अमृतसर,26 नवंबर(राजन): दून इंटरनेशनल स्कूल ने हाल ही में अपने वार्षिक समारोह, “बियॉन्ड द सरफेस” का आयोजन किया, जो पारंपरिक सीमाओं से परे शिक्षा के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंजाब पुलिस, बठिंडा रेंज, पंजाब के ए डी जी पी सुरिंदरपाल सिंह परमार थे। परमार की उपस्थिति ने इस अवसर को सम्मान और गरिमा प्रदान की।
परमार ने दून स्कूल की बहुत प्रशंसा की
ए डी जी पी परमार ने दून स्कूल की बहुत प्रशंसा की।उन्होंने कहा कि दून स्कूल अमृतसर का सर्वश्रेष्ठ स्कूल है जो पढ़ाई के साथ – साथ खेल कूद, नृत्य, संगीत आदि की बेहतर सुविधाएँ देकर बच्चों के सर्वांगीण विकास को अपना लक्ष्य मानता है जिसका प्रमाण है सत्र 2022-23 का कक्षा दसवीं का शानदार बोर्ड परिणाम। उन्होंने बच्चों से प्रश्न पूछे तथा बच्चों की हाजिर जवाबी से वे बहुत प्रभावित हुए । अपने संबोधन में उन्होंने दून स्कूल को शुभ कामनाएँ देते हुए कहा कि भविष्य में भी दून स्कूल नए-नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करे।
अपने संबोधन के दौरान, परमार ने एक इनडोर खेल परिसर के लिए स्कूल की महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की। इस सुविधा में एक ओलंपिक आकार का तापमान नियंत्रित स्विमिंग पूल, बास्केटबॉल कोर्ट, स्क्वैश और बैडमिंटन कोर्ट, शूटिंग रेंज, स्केटिंग रिंक, पूरी तरह सुसज्जित जिम, योग स्टूडियो / ध्यान कक्ष, शतरंज कक्ष, टेबल टेनिस क्षेत्र और बहुत कुछ शामिल होगा। उन्होंने पारंपरिक सीमाओं से परे व्यापक शिक्षा प्रदान करने की दून इंटरनेशनल स्कूल की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
“बियॉन्ड द सरफेस” ने न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों बल्कि छात्रों की विविध प्रतिभाओं का शानदार प्रदर्शन
इस कार्यक्रम में स्कूल की प्रबंधक समिति के सम्माननीय सदस्य, जिनमें अध्यक्ष नवल शर्मा, उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, निदेशक मेघना शर्मा, अकादमिक निदेशक ध्वनि सिंह और प्रिंसिपल तरनजोत कौर शामिल थे, जो संस्थान की उत्कृष्टता के प्रति समर्पण के प्रतीक हैं। “बियॉन्ड द सरफेस” ने न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों बल्कि छात्रों की विविध प्रतिभाओं का शानदार प्रदर्शन था । नृत्य थीम ” ओशन ” ने दर्शकों का ध्यान समुद्री जीवन पर केंद्रित करते हुए उन्हें अलौकिक अनुभव प्रदान किया । कोरियोग्राफी ने लहरों के नीचे के चमत्कारों को जीवंत कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया। रचनात्मकता और नवीनता से परिपूर्ण नृत्य प्रस्तुतियों में तकनीकी प्रगति का भी सुमेल था । विज्ञान के विभिन्न आविष्कार श्री एपीजे अब्दुल कलाम जैसे दूरदर्शी लोगों की ही देन हैं। इस विषयगत तत्व ने प्रकृति और मानव के अंतर्संबंध को दर्शाया।
चेयरमैन नवल शर्मा ने स्कूल की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए छात्रों को एक ऐसी दुनिया के लिए तैयार करने के लिए पारंपरिक शिक्षा से आगे जाने की अनिवार्यता पर जोर दिया जो रचनात्मकता तथा परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढालने की मांग करती है। उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने विद्यार्थियों को जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों बनाने में व्यापक शिक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला। निदेशक मेघना शर्मा, अकादमिक निदेशक ध्वनि सिंह और प्रिंसिपल तरनजोत कौर स्कूल की शैक्षणिक उत्कृष्टता तथा छात्रों के चारित्रिक विकास के लिए कृत संकल्प हैं। “बियॉन्ड द सरफेस” अकादमिक उपलब्धियों के साथ- साथ सर्वांगीण शिक्षा प्रदान करने के लिए दून इंटरनेशनल स्कूल के समर्पण का सशक्त प्रमाण था। इस कार्यक्रम ने छात्रों को कुछ नया खोजने प्रश्न पूछने और विकास के लिए प्रोत्साहित करने की स्कूल की अवधारणा को समझाया, जो सतह से बहुत दूर तक फैली हुई है, तथा विद्यार्थियों को संभावनाओं और चुनौतियों से भरे भविष्य के लिए तैयार करती है।
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