का संदेश देते हैं।

श्री गुरुद्वारा रामसर साहिब से निकलेगा नगर कीर्तन

गुरुद्वारा रामसर साहिब वाली जगह गुरु साहिब ने 1603 में भाई गुरदास से बाणी लिखवाने का काम शुरू किया था। गुरु साहिब ने इसमें बिना कोई भेदभाव किए तमाम विद्वानों और भक्तों की बाणी शामिल की। 1604 में गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश दरबार साहिब में किया गया कल शनिवार, श्री रामसर साहिब से ही नगर कीर्तन निकाला जाएगा, जो श्री दरबार साहिब तक आएगा।वहीं, इस दिन श्रद्धालुओं के लिए लंगर में खास पकवान पकाए जाएंगे। गुरुघर में जलोए सजाए जाएंगे। वहीं, रात के समय श्री दरबार साहिब में सुंदर आतिशबाजी भी की जाएगी।

‘अमृतसर न्यूज़ अपडेटस” की व्हाट्सएप पर खबर पढ़ने के लिए ग्रुप ज्वाइन करें

https://chat.whatsapp.com/D2aYY6rRIcJI0zIJlCcgvG

‘अमृतसर न्यूज़ अपडेटस” की खबर पढ़ने के लिए ट्विटर हैंडल को फॉलो करें

https://twitter.com/AgencyRajan

About amritsar news

Check Also

सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ श्री दरबार साहिब में हुए नतमस्तक , गुरुघर में बैठकर कीर्तन सुना

अमृतसर, 24 जून :पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ इन दिनों पंजाब के दौरे पर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *