अमृतसर, 18 सितंबर(राजन): गुरद्वारा शहीदा साहिब के साथ लगभग 60 करोड़ रुपयों की लागत के शुरू किया गया स्काईवॉक प्रोजेक्ट को ड्रॉप किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को 8 दिसंबर साल 2022 को मंजूरी मिली थी। इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन 26 मार्च साल 2023 को तत्कालीन लोकल बॉडी मंत्री डॉक्टर इंद्रबीर सिंह निज्जर द्वारा किया गया था। तब इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था। पिछले कई दिनों से इस प्रोजेक्ट का कार्य बंद पड़ा है।अमृतसर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अंतर्गत इस प्रोजेक्ट का कार्य होना है।इतना बड़ा प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद बीच में कार्य बंद होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस प्रोजेक्ट के बारे में पहले यह-यह कहा गया था
इस प्रोजेक्ट के बारे में कहा गया था कि प्रोजेक्ट पूरा होने उपरांत शहीदा साहिब जाने वाली संगत को भारी राहत मिलेगी। गुरुद्वारा शहीदा साहिब में प्रतिदिन लगभग 50,000 से 60,000 श्रद्धालु आते हैं। संगत को गुरुद्वारा तक पहुँचने के लिए सड़क पार करनी पड़ती है, न केवल यह असुविधाजनक है। जिसके परिणामस्वरूप यातायात की भीड़ होती है। इस प्रोजेक्ट में पैदल श्रद्धालु ड्रॉप ऑफ और पिकअप पॉइंट के साथ गुरुद्वारा शहीदा साहिब के सामने उपयुक्त पैदल श्रद्धालु क्रॉसिंग सुविधा के रूप में कई फुट ओवर ब्रिज (एमएफओबी), स्काई वॉक प्लाजा शामिल हैं। पैदल चलने वालों की आवाजाही में आसानी के लिए प्लाजा सीढ़ियों, एस्केलेटर, लिफ्ट के माध्यम से प्रवेश / निकास पॉइंट को एकीकृत करेगा।
प्रोजेक्ट श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करेगा
स्काईवॉक प्रोजेक्ट से श्रद्धालुओं को शौचालय, पर्यटन सूचना केंद्र और पुलिस पोस्ट जैसी सुविधाओं और सुविधाओं का प्रावधान संगत के लिए सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करेगा। थीम वाले परिदृश्य और सौंदर्यीकरण के माध्यम से प्लाजा के विकास से प्लाजा की सुंदरता और प्रभावी उपयोग में वृद्धि होगी। इस स्काईवॉक की लंबाई 460 मीटर रामसर गुरुद्वारा से चट्टीविंड चौक, 6 मीटर चौड़ाई, सड़क से 7 मीटर ऊंचाई, स्काईवॉक प्लाजा में 16 सीढ़ियां, 16 एस्केलेटर और 7 लिफ्ट होंगी। इस प्रोजेक्ट को कंपनी द्वारा डेढ़ वर्ष के भीतर पूरा किया जाना है।
खुलकर कोई अधिकारी नहीं बता रहा !
स्काईवॉक प्रोजेक्ट को लेकर कोई भी अधिकारी खुलकर नहीं बता रहा। फिलहाल इस प्रोजेक्ट का काम बंद पड़ा हुआ है। प्रोजेक्ट का काम बंद होने के भी अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ट्रैफिक की सुविधा के लिए 60 करोड रुपए की बड़ी राशि खर्च की जानी ठीक नहीं है। इससे बहुत ही कम राशि में गुरुद्वारा शहीदा साहिब के आसपास की ट्रैफिक व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की जा सकती है। इस प्रोजेक्ट पर अंतिम घोषणा अब पंजाब सरकार द्वारा ही की जानी है।
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