अमृतसर,11 फरवरी :शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने तख्त श्री हजूर साहिब प्रबंधन बोर्ड में सरकार द्वारा नामित सदस्यों की संख्या बढ़ाने की महाराष्ट्र सरकार की जिद को सिख भावनाओं की उपेक्षा करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को सिखों के मसले सिखों पर ही छोड़ देने चाहिए उन्हें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का यह कहना तर्कसंगत नहीं है कि बोर्ड में केवल सिख सदस्यों को ही लिया जाएगा। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया कि जिन सिख संस्थाओं के सदस्य कम किए जा रहे हैं, क्या उनके द्वारा मनोनीत सदस्य सिख नहीं थे ? शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि सरकार का स्पष्टीकरण केवल भ्रामक है, जबकि सच्चाई यह है कि सरकार गुरुद्वारे की व्यवस्था अपने हाथ में लेना चाहती है। उन्होंने कहा
कि सरकारों को सिख मामलों में इस तरह दखल नहीं देना चाहिए, बल्कि सिखों के मसले सिखों पर ही छोड़ देना चाहिए। सिख जगत की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर देश में शत्रुतापूर्ण माहौल बनाया जा रहा है, जो देश हित में नहीं है । उन्होंने कहा कि कल तख्त श्री हजूर साहिब में सिखों के एक बड़े समूह ने सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। महाराष्ट्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और प्रतिनिधि सिख संगठनों के साथ बैठक कर उनकी राय के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार को मनमाना फैसला लेने से बचना चाहिए
उन्होंने कहा कि तख्त श्री हजूर साहिब सिखों के पूजनीय तख्तों में से एक है, जहां के प्रबंधन और सेवा के लिए 1956 में बनाए गए अधिनियम का उल्लंघन करने और तोड़ने की कोई जरूरत महसूस नहीं की जाती है। इसकी स्थापना हर तरफ से सोच-विचार कर की गई थी। इसमें स्थानीय सिख, प्रतिनिधि सिख संगठन, संसद के सिख सदस्य और सरकार के उचित प्रतिनिधि शामिल थे। शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को सिख जगत पर मनमाना फैसला लेने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी इस संबंध में पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुकी है, जिस पर उन्हें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
‘अमृतसर न्यूज़ अपडेटस” की व्हाट्सएप पर खबर पढ़ने के लिए ग्रुप ज्वाइन करें
https://chat.whatsapp.com/D2aYY6rRIcJI0zIJlCcgvG
‘अमृतसर न्यूज़ अपडेटस” की खबर पढ़ने के लिए ट्विटर हैंडल को फॉलो करें