अमृतसर,3 अक्टूबर (राजन):कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज एक बार फिर श्री दरबार साहिब पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले लंगर घर में महिलाओं के साथ सब्जी और लहसुन काटा और जूठे बर्तन धोए। अब वह हॉल में लंगर बांट रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने देर रात 12 बजे तक सेवा की थी। 24 घंटों में वह तीसरी बार सेवा करने के लिए पहुंचे है। लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने स्पष्ट कर दिया कि ये पश्चाताप नहीं है।
छबील के करीब जूठे बर्तन धोने की सेवा की
सोमवार दोपहर को दरबार साहिबपहुंचे राहुल गांधी ने छबील के करीब जूठे बर्तन धोने की सेवा की थी। इससे पहले वह श्री दरबार साहिब में नतमस्तक हुए । इस दौरान उन्होंने परिक्रमा में छबील पर बैठ काफी समय तक पानी की सेवा की। ये देख श्रद्धालु भी हैरान थे। लोग खुद करीब जाकर उनसे बात भी कर रहे थे और पानी भी ले रहे थे।
वहीं, इस दौरान राहुल गांधी ने पालकी साहिब के दर्शन भी किए। गुरुघर के द्वार बंद होने के बाद राहुल गांधी साफ सफाई की सेवा में जुट गए।.उन्होंने कपड़ा पकड़ा और रेलिंग की सफाई का.काम शुरू कर दिया। दरबार साहिब में सेवा कर.रहे युवकों के साथ वह हाथ से हाथ बंटाते दिखे।
इस सारे कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी चुप्पी सादे हुए हैं। परिक्रमा में राहुल गांधी ने एक छोटे बच्चों के साथ मामूली बातचीत की। राहुल गांधी ने बच्चों से पूछा कि वह कहां से आए हैं, उसके पिता क्या करते हैं। इस दौरान इस बच्चे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
राहुल गांधी की सेवा को पश्चाताप ना कहें : एसजीपीसी
एसजीपीसी जनरल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिख मर्यादा के अनुसार इस घर में कोई भी आ सकता है। यहां चढ़ के आए को तेग, निम के आए को देग। राहुल गांधी ने यहां सेवा की, इसलिए उसे देग दी गई। लेकिन उनकी सेवा को पश्चाताप कहना गलत होगा। लेकिन जो उन्हें यहां आकर कहना था और उन्होंने नहीं कहा, वे राजनीति थी।.ग्रेवाल ने कहा कि राहुल गांधी उस परिवार का हिस्सा हैं, जिनकी दादी ने श्री अकाल तख्त.साहिब को गिराया और पिता ने दिल्ली में सिखों.का कत्लेआम किया। लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब पूरी बुलंदी पर खड़ा है। 40 साल से जख्म वैसा का वैसा ही है। उनकी इस सेवा को पश्चाताप नहीं कहा जा सकता।
दिल्ली में विध्वाओं की बस्ती में क्यों नहीं गए राहुल
ग्रेवाल ने कहा कि उनके पिता राजीव गांधी को मारने वाली नलनी को मिलने के लिए प्रियंका जेल में जा सकती है। लेकिन क्या राहुल गांधी विधवाओं की बस्ती में गए हैं, जहां दिल्ली में.कत्लेआम हुआ। क्योंकि सिख सिर्फ 2 प्रतिशत हैं और नलनी हिंदू थी और उनका वोट बैंक उन्हें चाहिए। राहुल गांधी ने कभी बोला कि उनके साथ कुर्सियों में बैठने वाले माकन व जगदीश.टाइटलर आदि कातिल हैं। ऐसे में राहुल गांधी ने जो नहीं बोला, वे राजनीति थी। सेवा करना ना राजनीति है और ना ही पश्चाताप ।
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